चीन की ‘बाओशँग बैंक’ पर सरकार ने किया कब्जा नए आर्थिक संकट के संकेत

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबीजिंग: चीन की हुकूमत ने दिवालिया निकल रही ‘बाओशँग बैंक’ पर कब्जा किया है| इस तर ह सरकार ने नीजि क्षेत्र की बैंक पर नियंत्रण पाने की चीन में पिछले दो दशकों में हुई यह पहली घटना साबित हुई है| इस घटना से चीन की बैंकिंग क्षेत्र, कर्ज वितरण क्षेत्र एवं अर्थव्यवस्था की कमजोरी फिर एक बार उजागर हुई है| इसके साथ ही यह घटना नए आर्थिक संकट होने के संकेत प्राप्त हो रहे है| चीन के अधिकारियों ने यह घटना अपवाद होने की बात कही है, फिर भी इसके बाद छोटी बैंकों को आर्थिक सहायता करने के विषय में बनाए गए नियम कडे किए गए है, यह भी उजागर हुआ है|

‘जी२०’ बैठक में अमरिका और चीन में व्यापार युद्ध कुछ समय के लिए स्थगित करने पर सहमति बनी थी| फिर भी इससे पहले अमरिका ने थौंपे कर एवं अन्य प्रतिबंधों के झटके चीन की अर्थव्यवस्था को महसूस हो रहे है| इस कारण अर्थव्यवस्था कजोर होने का अहवाल चीन की ही यंत्रणा से घोषित हो रहे है| अमरिका के साथ शुरू व्यापारयुद्ध का असर कम हो इसके लिए चीन से अंतर्गत अर्थव्यवस्था में बडी तादाद में नीधि दिया जा रहा है| अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने भी इसी बात का स्पष्ट तौर पर जिक्र किया था|

चीन की सेंट्रल बैंक देश की अधिकांश बैंकों को बडी मात्रा में नीधि उपलब्ध कर रही है| उद्योगक्षेत्र एवं परियोजनाओं को जरूरी आर्थिक सहायता प्राप्त होती रहे, इसका ध्यान रखा गया है| इस पृष्ठभूमि पर ‘बाओशँग बैंक’ का मामला चीन के साथ चीन में निवेष कर रहे विदेशी निवेषकों को भी झटका देनेवाला साबित हुआ है|

वर्ष ‘बाओशँग बैंक’ ने वर्ष २०१७ में ६० करोड डॉलर्स का मुनाफा होने का और बैंक के पास करीबन ९० अरब डॉलर्स की संपत्ति जमा होने की जानकारी दी थी| ऐसी सुस्थिति दिखानेवाली बैंक यकायक गिरना झटका दे रहा है| इसके पीछे बैंक के मालिकों से अन्य क्षेत्र में किया गया निवेष और चीन सरकार से शुरू हुई जांच जिम्मेदार होने का कारण आगे किया गया है| लेकिन, अभी तक चीन में इस तरह सेस बैंक गिरने की घटना हुई नही थी|

चीन के बैंकिंग क्षेत्र में सरकार ने एक अलिखित हमी दी है और इसके तहेत बैंक को गिरने नही दिया जाएगा और उसे जरूरी आर्थिक सहायता एवं अन्य प्रकार की सहायता भी दी जाती है| यह बात ‘हार्ड गारंटी’ के तौर पर जानी जाती है| ‘बाओशँग’ के विष में चीन सरकार ने यह नियम तोड दिया है और सीधे बैंक पर नियंत्रण में लिया है| बैंक को नियंत्रण में लेने के बाद स्वतंत्र नियंत्रक नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू हुई है| बैंक की जमा एवं कर्ज की ७० से ८० प्रतिशत की हमी कायम रखी गई है, यह बात सूत्रों ने स्पष्ट की|

‘बाओशँग बैंक’ मामले के बाद चीन की सेंट्रल बैंक ने बैंकिंग क्षेत्र के लिए करीबन ६०० अरब युआन का नीधि तुरंत उपलब्ध किया है| लेकिन, इसी बीच चीन में छोटी बैंकों को निधी देने के लिए बनाए नियम और भी कडे किए है| बैंकों से दिए जा रहा कर्ज महंगा हुआ है और नियम कडे करने के संकेत दिए गए है|

चीन का उद्योगक्षेत्र अमरिका के साथ शुरू व्यापारयुद्ध के झटके बर्दाश्त कर रहा है और ऐसे में अर्थसहायता के स्रोत कम होना उद्योगक्षेत्रों के लिए कठिनाई से भरा हो सकता है| इस वजह से औद्योगिक उत्पाद के साथ बेरोजगारी, अंतर्गत मांग इन जैसे कई मुद्दों पर व्यापक असर हो सकता है| यह ध्यान में रखकर ‘बाओशँग बैंक’ का मामला चीन ने शीघ्रता में लपेटा हो, फिर भी असलियत में अर्थव्यवस्था के लिए नए संकट का निमंत्रण साबित हो सकता है, यह दावा कुछ विश्‍लेषक और विशेषज्ञ कर रहे है|

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