अमरिकी अर्थव्यवस्था से बने संबंध चीन तोड दे – चीन के वित्तीय विशेषज्ञ

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबीजिंग: दुनिया में दो अग्रणी की वित्त व्यवस्था अमरिका एवं चीन में एक दूसरों से हो रहे आर्थिक एवं व्यापारी संबंध तोड़ना संभव है, ऐसी सनसनीखेज चेतावनी चीन के वित्तविशेषज्ञ एवं विश्‍लेेषकों ने दी है| अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के विरोध में शुरू किए व्यापारयुद्ध को एक वर्ष पूर्ण होते समय चीनी वित्त विशेषज्ञ ने यह चेतावनी देकर ध्यान केंद्रित किया है| चीनी वित्त विशेषज्ञ संबंध तोड़ने की भाषा करते समय अमरिका एवं चीन में व्यापारी चर्चा फिर एक बार शुरू हुई है|

अमरिका का अंतिम लक्ष्य किसी भी परिस्थिति में चीन का बढ़ता प्रभाव रोकना यह है| अमरिका के लिए यह जीवन मृत्यु का खेल है| दोनों देशों को एक दूसरे से होनेवाले आर्थिक एवं व्यापारी संबंध तोड़ना इस तरफ अमरिका धारणात्मकरूप से बंदी करने की कोशिश के तौर पर देखने की आशंका है| चीन को अधिक सामर्थ्यवान होने से रोकने के लिए यह बात सहायक हो सकती है, ऐसे शब्दों में चीन के वरिष्ठ वित्त विशेषज्ञ शिआंगयांग ने सीधे ‘ब्रेकअप’ के संकेत दिए हैं| सैद्धांतिक स्तर पर अमरिका एवं चीन ने एक दूसरों से होनेवाले आर्थिक संबंध तोड़ना संभव होने का दावा भी उन्होंने किया है|

ली शिआंगयांग यह चीन में अग्रणी अभ्यास गट के तौर पर पहचाने जानेवाले ‘नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्ट्रेटजी’ के प्रमुख है| यह अभ्यास गट चीन सरकार का उपक्रम होनेवाले ‘चाइनीस अकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज’ का भाग है| चीन के ‘रेनमिन यूनिवर्सिटी’ में हुए एक कार्यक्रम में ली ने अमरिका-चीन व्यापारयुद्ध के बारे में बोलते हुए दोनों देशों को एक दूसरों के आर्थिक संबंध तोड़ना, यह सबसे अधिक चरम एवं बुरी स्थिति हो सकती है, ऐसा स्पष्ट किया है|

फिलहाल व्यापारयुद्ध में चीन की स्थिति कमजोर है| फिर भी चीन का सत्ताधारी प्रशासन अमरिका को कई सहूलियत देने पर विवश होगा, ऐसी आशंका भी ली शिआंगयांग ने जताई है| पर चीन का सत्ताधारी प्रशासन अगर सहूलियत नहीं देगा, तो दोनों देशों के आर्थिक संबंध टूट सकते हैं, इसका अहसास शिआंगयांग ने दिलाया है| अमरिका कर एवं अन्य माध्यमों से चीन के दुनिया से होनेवाले आर्थिक संबंध तोड़ने की कोशिश करेगी| उसके बदले में चीन ने अमरिका के साथ बने संबंध तोड़ने पर अन्य देशों के साथ बने संबंध कायम रखे जा सकते हैं, ऐसी सलाह भी ली शिआंगयांग ने दी है|

रेनमिन यूनिवर्सिटी में वित्त शास्त्र के प्राध्यापक के तौर पर कार्यरत होनेवाले लिऊ किंग ने भी शिआंगयांग इनके खयाल को समर्थन दिया है| पर चीन ने अमरिका के साथ आर्थिक संबंध तोड़ने की बात टालनी चाहिए, क्योंकि उसका फायदा दुनिया के अन्य देशों को हो सकता हैं, इसकी तरफ किंग ने ध्यान केंद्रित किया है| चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने भी पिछले महीने में रशिया में हुए एक कार्यक्रम में अमरिका एवं चीन में आर्थिक संबंध टूटना संभव न होने की बात स्पष्ट की थी| तथा चीन के विदेश विभाग ने आर्थिक संबंध तोड़ने की भाषा अत्यंत खतरनाक एवं गैर जिम्मेदार बर्ताव के संकेत हैं, ऐसे शब्दों में फटकारा था|

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले वर्ष जुलाई महीने में चीन के उत्पादन पर कर जारी करके व्यापारयुद्ध की शुरुआत की थी| उसके बाद अमरिका ने चीन के २५० अरब डॉलर से अधिक उत्पादन पर कर जारी किया है और बचे हुए उत्पाद के आयात पर भी कर जारी करने की धमकी दी है| चीन ने भी अमरिका के व्यापारयुद्ध को प्रत्युत्तर देते हुए अमरिका के लगभग ११० अरब डॉलर के उत्पाद पर कर जारी किए हैं| इस पृष्ठभूमि पर कुछ दिनों पहले हुई जी-२० परिषद में अमरिका एवं चीन के राष्ट्राध्यक्ष फिर से व्यापारी चर्चा शुरू करने का निर्णय लिया है|

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