मालाबार युद्धाभ्यास इस वर्ष गुआम द्वीप पर होगा

नई दिल्ली: भारत, अमरिका और जापान के नौदल में प्रतिवर्ष होनेवाला मालाबार युद्धाभ्यास इस जून महीने में अमरिका के गुआम द्वीप पर होगा। मालाबार युद्धाभ्यास के लिए पैसेफिक महासागर में स्थित जगह का चुनाव करके चीन को इशारा देने की बात स्पष्ट हो रही है।

भारत, अमरिका और जापान में होनेवाला मालाबार युद्धाभ्यास इस वर्ष ७ से १५ जून के दौरान होगा, ऐसा वृत्त है। पर इस वर्ष युद्धाभ्यास के लिए चुनी हुई जगह की वजह से इस अभ्यास को अधिक महत्व मिला है। पिछले वर्ष यह युद्धाभ्यास बंगाल के उप-सागर में आयोजित हुआ था। पर इस वर्ष अभ्यास पैसेफिक महासागर के द्वीप पर होगा।

मालाबार, युद्धाभ्यास, गुआम द्वीप, नौदल, अमरिका, नई दिल्ली, ऑस्ट्रेलिया

यह द्वीप व्यूहरचनात्मक रुप से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पिछले वर्ष उत्तर कोरिया ने इस द्वीप पर हमले करने की धमकी अमरिका को दी थी। उत्तर कोरिया का समर्थक देश होने वाले चीन की पैसिफिक महासागर में शुरु गतिविधियां अत्यंत आक्रामक हुई थी। पैसेफिक महासागर का ही भाग होनेवाले ‘साउथ चाइना सी’ और ‘ईस्ट चाइना सी’ में लगभग संपूर्ण क्षेत्रपर चीन ने दावा किया था।

चीन के इस दावे से जापान, तैवान, व्हिएतनाम, फिलिपाईन्स के साथ अन्य देश चीन के विरोध में खडे हुए। साउथ चाइना सी क्षेत्र में चीन ने अपना सामर्थ्य बड़े तादाद में बढ़ाया है। इस क्षेत्र पर चीन ने संपूर्ण नियंत्रण प्रस्थापित किया है। युद्ध हुआ तो यह नियंत्रण छूट सकता है, ऐसा इशारा अमरिका के संसद में प्रस्तुत हुए एक रिपोर्ट में हाल ही में बताया गया था। इस पृष्ठभूमि पर मालाबार के लिये पैसेफिक महासागर में गुआम द्वीप का चुनाव करके चीन को संदेश देने की बात स्पष्ट हो रही है।

इस युद्धाभ्यास में अमरिका का परमाणु विमान वाहक युद्धपोत यूएसएस रोनाल्ड रीगन शामिल होगा। भारत इस युद्धाभ्यास के लिए तीन युद्धनौका भेजने वाला है। इसमें आयएनएस सहयाद्रि, पनडुब्बी विरोधी स्थेल्थ युद्धनौका आईएनएस कामोत्रा का समावेश होगा, ऐसा वृत्त है। फिलहाल इस युद्धाभ्यास के लिए जोरदार तैयारी शुरू है।

१९९२ वर्ष से भारत और अमरिका में मालाबार युद्धाभ्यास आयोजित किया जाता है। १९९८ वर्ष के भारत के परमाणु परीक्षण के बाद जारी किए हुए प्रतिबंधों की वजह से और यह युद्धाभ्यास ४ वर्ष रुका था। पर सन २००२ वर्ष से फिर से इस युद्धाभ्यास का आयोजन शुरु हुआ है। सन २०१६ वर्ष में जापान भी इस युद्धाभ्यास में स्थाई सदस्य के तौर पर शामिल हुआ है। इससे पहले जापान अस्थाई सदस्य के तौर पर कई वर्ष शामिल होता रहा है। उस पर चीनने आक्षेप जताया था। ऑस्ट्रेलिया के इस अभ्यास में शामिल होने पर भी चीन बौखला गया था और ऑस्ट्रेलिया को भी मालाबार में शामिल होने की इच्छा है पर चीन को भारत, अमरिका, जापान एवं ऑस्ट्रेलिया का साथ आना अपने विरोध में षडयंत्र लगता है। इसकी वजह से ऑस्ट्रेलिया को इसमें शामिल करने पर चीन का तीव्र विरोध है।

इसकी वजह से ऑस्ट्रेलिया के विनती के बाद भी इस वर्ष मालाबार मे ऑस्ट्रेलिया को शामिल ना करने का निर्णय लिया गया है और भविष्य में ऑस्ट्रेलिया मालाबार युद्धाभ्यास में स्थाई सदस्य के तौर पर शामिल होगा, ऐसे संकेत प्राप्त हुए हैं। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष के तौर पर डोनाल्ड ट्रम्प ने सूत्र हाथ लेने के बाद भारत एवं अमरिका में होनेवाला यह पहला बड़ा युद्धाभ्यास है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.