रशिया-ताजिकिस्तान बढ़ाएँगे अफ़गान सीमा पर सुरक्षा

मास्को/काबुल – ‘आयएस’ से संबंधित आतंकी संगठन ने अफ़गानिस्तान में पैर जमाएँ हैं। तालिबानी हुकूमत के लिए चुनौती साबित हो रहा यह संगठन, आनेवाले दिनों में मध्य एशियाई देशों की सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकता है, ऐसा दावा अन्तर्राष्ट्रीय विश्लेषक कर रहे हैं। ऐसें में रशिया ने ताजिकिस्तान के साथ अफ़गानिस्तान की सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने का ऐलान किया। साथ ही, तालिबानी हुकूमत के साथ संबंध सुधारने के लिए रशिया ने कोशिश शुरू की है, ऐसा ऐलान भी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने किया।

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को ताजिकिस्तान इस पूर्व सोवियत देश का दौरा किया। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रशियन राष्ट्राध्यक्ष का यह पहला विदेश दौरा हैं। अपने इस दौरे में राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने, ताजिकिस्तान के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने की बात स्पष्ट की। ताजिकिस्तान की सेना का आधुनिकीकरण करने की ज़रूरत होने की बात राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने ताजिक राष्ट्राध्यक्ष इमोमअली राहमोन के साथ हुई मुलाकात के दौरान स्पष्ट की। साथ ही, अफ़गानिस्तान की सीमा पर रशिया-ताजिकिस्तान सुरक्षा बढ़ाएँगे, यह ऐलान रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने किया।

अफ़गानिस्तान के साथ बातचीत करते समय राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने, तालिबानी हुकूमत के साथ संबंध सुधारने का बयान किया है। ‘अफ़गानिस्तान के राजनीतिक नेतृत्व के साथ चर्चा करके इस देश की स्थिति सामान्य करने के लिए रशिया की कोशिश जारी है, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने कहा। लेकिन, इसके लिए तालिबान ने भी पहल करने की आवश्यकता रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने स्पष्ट की। अफ़गानिस्तान के सभी गुटों को तालिबान सरकार में अवसर प्रदान करें, यह माँग रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने की।

इसके बाद रशियन राष्ट्राध्यक्ष तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्घाबात में आयोजित कैस्पियन बैठक में उपस्थित रहेंगे। इसमें रशिया और तुर्कमेनिस्तान के साथ ईरान, कज़ाकस्तान और अज़रबैजान के नेता शामिल होंगे। अफ़गानिस्तान के, आयएस से जुड़े आतंकी संगठनों का बढ़ रहा प्रभाव पड़ोसी मध्य एशियाई देशों के लिए भी खतरे का विषय होने का मुद्दा इस बैठक में पेश किया जा सकता है।

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