प्रधानमंत्री मोदी नेपाल दौरे पर जाएंगे

नई दिल्ली: नेपाल में भारत के हितसंबंधों पर हुए आतंकवादी हमले और चीन के नेपाल में बढ़ते हुए प्रभाव की पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेपाल के दौरे पर जाने वाले हैं। पिछले महीने में नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने भारत को भेंट दी थी।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ११ और १२ मई के रोज नेपाल के दौरे पर जाने वाले हैं, ऐसी घोषणा विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने की है। इस भेंट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेपाल के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी इनके साथ अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे, ऐसा कुमार ने कहा है। पर इस दौरे की अधिक जानकारी रवीश कुमार ने उजागर नहीं की है।

प्रधानमंत्री मोदी जल्दी ही नेपाल का दौरा करेंगे और भारत नेपाल को निर्माण कर रही जल विद्युत परियोजना भूमिपूजन करेंगे ऐसी खबरें आ रही थी। प्रधानमंत्री मोदी के हाथों जिस जल विद्युत परियोजना की नींव रखी जाएगी, उस परियोजना की जगह पिछले हफ्ते में बम विस्फोट हुआ है। २ हफ्ते में दूसरी बार भारत से संबंधित जगहों पर आतंकवादी हमले हुए हैं। इसके पीछे पाकिस्तान की कुख्यात गुप्तचर संस्था आयएसआय का हाथ होने की आशंका गुप्तचर संस्था ने जताई थी। इस पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री मोदी का यह नेपाल दौरा हो रहा है।

२ महीनों पहले प्रधानमंत्री ओली इनकी सरकार नेपाल में सत्ता में आई है। नेपाल के प्रधानमंत्री भारत में आने से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने नेपाल का दौरा किया था। इस दौरे के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान में सार्क परिषद का आयोजन करने के लिये समर्थन दिया था। इन सारी बातो को ध्यान मे रखकर नेपाल सरकार की भारत के प्रति निश्चित धारणा मे बदलाव होने के संकेत मिलने की बात कही जा रही है।

नेपाल के प्रधानमंत्री ओली यह चीन समर्थक माने जाते हैं। इससे पहले के कार्यकाल में उन्होंने उजागर तौर पर चीन का पक्ष लिया था। भारत नेपाल को कर रहे इंधन निर्यात की एकाधिकार शाही तोड़ने का निर्णय ओली ने लिया था। तथा चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट रोड इनिशिएटिव (बीआरआय) के संदर्भ में महत्वपूर्ण करार किए थे। नेपाल और चीन में यह प्रकल्प जल्द ही पूर्ण करने की घोषणा प्रधानमंत्री ओली ने की है और उसके लिए अधिक गतिमान कदम उठाए जा रहे हैं।

पिछले महीने में नेपाल के प्रधानमंत्री के भारत दौरे पर विधान करते हुए चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में परिस्थिति बदलने का दावा किया गया था। नेपाल की पहली सरकार ने भारत को अनुकूल भूमिका अपनाई थी। पर अब प्रधानमंत्री ओली की सरकार भारत और चीन में संतुलन रखने को महत्व नहीं देगी, इसके विपरीत सरकार स्पष्ट रुप से चीन को सहयोग करके भारत को चुनौती देंगी, ऐसा चीन के इस सरकारी दैनिक कहना था।

भारत और चीन ऐसे २ बड़े देशों में बसे हुए नेपाल ने अपने विदेश धारणा का संतुलन रखते हुए अपनी स्वतंत्र विदेश निती पर कायम रहे, ऐसी सलाह विश्लेषकों से दी जा रही है। पर नेपाल में जनतंत्र वादी शक्ति हमेशा भारत का नेपाल पर सकारात्मक प्रभाव रहना आवश्यक होने का आग्रह करते आ रही थी। नेपाल में चीन के प्रभाव में होनेवाली सरकार सत्ता में रही, तो उसके भयंकर परिणाम हो सकते हैं। माओवादियों ने नेपाल को अनेक वर्षों से बंधक बना कर रखा था, इस पर विश्लेषक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

पर माओवादियों के संकट से रिहाई होने के बाद नेपाल का जनतंत्रवादी के दिशा से यात्रा शुरू हुई थी। इसकी वजह से नेपाल के भारत के साथ संबंध अधिक सरल हुए थे। पर फिलहाल नेपाल सरकार भारत के संबंधों को नए से चुनौती देते दिखाई दे रही है। इस पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनके नेपाल दौरे का महत्त्व बढ़ा है।

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