प्रधानमंत्री के हाथों १०० लाख करोड़ की ‘गतिशक्ति’ योजना का शुभारंभ – पूरे देश में राष्ट्रीय राजमार्ग और कनेक्टिविटी प्रकल्पों के माध्यम से अर्थव्यवस्था को बल प्रदान होगा

‘गतिशक्ति’नई दिल्ली – देश में योजना बनाकर बुनियादी सुविधाओं का विकास करके कनेक्टिविटी बढ़ाने की १०० लाख करोड़ रुपए की योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार के दिन किया। ‘पीएम गतिशक्ति नैशनल मास्टर प्लैन’ के तहत देश में बुनियादी सुविधाओं का बड़ा नेटवर्क बनाया जाएगा और राष्ट्रीय राजमार्ग और अलग अलग कनेक्टिविटी के प्रकल्पों का निर्माण तेज़ी से किया जाएगा। इस वजह से यातायात का खर्च और आपूर्ति का समय कम होगा और सामान की यातायात की क्षमता भी बढ़ेगी। इसका लाभ अर्थव्यवस्था को मिलेगा। व्यापार सुलभ माहौल निर्माण होगा और रोज़गार एवं निवेश बढ़ेगा, यह दावा भी किया जा रहा है। साथ ही बुनियादी सुविधाओं के काम तेज़ी से पूरे करने में विभाग एवं क्षेत्रीय स्तर के अड़ंगे दूर करने के लिए १६ मंत्रालयों को एक डिजिटल रंगमंच के ज़रिये जोड़ा जाएगा। इससे समन्वय बढ़ेगा और सभी काम निश्चित समय पर पूरे होंगे, इस नज़रिये से इस महायोजना का प्लैन किया गया है, ऐसा सरकार ने कहा।

‘गतिशक्ति’‘आज अष्टमी का शुभदिन है और पूरे देश में शक्ति स्वरूप का पूजन हो रहा है। इस शुभदिन के अवसर पर देश की प्रगति को नई गती प्रदान करने के लिए इस योजना का शुभारंभ किया जा रहा है’, ऐसा ‘पीएम गतिशक्ति’ नामक राष्ट्रीय योजना का शुभारंभ करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा। यह राष्ट्रीय योजना २१ वीं सदी के भारत को गति और शक्ति प्रदान करेगी, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री ने इस दौरान व्यक्त किया। आत्मनिर्भर योजना के तहत देश के अगले २५ वर्षों के विकास की नींव रची जा रही है। तो गतिशक्ति योजना भारत का आत्मविश्‍वास आत्मनिर्भरता के संकल्पसिद्धी की ओर ले जाएगी। भारत को नई ऊर्जा प्रदान करेगी, यह बात प्रधानमंत्री ने रेखांकित की।

कई प्रकल्पों का काम साल दर साल पूरा नही हो सका है और कई वर्षों से चलता हुआ हम देखते आए हैं। यह बात कार्यसंस्कृति ही बनी थी। साथ ही कोई भी योजना बनाए बगैर शरू किए गए काम अगले दिनों में अड़ंगे बनते हैं, यह बात सबको अनुभव से ज्ञात हुई है। विभागों में समन्वय का अभाव, जानकारी का अभाव, सूक्ष्म नियोजन और अमल करने पर अनदेखी होने से प्रकल्पों के निर्माण पर असर पड़ता है और लागत भी बढ़ती जाती है। इस वजह से अपनी शक्ति, समय और खर्च सबकुछ जाया हो जाता है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा।

‘गतिशक्ति’‘पीएम गतिशक्ति’ योजना की वजह से यह समस्याएं दूर होंगी क्योंकि, मास्टर प्लैन’ के आधार पर काम करने से साधनों का पर्याप्त और उचित इस्तेमाल होगा। योजनाओं में अड़ंगे नहीं होंगे और इसे समय पर पूरा किया जाएगा। साथ ही उचित नियोजन से काम करने से उत्पादकता बढ़ेगी, यह विश्‍वास भी प्रधानमंत्री ने इस दौरान व्यक्त किया।

इसी बीच, गतिशक्ति योजना के तहत वर्ष २०२४-२५ तक देश में अलग-अलग मार्ग से कनेक्टिविटी बढ़ाए जा रही है। बुनियादी सुविधाओं के विकास की इस महायोजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग के २ लाख किलोमीटर लंबाई के अतिरिक्त नेटवर्क का निर्माण किया जाएगा। २२० हवाई अड्डे, हेलिपोर्ट, वॉटरएअरोड्रोम का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा ३५ हज़ार किलोमीटर लंबी गैस पाईपलाइन का नेटवर्क स्थापित करने की भी योजना है। रेल द्वारा हर वर्ष बड़ी मात्रा में सामान की यातायात होती है। इस यातायात के लिए सहायक साबित होने जैसी बुनियादी सुविधाओं का नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है और रेल यातायात की क्षमता बढ़ाकर १६० करोड़ टन की जाएगी।

इसी योजना के अनुसार ११ औद्योगिक कॉरिडॉर्स का निर्माण किया जा रहा है। २५ हज़ार एकड़ जमीन पर इस कॉरिडोर का निर्माण होगा। इसके अलावा दो रक्षा कॉरिडॉर का भी निर्माण होगा। साथ ही ३८ इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर, १०९ दवाईयों का निर्माण करने के क्लस्टर, ९० टेक्सटाईल क्लस्टर का निर्माण होगा। इसी योजना के तहत सभी गांव ‘४ जी’ नेटवर्क से जोड़े जाएँगे। इसके अलावा अक्षय ऊर्जा निर्माण की क्षमता मौजूदा की ८७.७ गीगावैट से २२५ गीगावाट की जाएगी। इसके साथ ही २०२ मछुआरों के केंद्र एवं बंदरगाह का निर्माण भी होगा।

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