पाकिस्तान कभी भी भारत का मित्र नही हो सकता – भूतपूर्व लष्करप्रमुख एवं विदेश राज्यमंत्री व्ही.के.सिंग

नई दिल्ली – ‘पाकिस्तान कभी भी भारत का मित्र नही हो सकता| पाकिस्तान को मित्र मानना भारत के लिए कमजोरी का प्रदर्शन करना साबित होगा’, यह इशारा भूतपूर्व लष्करप्रमुख और वर्तमान के विदेश राज्यमंत्री व्ही.के.सिंग इन्होंने दिया है| लोकसभा के चुनावी माहौल में एक उम्मीदवार ने पाकिस्तान की ओर भारत शत्रुदेश के तौर पर ना देखे, यह संदेशा दिया था| इस पर व्ही.के.सिंग इन्होंने यह जवाब दिया है| आतंकियों का ठिकाना बना पाकिस्तान भारत के विरोध में छिपा युद्ध कर रहा है| इस देश की ओर भारत मित्र के तौर पर देख ही नही सकता, ऐसा व्ही.के.सिंग इन्होंने डटकर कहा है|

लोकसभा चुनाव में उतरें राजस्थान के एक उम्मीदवार ने पाकिस्तान की ओर भारत शत्रुदेश के तौर पर ना देखे, यह निवेदन किया था| पाकिस्तान से भारत को खतरा नही है और इस वजह से इस देश की ओर दुश्मन के नजरिए से देखने की जरूरत नही है, यह दावा इस उम्मीदवार ने किया था| इसपर भूतपूर्व लष्करप्रमुख और विदेश राज्यमंत्री जनरल व्ही.के.सिंग इन्होंने कडी आपत्ति जताई| पाकिस्तान ने भारत के विरोध में छिपा युद्ध शुरू किया है और इसके लिए पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहा है| इस तरह छिपा युद्ध कर रहे देश की ओर भारत मित्र देश की नजरिए से कैसे देख सकता है, यह सवाल व्ही.के.सिंग इन्होंने किया| साथ ही यदि भारत ने पाकिस्तान को मित्र समझा तो वह भारत की सबसे बडी कमजोरी साबित होगी, यह जनरल व्ही.के.सिंग ने कहा है|

पिछले कुछ महीनों से पाकिस्तान भारत के साथ बातचीत करने के लिए कडी कोशिश कर रहा है| खास तौर पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान, विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी भारत के सामने लगातार बातचीत करने का प्रस्ताव रख रहे है| बातचीत के बगैर भारत और पाकिस्तान की समस्या का हल नही निकलेगा, यह इशारा इम्रान खान और शाह महमूद कुरैशी भारत को दे रहे है| साथ ही कश्मीर प्रश्‍नही इस बातचीत का अहम मुद्दा रहेगा, यह संदेशा देने की भी कोशिश पाकिस्तान से हो रही है| भारत से रखे गए आतंकवाद के मुद्दे को अहमियत देने को पाकिस्तान तैयार नही है| कश्मीर समस्या का हल निकला तो आतंकवाद की समस्या भी नही रहेगी, यह बात रखने की पाकिस्तान की कोशिश है|

अलग शब्दों में कश्मीर प्रश्‍न का हल हमारे पक्ष में नही रहा तो भारत को आतंकवाद के झटके लगते रहेंगे, यही पाकिस्तान के नेता कह रहे है| यह पाकिस्तान की पारंपरिक भूमिका है और इसमें नया कुछ भी नही है| बल्कि भारत के साथ बातचीत करने का इस्तेमाल पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर खराब हुई अपनी प्रतिमा सुधारने की तैयारी में है| इसी लिए पाकिस्तान को भारत के साथ बातचीत करने की जरूरत है| इसी वजह से भारत के साथ बातचीत करने के लिए आजतक विरोध करनेवाली पाकिस्तानी सेना भी इस बार भारत के सामने बातचीत करने का निवेदन रख रही है|

लेकिन, भारत ने इस मुद्दे पर कडी भूमिका अपनाकर पाकिस्तान के सामने मुश्किले खडी की दिखाई दे रही है| जबतक पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल रोककर दहशतगर्दों पर कार्रवाई करता नही, तबतक इस देश के साथ बातीचत संभव नही है, यह ऐला भारत ने किया था| भारत को भी पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी है, लेकिन, यह बातचीत केवल आतंकवाद से मुक्त माहौल में ही मुमकिन है, ऐसा भारत ने कहा था| भारत और पाकिस्तान में चर्चा हो यह निवेदन कर रहे अन्य देशों के सामने भी भारत ने अपनी भूमिका डटकर रखी है| पाकिस्तान के भूतपूर्व प्रधानमंत्री नवाझ शरीफ ने भारत के साथ बातचीत करने की कोशिश की थी| उस समय विपक्ष के नेता रहे इम्रान खान ने शरीफ पर देशद्रोह का गंभीर आरोप किया था, इसकी याद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्होंने हाल ही में दिलाई थी| कुछ दिन पहले एक मुलाकात में बोलते समय प्रधानमंत्री मोदी इन्होंने पाकिस्तान से रखे जा रहे बातचीत के प्रस्ताव पर भरोसा रखना नामुमकिन है, यह स्पष्ट मत व्यक्त किया था|

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