भारत का आक्षेप ध्यान मे लेने पर चीन के ‘ओबीओआर’ पर भारत विचार करेगा- विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया

नई दिल्ली: चीन की महत्वाकांक्षी ‘वन बेल्ट वन रोड’ (ओबीओआर) परियोजना के बारे में भारत का आक्षेप ध्यान में रखकर, नया प्रस्ताव सामने आया तो भारत इस पर यकीनन विचार करेगा, ऐसा विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है। रशिया, इंडिया, चाइना की आरआयसी की १५ वीं त्रिपक्षीय बैठक हाल ही में संपन्न हुई है। इस बैठक के लिए भारत भेंट पर आए हुए रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लावरोव ने भारत ओबीओआर में शामिल हो, ऐसा आवाहन किया है। अपनी भूमिका कायम रखते हुए इस प्रकल्प में होने के लिए भारत सुयोग्य मार्ग ढूंढेगा, ऐसा विश्वास रशिया के विदेश मंत्री ने व्यक्त किया था। किस पृष्ठभूमि पर भारत से प्रतिक्रिया आयी है।

भारत का आक्षेप

भारत ने चीन के ओबीओआर में शामिल होने के लिए स्पष्ट इंकार जताया था। मई महीने में चीन में हुए ओबीओआर की परिषद में भारत नहीं शामिल हुआ था। भारत जैसा देश इस परियोजना में शामिल नहीं हुआ, तो यह परियोजना सफल नहीं हो सकती, ऐसा विश्लेषकों का कहना था। ओबीओआर के अंतर्गत होनेवाले ‘चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर’ (सीपीईसी) पाक व्याप्त कश्मीर से जाता है। इस पर भारत में आक्षेप लिया था। चीन ने उसपर नजरअंदाज करके यह प्रकल्प आगे किया था। इसकी वजह से भारत ने इस प्रकल्प द्वारा अपने सार्वभौमत्व को आवाहन दिया जा रहा है, ऐसा कहकर प्रकल्प में शामिल होने के लिए इनकार किया था। पर फिलहाल इस प्रकल्प से चीन और पाकिस्तान में तीव्र मतभेद निर्माण होने की बात दिखाई दे रही है।

इस प्रकल्प के अंतर्गत ग्वादर बंदरगाह और आसपास के परिसर में चीनी चलन का इस्तेमाल करने के लिए पाकिस्तान ने अनुमति ठुकराई थी। उस समय पीओके मे बाँध निर्माण को चीन दे रहे कर्जे को भी पाकिस्तान ने इनकार किया था। उसके बाद चीन ने सीपीईसी में ३ परियोजनाओं का निधि रोकने की खबरें आ रही थी। यह गतिविधियां शुरू होते हुए, चीन ने भारत को इस परियोजना में शामिल होने के लिए नया प्रस्ताव दिया है। इस में भारत के आक्षेप का विचार करके इस प्रकल्प का नाम बदलने की तैयारी भी दिखाई है। साथ ही, इस प्रकल्प का मार्ग बदलने का प्रस्ताव देकर चीन ने भारत को विचार करने पर विवश करने के बात दिखाई दे रही है। इसपर पाकिस्तान में बड़ी तादाद में अस्वस्थता दिखाई दे रही है। उस समय भारत द्वारा इस प्रकल्प के बारे में अपनी भूमिका पर विचार करने के संकेत दिए हैं।

भारत ओबीओआर में शामिल हो, ऐसी मांग रशिया से की जा रही है। हालही में संपन्न हुए आरआयसी की बैठक के बाद रशियन विदेशमंत्री ने भारत के पास यह आग्रह करने की बात स्पष्ट हुई थी। अपनी भूमिका कायम रखकर वह प्रकल्प में शामिल होने का मार्ग ढूंढने इतना भारत का नेतृत्व यकीनन सक्षम है, ऐसा विदेश मंत्री उस समय कहा था। उसके बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस पर भारत की भूमिका स्पष्ट की है। आक्षेप ध्यान में रखते हुए, भारत इस प्रकल्प में शामिल होने पर यकीन सोचेगा, ऐसा कहकर रवीश कुमार ने भारत ने इस से पहले भी यही भूमिका ली थी, इस पर ध्यान केंद्र किया है।

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