स्वतन्त्रता यज्ञ

स्वतन्त्रता यज्ञ

जाड़ों के दिन बस अभी अभी ख़त्म हुए थे। अब धीरे धीरे गरमी बढ़नेवाली थी। हालाँकि चिलचिलाती धूप तो नहीं थी, मग़र फिर भी माहौल कुछ गरमा सा रहा था। अपनी मातृभूमि से प्रेम करनेवाले हर एक भारतीय के मन में कुछ हो तो रहा था, लेकिन प्रकट रूप में कहीं कुछ दिखायी नहीं दे […]

Read More »

आक्रमणों का इतिहास

आक्रमणों का इतिहास

समय की धारा में भारत को नयी नयी चुनौतियों का सामना करना पडा। जिन राष्ट्रों का जीवन प्रदीर्घ होता है, उन राष्ट्रों के सामने ऐसी चुनौतियाँ समय-समय पर आती ही रहती हैं। इतिहास इसी तरह आगे ​चलता रहता है। मौर्यवंश के बाद शुंग वंश ने इस देश पर शासन किया। उसके बाद गुप्तवंश का राज्य […]

Read More »

नेताजी-४

नेताजी-४

सुभाषबाबू के जीवन में दाखिल हो चुके स्वामी विवेकानन्दजी ने उन्हें बाह्य-आभ्यन्तर भारित कर दिया था। अपने जीवन का हेतु ही मानो स्वामीजी समझा रहे हैं, ऐसा उन्हें लगा। विवेकानन्दजी के विचार पुरोगामी ही थे। भोगवादी संस्कृतिप्रधान पश्चिमी देशों में जब भारत के बारे में रहनेवाले घोर अज्ञान के कारण भारत से संबंधित ग़लत धारणाएँ […]

Read More »

जयपुर

जयपुर

यह सृष्टि विभिन्न रंगों से सजी हुई है, ईश्वर के द्वारा निर्मित इन रंगों के कारण यह पूरी सृष्टि मनोहारी बनी है| यह सृष्टि और उसमें विद्यमान घटकों के विभिन्न रंग इनके प्रति मनुष्य के मन में बहुत प्राचीन समय से आकर्षण रहा है, इसी आकर्षण के कारण प्राचीन समय में मानव जब चित्र बनाने […]

Read More »

उज्जैन

उज्जैन

हमारे भारतवर्ष में संस्कृति, कला, इतिहास, अध्यात्म आदि कईं क्षेत्रों की श्रेष्ठ परंपरा सदियों से चली आ रही है। प्राचीन काल से हमारा भारत देश ज्ञान, विज्ञान, अध्यात्म इनमें अग्रसर रहा है। भारत की मानवीय संस्कृति के विकास में जितना योगदान विज्ञान का हे, उतना ही अध्यात्म, ज्योतिषशास्त्र, खगोलशास्त्र, गणितशास्त्र, आयुर्वेद जैसे शास्त्रों का भी […]

Read More »

सुभाषबाबू पर स्वामी विवेकानन्दजी का बढ़ता प्रभाव

सुभाषबाबू पर स्वामी विवेकानन्दजी का बढ़ता प्रभाव

सुभाषबाबू के जीवन में दाखिल हो चुके स्वामी विवेकानन्दजी ने उन्हें बाह्य-आभ्यन्तर भारित कर दिया था। अपने जीवन का हेतु ही मानो स्वामीजी समझा रहे हैं, ऐसा उन्हें लगा। विवेकानन्दजी के विचार पुरोगामी ही थे। भोगवादी संस्कृतिप्रधान पश्चिमी देशों में जब भारत के बारे में रहनेवाले घोर अज्ञान के कारण भारत से संबंधित ग़लत धारणाएँ […]

Read More »

ऑनलाइन ब्लड और आय बॅंक

ऑनलाइन ब्लड और आय बॅंक

‘बिना मरे स्वर्ग नहीं दिखाई देता’ कुछ दिनों पहले ऐसा ही एक किस्सा सुना था। मेरे एक मित्र के चाचा को किसी महत्त्वपूर्ण ऑपरेशन के लिए (शस्त्रक्रिया हेतु) अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। ऑपरेशन भी कुछ ऐसा था कि उसे कुछ घंटों में ही करना ज़रूरी था। उस ऑपरेशन के लिए उन्हें खून की तुरंत […]

Read More »

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – अपनी पहचान!

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – अपनी पहचान!

‘भारतवर्ष के प्रत्येक क्षेत्र में महापराक्रमी वीरों ने जन्म लिया, राष्ट्र की सेवा की और अपने राष्ट्र का गौरव बढाया। एक समय में हिंदुकुश पर्वतशृंखला पर लहराने वाला केसरिया ध्वज इस महान राष्ट्र में सर्वश्रेष्ठ सभ्यता होने का प्रमाण दे रहा था और सारे संसार को आवाहन कर रहा था। इसीलिये दुनियाभर से छात्र यहाँ […]

Read More »

बेंगलूरु

बेंगलूरु

प्रकृति और विज्ञान-तन्त्रज्ञान दोनों ही मानवी जीवन के साथ बड़ी गहराई से जुड़े हुए हैं। मनुष्य का जीवन एवं उसकी प्रगति इन दोनों क्षेत्रों में प्रकृति और विज्ञान-तन्त्रज्ञान इनका बहुमूल्य योगदान है। इसीलिए इन दोनों का समन्वय करना मनुष्य के लिए बहुत जरूरी है। ‘सिलिकॉन व्हॅली ऑफ इंडिया’ और ‘गार्डन सिटी ऑफ इंडिया’ इन दोनों […]

Read More »

वाहनों की संपूर्ण जानकारी देने वाले संकेतस्थल

वाहनों की संपूर्ण जानकारी देने वाले संकेतस्थल

भारतीय वाहन उद्योग आज दुनिया के अन्य देशों के वाहन उद्योगों में द्वितीय क्रमांक का सबसे बड़ा उद्योग माना जाता है| भारत में हर साल ८० लाख वाहनों की निर्मिती होती है| यूँही अंदाजानुसार हम कह सकते हैं कि आने वाले केवल ४० वर्षों में ही अर्थात २०५० तक भारतीय वाहन उद्योग दुनिया में द्वितीय […]

Read More »