इथियोपिया के तिगरे में २० लाख से अधिक लोगों पर भूखमरी, अकाल का संकट – संयुक्त राष्ट्र संगठन की चेतावनी

Ethiopia-tigray-400x240आदिस अबाबा – इथियोपिया का संघर्षग्रस्त तिगरे प्रांत मानवतावादी संकट की कगार पर होकर, २० लाख से अधिक नागरिकों को अकाल और भुखमरी की भीषण समस्या का सामना करना पड़ेगा, ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्र संगठन ने दी है। तिगरे में पिछले ८ महीनों से अधिक समय से संघर्ष जारी होकर उसमें हज़ारों लोगों की जानें गई हैं। पिछले महीने में तिगरे के स्थानिक सशस्त्र गुट ने इथियोपियन लष्कर को राजधानी मेकेले से बाहर खदेड़ देने में कामयाबी पाई होकर, इथियोपिया ने संघर्षविराम की घोषणा की है।

शुक्रवार को इथियोपिया के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र संगठन की सुरक्षा परिषद की बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र संघ के वरिष्ठ अधिकारी रमेश राजसिंघम ने तिगरे की भीषण स्थिति के बारे में चेतावनी दी। ‘ पिछले कुछ हफ्तों में तिगरे के हालात अधिक से अधिक बिगड़ते चले जा रहे हैं। चार लाख से अधिक नागरिकों को भीषण अकाल का सामना करना पड़ रहा होकर, १८ लाख से अधिक लोग भूखमरी और अकाल की दहलीज पर हैं। ३३ हज़ार से अधिक बच्चे कुपोषण के चंगुल में हैं। स्थिति और भयावह होने की संभावना है’, ऐसा राजसिंघम ने जताया।

Ethiopia-tigray-01पिछले कई दशकों में अनुभव ना की होगी, ऐसी अकाल और भूखमरी की समस्या तिगरे में उद्भव इत होने वाली है, और ५० लाख से अधिक लोगों को अभी भी उचित मानवतावादी सहायता नहीं मिल सकी है, इस पर भी संयुक्त राष्ट्र संगठन के अधिकारी ने गौर फरमाया। तिगरे के १७ लाख से अधिक नागरिक विस्थापित हुए होकर, ६० हज़ार से अधिक नागरिकों ने सुदान में आश्रय लिया है।

इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबि अहमद ने पिछले साल नवंबर महीने में तिगरे प्रांत पर हमला किया था। इस कार्रवाई के लिए उन्होंने पड़ोसी देश इरिट्रिआ की भी सहायता ली थी। कुछ महीनों के संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री अहमद नी तिगरे प्रांत पर कब्जा प्राप्त करने का दावा किया था। लेकिन उनका यह दावा खोखला है, यह पिछले कुछ हफ्तों में जारी संघर्ष से सामने आया है।

तिगरे के स्थानिक बागी गुटों ने राजधानी मेकेल समेत प्रांत के महत्वपूर्ण शहरों पर कब्जा करने में सफलता प्राप्त की है। इथियोपिया के सैकड़ों जवानों को युद्ध बंदी के रूप में हिरासत में लिया गया है। इस नामुष्की की पृष्ठभूमि पर, इथियोपिया सरकार ने कुछ दिन पहले संघर्ष विराम का ऐलान किया है। लेकिन बागी गुटों ने संघर्षविराम से इन्कार किया होकर, तिगरे पर संपूर्ण कब्ज़ा हासिल होने तक संघर्ष कायम रखने की चेतावनी दी है। इस कारण आनेवाले समय में, इस भाग में संघर्ष और मानवतावादी संकट की तीव्रता अधिक बढ़ चुकी होगी, ऐसा डर विश्लेषकों द्वारा व्यक्त किया जा रहा है ।

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