भारत श्रीलंका में अतिरिक्त १२०० घरों के लिए वित्त सहायता प्रदान करेगा; सामंजस्य करार पर हस्ताक्षर

कोलंबो – चीन के श्रीलंका में गतिविधियों पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है, वहीं भारत ने श्रीलंका के साथ अपने संबंध सक्षम करने के लिए कदम उठाए हैं| शनिवार को भारत एवं श्रीलंका में १२०० अतिरिक्त घरों के निर्माण के लिए दो सामंजस्य करार पर हस्ताक्षर किए गए हैं| उस समय भारत के श्रीलंका में उच्चायुक्त तरनजीत सिंह संधू एवं श्रीलंका के गृह एवं निर्माण मंत्री सजीत प्रेमदासा उपस्थित थे|

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भारत ने श्रीलंका में गृह निर्माण प्रकल्प के लिए ३५ करोड़ डॉलर्स की वित्त सहायता घोषित की है और इसके अंतर्गत लगभग ६३०००घरों का निर्माण किया जाने वाला है| यह घर कम उत्पन्न होने वाले, भूमिहीन तथा बेघर परिवारों के लिए निर्माण किया जाने वाला है और प्रमुख तौर पर उत्तर एवं पूर्व श्रीलंका में यह होने वाले हैं| अब तक भारत ने श्रीलंका में ५०से अधिक गांवों में लगभग १००० से अधिक घर निर्माण किए हैं|

शनिवार को हंबनटोटा जिले में एक गांव में संपन्न हुए कार्यक्रम में नए घरों के लिए सहमती ज्ञापन किया गया है| इसके अनुसार नए निर्माण होने वाले १२०० घरों के लिए लगभग ३५ करोड़ डॉलर्स की वित्तीय सहायता प्रदान होने वाली है| यह घर श्रीलंका के दक्षिण तथा उत्तरी प्रांतों में निर्माण होने की जानकारी भारतीय उच्च आयुक्तालय ने दी है|

भारत के पड़ोसी एवं मित्र देश के तौर पर पहचाने जाने वाले श्रीलंका में पिछले कई वर्षों से चीन द्वारा अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए प्रयत्न शुरू किए थे| श्रीलंका के भूतपूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे इनके सहयोग से चीन ने भारत को गतिरोध करने की गतिविधियां शुरू की थी| उसके लिए विकास प्रकल्प के नाम में बड़ी वित्त सहायता तथा कर्ज दिया जा रहा था| पर राजपक्षे इनके हार के बाद चीन को जोरदार झटका लगा है और नई सरकार चीन के सहायता का पर विचार करने के संकेत दे रहे थे|

उस समय चीन के कर्ज चुकाने में असफल ठहरे हुए श्रीलंका हंबनटोटा बंदरगाह ९९ वर्ष के लिए किराए पर देना विवश हुआ था| चीन की इस कार्रवाई पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर से आलोचना हो रही थी| इस पृष्ठभूमि पर भारत ने श्रीलंका में प्रकार के लिए वित्त सहायता देने का नया प्रस्ताव दिया है और इससे श्रीलंका सरकार ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है|

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