विदेश मंत्री जयशंकर की अमरीका के विशेष दूत के साथ चर्चा

विशेष दूतनई दिल्ली – भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कतार में अमरीका के अफगानिस्तानविषयक विशेष दूत झाल्मे खलिलझाद के साथ चर्चा की थी। विदेश मंत्रालय ने इस संदर्भ में जानकारी सार्वजनिक की। कुवैत के दौरे पर जाते समय विदेश मंत्री जयशंकर कतार में रुके थे। उस समय दोहा में यह मुलाकात हुई, यह बताकर विदेश मंत्रालय ने इसका विवरण सार्वजनिक किया। फिलहाल अफगानिस्तान में तालिबान ने जोरदार लष्करी कार्यवाही शुरू की होकर, जल्द ही तालिबान इस देश पर कब्जा करेगा ऐसे आसार दिख रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में भारत और तालिबान के बीच चर्चा शुरू होने के दावे किए जाते हैं। विदेश मंत्री जयशंकर का कतार-कुवैत दौरा इसके लिए ही था, ऐसी चिंता पाकिस्तान के सामरिक विश्लेषकों ने ज़ाहिर की थी।

किसी जमाने में, पाकिस्तान की सूचना के अनुसार कारनामे करनेवाला आतंकवादी संगठन, ऐसी तालिबान की पहचान थी। लेकिन अब तालिबान भारत के लिए अनुकूल बना होकर, पाकिस्तान के लिए यह बात खतरनाक साबित होती है, ऐसा इस देश के सामरिक विश्लेषक बता रहे हैं। भारत में तालिबान से चर्चा शुरू करने की खबरें प्रकाशित हुई थी। भारत के विदेश मंत्रालय ने उसकी पुष्टि नहीं की थी। लेकिन अफगानिस्तान में सभी गुटों के साथ भारत का संवाद शुरू है, ऐसा विदेश मंत्रालय ने कहा था। ऐसी परिस्थिति में विदेश मंत्री जयशंकर ने कुवैत का दौरा किया और इस दौरे के बीच वे दो बार कतार में रुके थे। इस समय कतर के दोहा में उन्होंने, अमरीका के विशेषदूत झाल्मे खलिलजाद के साथ चर्चा की।

शुक्रवार को इस संदर्भ में जानकारी भारत के विदेश मंत्रालय ने साझा की। लेकिन पाकिस्तान के माध्यमों ने उससे पहले ही भारत के विदेश मंत्री के इस दौरे की खबरें जारी की थी। विदेश मंत्री जयशंकर कतार में रुके थे और कतार में ही तालिबान का राजनीतिक कार्यालय है, इसपर पाकिस्तानी विश्लेषक गौर फरमा रहे थे। इसी बीच, भारत की तालिबान से चर्चा शुरू होने की खबरें आईं थीं। यह संजोग का भाग नहीं है, ऐसा पाकिस्तानी विश्लेषकों का कहना है। भारत तालिबान के साथ चर्चा करके पाकिस्तान की घेराबंदी करने की तैयारी में होने का डर पाकिस्तानी विश्लेषक जता रहे हैं।

पहले के दौर में तालिबान के बल पर अफगानिस्तान पर वर्चस्व जताने की और अफगानियों की भूमि का इस्तेमाल करके भारत में आतंकवाद मचाने की साज़िश पाकिस्तान ने रची थी। लेकिन तालिबान पर होनेवाला पाकिस्तान का नियंत्रण अब पाकिस्तान के हाथ से छूटा होने की चर्चा शुरू हुई है। इस कारण पाकिस्तान का लष्कर घबराई हुई स्थिति में है और अगले दौर में तालिबान से ही पाकिस्तान को बहुत बड़ा खतरा संभव है, ऐसे दावे पत्रकार करने लगे हैं। तालिबान पर हमले करने के लिए पाकिस्तान में हवाई अड्डा और पाकिस्तान की हवाई सीमा का इस्तेमाल करने की तैयारी अमरीका ने की है। अमरीका को ना कहने की हिम्मत पाकिस्तान के पास नहीं बची है। ऐसी स्थिति में तालिबान पाकिस्तान को सबक सिखाए बिना नहीं रहेगा। इसके लिए अगर भारत तालिबान का साथ देनेवाला है, तो अपने देश की खैर नहीं, ऐसा पाकिस्तान के पत्रकार खुलेआम बोलने लगे हैं।

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