‘क्वाड’ का विस्तार करने का यही अवसर है – अमरिकी उप-विदेशमंत्री का ऐलान

नई दिल्ली – चीन की तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त होगी, इस पर ध्यान देकर अमरीका और भारत ने अब तक ‘क्वाड’ के सहयोग के विस्तार को लेकर काफी सावधानी से भूमिका अपनाई थी। लेकिन, अगले दिनों में समान हितसंबंध एवं स्वतंत्र और मुक्त इंडो-पैसिफिक को लेकर सहमति वाले देशों को शामिल करके ‘क्वाड’ का विस्तार करने का यह समय है, यह बयान अमरिकी उप-विदेशमंत्री स्टिफन बेगन ने किया है। साथ ही भारत और अमरीका के सुरक्षा संबंधित संबंध नई ऊंचाई प्राप्त कर सकते हैं, यह विश्‍वास बेगन ने व्यक्त किया। इस महीने के अन्त में भारत और अमरीका के विदेशमंत्री और रक्षामंत्री की ‘टू प्लस टू’ चर्चा होनी है। इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी उप-विदेशमंत्री तीन दिवसीय दौरे के लिए भारत पहुँचे हैं।

jaishankar-quadभारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर से भेंट करके अमरिकी उप-विदेशमंत्री ने दोनों देशों का रक्षा सहयोग और ‘क्वाड’ संबंधित एवं वैश्‍विक राजनीति एवं क्षेत्रिय गतिविधियों पर चर्चा की। दोनों देशों के द्विपक्षीय सहयोग की स्थायि प्रगति की भारत के विदेशमंत्री जयशंकर ने सराहना की। अगले दिनों में भारत और अमरीका की सामरिक साझेदारी अधिक बढ़ेगी यह विश्‍वास भारतीय विदेशमंत्री ने व्यक्त किया। इसके बाद नई दिल्ली के एक अभ्यासगुट से बातचीत करते समय बेगन ने चीन का ‘एलिफंट इन द रूम’ यह ज़िक्र किया।

भारत के साथ सामायिक सुरक्षा, भू-राजनीतिक उद्देश्‍य, समान हितसंबंध और मुल्यों पर आधारित सहयोग स्थापित करने के लिए अमरीका ने कोशिश की थी। लेकिन, चीन की समस्या की वजह से यह सहयोग स्थापित होना संभव नहीं हुआ था। भारत, अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के समावेश वाले ‘क्वाड’ का विस्तार करते समय भी ऐसी ही सावधानी की भूमिका अपनाई थी। लेकिन, अगले दिनों में भारत और अमरीका के रक्षा एवं खुफिया जानकारी आदान-प्रदान करने संबंधित सहयोग एवं ‘क्वाड’ का विस्तार संभव होने की बात बेगन ने स्पष्ट की।

चार जनतांत्रिक देशों ने साथ मिलकर ‘क्वाड’ का गठन किया गया है। यह गुट समान हितसंबंधों पर आधारित है और किसी भी देश के विरोध में संगठित हुआ गुट नहीं है। स्वतंत्र एवं मुक्त इंडो-पैसिफिक और समान हितसंबंध वाला कोई भी देश इस गुट में शामिल हो सकता है, यह बयान बेगन ने किया। इसके लिए ‘आसियान’ के आग्नेय एशियाई देशों का विचार हो रहा है, यह बात भी बेगन ने कही। अब तक चीन के संकट का विचार करके ‘क्वाड’ का विस्तार नहीं किया गया था। लेकिन, आगे यह विस्तार मुमकिन होगा, यह जानकारी बेगन ने इस दौरान साझा की।

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