भारत के ‘एस्ट्रोसैट’ का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण

 ASTROSAT launch‘एस्ट्रोसैट’ प्रक्षेपित करके भारत ने अंतरिक्ष में वेधशाला स्थापित की है। सोमवार के दिन आंध्रप्रदेश के श्री हरिकोटा से भारत ने ‘एस्ट्रोसैट’ का प्रक्षेपण किया। भारत से पहले अमेरिका, जापान और रशिया और यूरोपीय महासंघ ने अंतरिक्ष वेधशाला का प्रक्षेपण किया था। एस्ट्रोसैट के साथ ही अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत ने नया मुकाम हासिल किया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एस्ट्रोसैट’ का सफल प्रक्षेपण करने पर ‘भारतीय अंतरिक्ष संशोधन संस्था’ (इस्रो) को बधाईयाँ दी।?

सोमवार सुबह दस बजे हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ‘इस्रो’ ने ‘एस्ट्रोसैट’ का प्रक्षेपण किया। ‘पीएसएलव्ही-3’ रॉकेट की मदद से ‘एस्ट्रोसैट’ प्रक्षेपित किया गया।  सफल प्रक्षेपण होने के 25 मिनिट बाद ‘एस्ट्रोसैट’ अंतरिक्ष में निष्टिच स्तर पर स्थापित किया गया।
गौरतलब है की एस्ट्रोसैट के प्रक्षेपण दौरान इस्रोने अमेरिका के चार उपग्रहों समेत छह विदेशी उपग्रह अंतरिक्ष में भेजें। इस मिशन के तहेत भारत ने पहली बार अमेरिका के चार उपग्रहों को प्रक्षेपित किया। अमेरिका के अलाव दो उपग्रह इंडोनेशिया और कॅनाडा के थे।  दरमियान, इस्रो अन्य 23  विदेशी उपग्रह प्रक्षेपित करने की तैयारी में है। इस संदर्भ में इस्रो ने करार भी किये है। अब तक इस्त्रो ने 45 विदेशी उपग्रह प्रक्षेपित किये है। इससे भारत को 10 करोड डॉलर्स का लाभ हो चुका है।

1,513 किलो वजन का ‘एस्ट्रोसैट’ का सफल प्रक्षेपण करके भारत ने बडी कामयाबी हासिल कर दी है। इसी के साथ कम खर्च में अंतरिक्ष वेधशाला की निर्मिती की जा सकती है, यह संदेश भी भारत ने विश्‍व को दिया है।सृष्टि को विस्तृत रूप में समझने के लिए ‘एस्ट्रोसैट’ की मदद होगी। साथ ही ‘एस्ट्रोसैट’ के जारिए वसुंधरा पर होनेवाले बदलावों का निरीक्षण किया जायेगा। पृथ्वी के कक्ष के ‘अल्ट्रावायोलेट रे’ ‘एक्स रे’, ‘इलेक्ट्रोमॅग्नेटिक स्पेक्ट्रम’ का विश्‍लेषण करने के लिए भारतीय वैज्ञानिकों को ‘एस्टोसैट’ की मदद होगी।

अबतक अंतरिक्ष संशोधन और खगोलशास्त्र के अध्ययन के लिए भारत को विदेशी उपग्रहों पर निर्भर रहना पडता था। साथ ही अंतरिक्ष से वसुंधरा का वैज्ञानिक विश्‍लेषण करने के लिए भी भारत को दूसरे देशों के उपग्रहों पर निर्भर  रहना पडता था। लेकिन अब ‘एस्ट्रोसैट’ का सफल प्रक्षेपण होने से अंतराल संशोधन में भारत की कक्षा का विस्तार हुआ है। इससे पहले अमेरिका, जापान और रशिया ने अंतरिक्ष में खुद की वेधशाला स्थापन की थी। यूरोपीय महासंघ ने भी अंतरिक्ष वेधशाला  का सफल प्रक्षेपण किया है। अब भारत ने अंतरिक्ष वेधशाला का सफल प्रक्षेपण करके अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन किया है।

2 Responses to "भारत के ‘एस्ट्रोसैट’ का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण"

  1. Nikhil Bhalwankar   October 5, 2015 at 7:08 am

    Heartiest congratulations to the Govt. Of India !!!

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  2. Nikhil Bhalwankar   October 5, 2015 at 7:24 am

    This marks one more successful launch for ISRO

    Reply

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