चीन के खतरनाक गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर विदेश सचिव जयशंकर सेशल्स दौरे पर जायेंगे

नई दिल्ली: हिंद महासागर मे व्यूह रचनात्मक रूप से महत्वपूर्ण रहे जिबोती मे लष्करी तल निर्माण करने पर चीन ने अब सेशल्स मे अपनी गतिविधियां बढाई है। यह भारत के लिए सतर्कता का इशारा होकर, इस पृष्ठभूमि पर भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर सेशेल्स के दौरे पर जा रहे है। सेशल्स के ‘असम्प्शन’ द्वीप पर लष्कर के लिए मूलभूत सुविधा निर्माण करने के बारे मे भारत और सेशेल्स के बीच करार हुआ था। यह करार जल्द से जल्द कार्यान्वित करने के लिए और सेशेल्स के साथ द्विपक्षीय संबंध अधिक सक्षम करने के लिए विदेश सचिव जयशंकर का यह दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सेशल्सहिंद महासागर क्षेत्र मे अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए, चीन लगातार प्रयत्न कर रहा है। भारत को घेरने के लिए चीनने बनाई ‘स्टिंग ऑफ पर्ल्स’ योजना के अंतर्गत, हिंद महासागर मे श्रीलंका, मालदीव जैसे द्वीप समूह देशों पर अपना प्रभाव बढ़ाने का और वहां अपना लष्करी तल निर्माण करने का चीन ने प्रयत्न किया था। पाकिस्तान मे चीन विकसित कर रहे ग्वादर बंदरगाह यह भी चीन के भारत विरोधी लष्करी महत्वाकांक्षा का भाग माना जा रहा है। तथा म्यानमार मे भी चीन अपना लष्करी तल निर्माण करने का प्रयत्न करने का वृत्त है। इसके आलावा, हिंद महासागर के किनारे पर बसे अफ्रीकन देशों मे भी चीन ने ऐसी गतिविधियां शुरू की है।

पिछले कई वर्षों मे अफ्रीकन देशों मे बड़ी तादाद मे निवेश करने वाले चीन ने जिबोती मे अपना पहला लष्करी तल जुलाई महीने मे स्थापित किया था। रेड सी और एडन को खाड़ी क्षेत्र को जोड़ने वाले भाग मे बसे तथा भूमध्य सागर को जोड़ने वाले सुएज नहर की तरफ जाने वाले व्यापारी मार्ग ‘जिबोती’ मे चीन का यह तल भारत के लिए चिंता बढ़ाने वाला है। जीबोती के बाद चीन सेशेल्स मे अपना अपना प्रभाव बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।

एक वृत्त के अनुसार पिछले चार-पांच वर्षो मे सेशल्स मे गतिविधियां बढ़ी है। सेशेल्स को भेंट देनेवाले चीनी लष्करी अधिकारी और पर्यटक की संख्या मे भी बढ़त हुई है। पिछले वर्ष चीन के उप लष्कर प्रमुख वैंग गुआझोंग ने सेशेल्स का दौरा किया था। इस दौरे मे चीन और सेशल्स मे रक्षा सहयोग बढ़ाने का भी निर्णय हुआ था। भारत का नैसर्गिक प्रभाव क्षेत्र होनेवाले सेशल्स मे चीन की यह गतिविधियां भारत के लिए सतर्कता का इशारा, मानी जा रहा है। इस पृष्ठभूमि पर विदेश सचिव जयशंकर का यह दौरा महत्वपूर्ण हो गया है।

सन २०१५ मे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेशल्स का दौरा किया था। इस दौरे मे अनेक महत्वपूर्ण करार पर हस्ताक्षर हुए थे। जिसमे ‘असम्प्शन’ द्वीप पर लष्कर के लिए मूलभूत सुविधा निर्माण के करार का भी समावेश था। भारत इस द्वीप पर सेशल्स को लष्करी सुविधा निर्माण करके देने वाला है। तथा पड़ोस मे मॉरीशस मे ‘ऐगालेगा’ द्वीप भारत विकसित कर रहा है। पर ‘असम्प्शन’ द्वीप विकसित करने के लिए होने वाला करार, आगे बात नहीं हुई है। सेशल्स मे इस करार को अब तक कानूनन मान्यता नहीं मिली है। इस संदर्भ मे होने वाली उलझन सुलझाने के लिए विदेश सचिव जयशंकर इस दौरे मे सेशेल्स के राष्ट्राध्यक्ष ‘डैनी फ्युर’ से मुलाकात करने का वृत्त है। इसके लावा ऐसे अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी जयशंकर से मुलाकात करेंगे।

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