अप्रैल-जून की तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था में हुई २३.९% गिरावट

नई दिल्ली – कोरोना की महामारी के पृष्ठभूमि पर घोषित लॉकडाउन से भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है। अप्रैल-जून के दौरान भारत के जीडीपी में २३.९% गिरावट देखी गई है। भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास में यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट सबित हुई है। अगले दो तिमाही में भी यह गिरावट जारी रहने के संकेत आर्थिक विशेषज्ञ और विश्‍लेषकों ने दिए हैं और इसके कारण वर्तमान आर्थिक वर्ष में अर्थव्यवस्था पटरी पर आने की संभावना ना होने की बात समझी जा रही है।

२३.९% गिरावट

सोमवार के दिन ‘नैशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस’ ने वर्ष २०२०-२१ के आर्थिक वर्ष के पहली तिमाही के आँकड़े घोषित किए। इसके अनुसार कृषि क्षेत्र के अलावा जीडीपी का प्रमुख हिस्सा होनेवाले सभी प्रमुख क्षेत्रों की बड़ी गिरावट हुई है। अप्रैल से जून की तिमाही के दौरान कृषि क्षेत्र में ३.४% विकास दर दर्ज़ करके राहत दी है। उत्पादन क्षेत्र में ३९.३, निर्माण कार्य में ५०.३ और व्यापार क्षेत्र में ४७% गिरावट हुई। इसी दौरान सरकार खर्च में भी १०.३% कमी देखी गई है।

भारत ने वर्ष १९९६ से आर्थिक वर्ष में तिमाही के आँकड़े घोषित करना शुरू किया गया था। इसके बाद अब तक के दौर में हुई यह सबसे बड़ी और ऐतिहासिक गिरावट समझी जा रही है। विश्‍व के प्रमुख २० देशों के गुट वाले ‘जी-२०’ गुट के देशों में भी यह सबसे बड़ी गिरावट साबित हुई है।

कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद भारत सरकार ने २५ मार्च के दिन पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया था। मई महीने के अन्त तक यह लॉकडाउन जारी रहा था। जून महीने से लॉकडाउन शिथिल करने की प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन, इसके बावजूद जनजीवन अभी भी सामान्य नहीं हुआ है। पर्यटन, शिक्षा, यात्रियों की यातायात, रेल, होटल और मनोरंजन क्षेत्र के अधिकांश कारोबार अभी भी बंद हैं और अब तक पटरी पर नहीं आ सके है। इसके कारण अगले कुछ महीनों में अर्थव्यवस्था को गति प्राप्त होने की संभावना ना होने का दावा आर्थिक विशेषज्ञ और विश्‍लेषकों ने किया है।

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