भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का निधन

नई दिल्ली – भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति और भारतरत्न प्रणव मुखर्जी का निधन हुआ। वे ८४ वर्ष के थे। बीते कुछ दिनों से उन पर दिल्ली स्थित आर्मी रिसर्च ऐण्ड रेफरल अस्पताल में इलाज हो रहा था। उनके निधन से एक युग का अन्त हुआ है, यह कहकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रणवदा के प्रति श्रद्धांजली अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रणव मुखर्जी के निधन पर तीव्र शोक व्यक्त किया है। प्रणवदा के निधन पर केंद्र सरकार ने सात दिन के लिए राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है।

प्रणव मुखर्जी

भूतपूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी बीते कुछ दिनों से बीमार थे। उन पर ब्रेन सर्जरी की गई थी। इसी दौरान वे कोरोना संक्रमित हुए थे। आखिर में सोमवार शाम के समय उनकी मृत्यु हुई। उनके निधन पर संपूर्ण देश में शोक व्यक्त किया जा रहा है। एक युग का अन्त हुआ। एक तपस्वी की तरह  उन्होंने भारतमाता के लिए कष्ट किए। देश के महान सुपुत्र हमने खोया है, इन शब्दों में राष्ट्रपति कोविंद ने शोक व्यक्त किया। भारतरत्न प्रणव मुखर्जी एक प्रतिष्ठित और समर्पित राजनीतिक व्यक्ति थे, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री मोदी ने उनके प्रति श्रद्धांजली अर्पित की।

प्रणव मुखर्जी का जन्म वर्ष १९३५ में हुआ। एम.ए. और एलएलबी की पदवी प्राप्त करनेवाले प्रणव मुखर्जी ने वर्ष १९६९ में राजनीति में प्रवेश किया। उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य होने के लिए सहायता की। प्रदीर्घ समय तक राजनीति में कार्यरत नेता के तौर पर प्रणव मुखर्जी की पहचान थी। सात बार सांसद बने प्रणवदा ने केंद्रीय मंत्रीमंडल में अर्थमंत्री, रक्षामंत्री और विदेशंमत्री पद की अहम ज़िम्मेदारियां निभाई थीं। वर्ष २०१२ में प्रणवदा भारत के राष्ट्रपति बने थे। वर्ष २०१७ तक वे देश के इस सर्वोच्च पद पर कार्यरत रहे। इससे पहले वर्ष २००९ से २०१२ के दौरन वे देश के अर्थमंत्री रहे। वर्ष २०१९ में प्रणव मुखर्जी को ‘भारतरत्न’ इस सर्वोच्च नागरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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