नौदल चुनौतियों के लिए तैयार रहे – रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन

नई दिल्ली: भारतीय नौदल किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहे, ऐसी अपेक्षा व्यक्त करके इस स्तर पर नौदल कर रहे कामकाज पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारामन ने समाधान व्यक्त किया है। नेव्हल कमांडर्स कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री सीतारामन ने नौदल में महसूस होने वाली कमियों पर मात करने के लिए शीघ्रगति से कदम उठाए जाएंगे, ऐसी गवाही दी है। उसी समय देश के सागरी क्षेत्र में गश्ती बढ़ाने की नई योजना इस परिषद में घोषित की गई है।

भारतीय नौदलभारतीय नौदल अपनी सुसज्जता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयत्न कर रहा है। उसके अनुसार भारतीय नौदलने विभिन्न देशों के नौदल के साथ युद्धाभ्यास का आयोजन किया था। अमरिका एवं जापान जैसे देशों के साथ प्रतिवर्ष आयोजित किए जाने वाला मालाबार युद्धाभ्यास तथा अन्य युद्धाभ्यास की वजह से नौदल की क्षमता एवं सिद्धता बढ़ रही है और इस स्तर पर नौदल कर रहे कामकाज की रक्षामंत्री सीतारामन ने प्रशंसा की है। साथ ही साउथ चाइना सी, जापान का सागरी क्षेत्र, परशियन खाड़ी, अटलांटिक महासागर एवं ऑस्ट्रेलिया का निकटतम सागरी क्षेत्र में नौदल ने किए युद्धनौका एवं पनडुब्बियों की तैनाती पर भी रक्षामंत्री ने ध्यान दिया है। उनकी प्रशंसा करते हुए रक्षामंत्री सीतारामन ने नौदल को आनेवाले समय में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा ऐसा कहा है।

उस समय बोलते हुए रक्षामंत्री सीतारामन ने नौदल को महसूस हो रहे कमियों का उल्लेख किया। युद्धनौका पर तैनात किए जाने वाले बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टर्स एवं पारंपरिक पनडुब्बियों की कमी एवं सागरी सुरंग निष्क्रिय करने वाले जहाजों की कमी पर रक्षामंत्री ने ध्यान केंद्रित किया है। इन समस्याओं पर बात करने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए जाएंगे, यह कहकर उन्होंने इस बारे में नौदल को आश्वस्त किया है। दौरान, भारत के सागरी क्षेत्र के पास चीन जैसे बलशाली देश की बढ़ रही गतिविधियों को देखते हुए भारतीय नौदल ने सागरी क्षेत्र में वर्चस्व कायम रखने की नई योजना घोषित की है।

इस योजना की घोषणा बुधवार को नौदल प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा इनके उपस्थिति में की गई थी। इस योजना के अनुसार भारतीय नौदल हिंद महासागर क्षेत्र में २४घंटे गश्ती करने वाला और युद्ध एवं गस्ती नौका, नौदल की गश्ती विमान महत्वपूर्ण मार्ग पर गश्तीकरके हुए लगातार ध्यान रखेंगे। लगभग १४से १५युद्धनौका महत्वपूर्ण मार्ग पर साल भर तैनात रहेंगे। मलक्का की समुद्रधुनी, अंदमान एवं लक्षद्वीप के साथ बांगलादेश, म्यानमार, मादागास्कर और परशियन खाड़ी को जाने वाले मार्ग तक भारतीय नौदल इस युद्ध एवं गस्ती नौका से २४ घंटे ध्यान रखने वाले हैं तथा यह युद्धनौका किसी भी मुहिम के लिए हर वक्त तैनात रहेंगे।

इस महत्वपूर्ण सागरी मार्ग पर ध्यान रखने के लिए जीसैट-७इ उपग्रह की भी मदद होनेवाली है। नौदल परिषद में बुधवार को लष्कर प्रमुख बिपिन रावत और वायु सेना प्रमुख बी.एस.धनोआ भी शामिल हुए थे। नौदल के युद्ध नौका, विनाशिका, हालही मे हुई दुर्घटना और इसके लिए किए जाने वाली सुरक्षा उपाय पर भी उस समय चर्चा हुई है।

तथा नौदल अपने बेड़े में युद्धनौका की संख्या बढ़ाने की तैयारी में है। उसकी वजह से भारतीय नौदल के सामर्थ्य में बढ़ोतरी हो रही है। फिलहाल भारतीय नौदल में १३८ युद्धनौका और २३५ विमान एवं हेलीकॉप्टर्स है। नौदल के बेड़े में इन युद्धनौका की संख्या बढ़कर २१२ युद्धनौका और ४५० विमान एवं हेलीकॉप्टर तक ले जाने की योजना एक वरिष्ठ नौदल अधिकारी ने बताई है।

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