देश की अर्थव्यवस्था पूरी ताकत से वैश्‍विक चुनौतियों का सामना करेगी – रिज़र्व बैंक का विश्‍वास

नई दिल्ली – टीकाकरण का व्यापक अभियान, अर्थ क्षेत्र ने दिखाई क्षमता और निर्यात में हुई सराहनीय बढ़ोतरी की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में हैं। इसी वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर की चुनौतियों का भारत पूरी ताकत से मुकाबला करेगा, यह विश्‍वास ‘रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया’ (आरबीआई) ने व्यक्तकियाहैं। यूक्रैन युद्ध की वजह से उभरे संकटों का सामना करना विकसित देशों के लिए कठिन हुआ हैं। ऐसी स्थिति में ‘आरबीआई’ ने देश की स्थिति पर जताया यह विश्‍वास बड़ा अहम साबित होता है।

यह विश्‍वास व्यक्त करने के साथ ही यूक्रैन युद्ध के कारण हुए नुकसान का भी आरबीआई ने ज़िक्र किया। कोरोना की महामारी खत्म होने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था तेज़ीसे सामान्य हो रही थी। कई क्षेत्रों में यह सकारात्मक बदलाव दिखाई दे रहा था। इससे प्राप्त हुए लाभ, यूक्रैन युद्ध से बनी स्थिति से खतरे में हैं, ऐसा आरबीआई ने अपने ‘बुलेटीन’ मे स्पष्ट किया।

इसके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था इन अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों का ताकत के साथ मुकाबला कर रही हैं, यह गवाही आरबीआई ने दी। इसकी वजह भी आरबीआई ने सटिकता के साथ बतायी। भारत ने कोरोना टीकाकरण का विक्रमी कार्यक्रम चलाकर अपनी जनता को बड़ी मात्रा में वैक्सीन प्रदान किए। इस वजह से अभी तक कोरोना की नई लहर से लड़ रहें देशों की तरह भारत की स्थिति खतरनाक नहीं रही। अर्थव्यवस्था के लिए यह सुचिन्ह हैं, इसका अहसास आरबीआई ने कराया हैं।

इसके साथ ही भारत के अर्थक्षेत्र ने कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद भी अपनी क्षमता दिखाई हैं। कोरोना की महामारी शुरू होने के पहले की स्थिति देश के कई उद्योग क्षेत्रों ने प्राप्त की हैं और कुछ उद्योग क्षेत्र उसके भी आगे जानेवाले कारनामे कर रहे हैं। बैंकों द्वारा कर्ज़ की सप्लाई बढ़ाई गई हैं। रोजगार निर्माण की प्रक्रिया भी गतिमान हो रही हैं। पर्यटन, होटल और निर्माण कार्य के क्षेत्र को गति प्राप्त हुई हैं और इसका असर सामने आने लगा हैं, इसपर भी आरबीआई की बुलेटिन में ध्यान आकर्षित किया गया हैं।

साथ ही देश के निर्यात क्षेत्र में काफी बढ़ोतरी हुई हैं। इस बढ़ोतरी का भी ज़िक्र आरबीआई ने किया। इस वजह से भारत अधिक ताकत के साथ चुनौतियों का मुकाबला करेगा, ऐसा आरबीआई ने स्पष्ट किया।

देश के सामने की चुनौतियों का भी इस बुलेटिन में विचार किया गया हैं। इसमें ईंधन की कीमतों की हुई बढ़ोतरी, महंगाई और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्याजदरों में हो रहें बदलाव, इनका अर्थव्यवस्था पर परिणाम हो सकता हैं, यह इशारा भी आरबीआई ने दिया हैं।

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