भारतीय अर्थव्यवस्था बड़ी छलांग लगाने के लिए तैयार – एसोचैम के महासचिव का विश्‍वास

नई दिल्ली – कोरोना की महामारी से संभल रही भारत की अर्थव्यवस्था अब बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में होने का विश्‍वास ‘एसोचैम’ (द असोसिएटेड चेंबर्स ऑफ कॉमर्स ऐण्ड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया) ने व्यक्त किया है। एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने यह विश्‍वास व्यक्त करने के साथ ही दिसंबर में ‘जीएसटी’ संकलन में हुई बड़ी बढ़ोतरी का भी दाखिला दिया। साथ ही मज़बूत वित्तीय बाज़ार और ग्राहकों में निर्माण हुए भरोसे का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर दिखाई दे रहा है, यह दावा दीपक सूद ने किया है।

indian-economy-assochamदिसंबर में देश में १.१५ लाख करोड़ से अधिक ‘जीएसटी’ संकलन होने की खबर हाल ही में प्राप्त हुई थी। यह ‘जीएसटी’ का आज तक का सबसे अधिक संकलन साबित हुआ है। भारतीय अर्थव्यवस्था दुबारा पटरी पर आने के संकेत इससे प्राप्त हुए हैं। इसका दाखिला देकर दीपक सूद ने भारतीय अर्थव्यवस्था ‘वी शेप’ यानी दुबारा छलांग लगाने की तैयारी में होने का विश्‍वास व्यक्त किया। गिरावट के बाद अर्थव्यवस्था की हुई तेज़ प्रगति को ‘वी शेप रिकवरी’ कहा जाता है। भारतीय अर्थव्यवस्था इसी दिशा में आगे बढ़ रही है, यह कहकर सूद ने इस प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।

भारत में कोरोना वायरस विरोधी दो टीकों को मंजूरी प्राप्त हुई है। जल्द ही देश में कोरोना के टीकाकरण की व्यापक मुहिम शुरू हो रही है। इस दिशा में भारत ने प्राप्त की हुई बढ़त देश का आत्मविश्‍वास अधिक बढ़ानेवाली साबित हो रही है। इसका अच्छा असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर दिखाई देगा। साथ ही कोरोना की महामारी की वजह से बड़ा नुकसान उठानेवाले उत्पादन और सेवा क्षेत्र को नज़दिकी दौर में बड़ी गति प्राप्त होगी, यह बयान भी सूद ने किया है। होटल कारोबारी, परिवहन, मनोरंजन क्षेत्र को कोरोना की महामारी से बड़ा नुकसान पहुँचा था। लेकिन, आनेवाले दिनों में इन क्षेत्रों को बड़ा लाभ प्राप्त हुए बिना नहीं रहेगा, ऐसा एसोचैम के महासचिव ने कहा है।

indian-economy-assochamभारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर यह विश्‍वास जताने के साथ ही दीपक सूद ने वर्ष २०२१-२२ के बजेट से बड़ी उम्मीद होने का बयान किया है। यह बजट अर्थव्यवस्था की प्रगति के लिए बड़ी भूमिका निभाएगा, यह दावा सूद ने किया। इस बजट में स्वास्थ्य, कृषि क्षेत्र की ओर खास ध्यान दिया जाएगा और प्रमुखता से माँग बढ़ाने की कोशिश की जाएगी, यह बयान भी दीपक सूद ने आगे किया। स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित अस्पताल, वैद्यकीय शिक्षा, वैद्यकीय अनुसंधान और दवाईयों के निर्माण क्षेत्र को इस बजट में बड़ा प्रोत्साहन दिया जाएगा, यह उम्मीद एसोचैम के महासचिव ने व्यक्त की।

इसी बीच कोरोना की महामारी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था की गति धीमी पड़ गई है, फिर भी भारतीय अर्थव्यवस्था अगले दौर में तेज़ गति से पटरी पर आएगी, यह दावा अंतरराष्ट्रीय वित्तसंस्था कर रही है। इसी कारण अंतरराष्ट्रीय निवेशक भारत पर अधिक से अधिक विश्‍वास जता रहे हैं और देश में हो रहे विदेशी निवेश (एफडीआय) में हो रही बढ़ोतरी भी ध्यान आकर्षित कर रही है। इस वजह से भारत के विदेशी मुद्रा भंड़ार में जमा राशि बढ़कर ५८५ अरब डॉलर्स तक जा पहुँची है और सबसे अधिक विदेशी मुद्राभंड़ार रखनेवाले विश्‍व के देशों की सूचि में भारत को पांचवा स्थान प्राप्त हुआ है। साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंड़ार रखने के मुद्दे पर रशिया को पीछे छोड़कर जल्द ही चौथा स्थान प्राप्त करेगा, यह दावा भी किया जा रहा है। कोरोना की महामारी होते हुए भी विश्‍वभर के निवेशकों ने जताया भरोसा भारत के लिए बड़ा सकारात्मक साबित होता है।

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