चीन और पाकिस्तान का मुकाबला करने के लिए भारतीय वायुसेना सक्षम – वायुसेनाप्रमुख आर.के.एस.भदौरिया

नई दिल्ली – भारतीय वायुसेना ने किसी भी स्थिति का मुकाबला करने की पूरी तैयारी रखी है। एक ही समय पर चीन और पाकिस्तान के दोनों मोर्चों पर संघर्ष करने के लिए वायुसेना तैयार है और इसके लिए आवश्‍यक तैनाती भी वायुसेना ने की है। ‘एलएसी’ पर चीनी वायुसेना से भी भारतीय वायुसेना की क्षमता काफ़ी अधिक है। फिर भी शत्रु को कमज़ोर समझने की गलती वायुसेना नहीं करेगी, ऐसे तीव्र शब्दों में वायुसेनाप्रमुख एअर चीफ मार्शल आर.के.एस.भदौरिया ने भारत के विरोध में हाथ मिलानेवाले चीन और पाकिस्तान को निर्णायक इशारा दिया।

चीन और पाकिस्तान

कुछ दिन पहले ही मनाली से लेह की दूरी ४५ किलोमीटर घटानेवाले ‘अटल टनेल’ का प्रधानमंत्री के हाथों उद्घाटन किय गया। इस टनेल की वजह से मनाली-लेह हर मौसम में जुड़े रहेंगे और इसी कारण ‘अटल टनेल’ को सामरिक अहमियत प्राप्त हुई है। भारतीय सेना और टैंक की आवाजाही भी इस रास्ते से हो सकेगी और चीन की सीमा पर जलद गती से लष्करी गतिविधियां करना ‘अटल टनेल’ की वजह से संभव होगा, इस बात से चीन को बड़ी मिर्च लगी है। इसी कारण चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने अटल टनेल को लेकर भारत को धमकाया है।

शांति के दिनों में भारत अटल टनेल का इस्तेमाल यकिनन कर सकेगा। लेकिन, युद्ध के दिनों में ऐसे टनेल का इस्तेमाल करने के सपने भारत ना देखे। क्योंकी, युद्ध शुरू होने पर चीन सबसे पहले अटल टनेल को ही लक्ष्य करेगा और भारत को इसका इस्तेमाल नहीं करने देगा, ऐसी डींग ग्लोबल टाईम्स ने मारी है। बीते कुछ दिनों से चीन ने अधिकृत स्तर पर भारत के विरोध में आक्रामक भूमिका अपनाए बगैर धमकाने का सत्र जारी रखा है। इसी कारण चीन के इस मुखपत्र को भारत ने अधिकृत स्तर पर मुँहतोड़ जवाब देना आवश्‍यक था। भारत के वायुसेनाप्रमुख भदौरिया ने पत्रकार परिषद में बोलते समय वायुसेना देश की हवाई सीमा की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से तैयार होने का भरोसा दिया। साथ ही लद्दाख क्षेत्र में भारतीय वायुसेना को शिकस्त देने की क्षमता चीन नहीं रखता, ऐसे सीधे शब्दों में वायुसेनाप्रमुख ने चीन का नक्शा उतारां। ऐसा होते हुए भी शत्रु को कमजोर समझकर असावधान रहने की गलती वायुसेना नहीं करेगी, यह भरोसा भी वायुसेनाप्रमुख ने देश को दिया है। भारतीय वायुसेना चीन और पाकिस्तान के दोनों मोर्चों पर एक साथ संघर्ष करके देश की रक्षा करने के लिए सक्षम है और इसके लिए आवश्‍यक तैनाती भी वायुसेना ने पहले से ही कर रखी है, ऐसा सूचक बयान वायुसेनाप्रमुख ने किया है।

चीन और पाकिस्तान

भारतीय वायुसेना के बेड़े में रफायल का समावेश होने से शत्रुदेश में अधिक गहराई तक हमला करने की क्षमता वायुसेना ने प्राप्त की है। इससे पहले हमला करके वायुसेना शत्रु को तबाह कर सकती है, यह बात भी वायुसेना प्रमुख ने कही। साथ ही अगले दिनों में वायुसेना के बेड़े में रफायल के अधिक विमानों का समावेश करने के प्रस्ताव पर विचार होने के संकेत वायुसेनाप्रमुख ने दिए हैं। सामरिक विश्‍लेषक भी सलाह दे रहे हैं कि, भारत अब रफायल जैसे अतिप्रगत विमान खरीदकर वायुसेना को महसूस हो रही लड़ाकू विमानों की कमी दूर करे। रफायल का निर्माण कर रहे फ्रान्स के दसॉल्ट कंपनी ने भी रफायल विमानों का अगला खेमा भारत को और भी कम किमत में और कम समय में देने का आकर्षक प्रस्ताव दिया था।

ग्लोबल टाईम्स के ज़रिये भारत को युद्ध की धमकियां दे रहे चीन को सबक सिखाने के लिए भारत तैयार है, यह संदेश वायुसेनाप्रमुख ने दिया है। बीते कुछ दिनों से चीन को लेकर भारत की भूमिका अधिक से अधिक स्पष्ट, सीधी और उचित हो रही है। इससे पहले चीन के बारे में बोलते समय भारतीय नेता और रक्षाबल अधिकारी संयमी भाषा का प्रयोग करते थे। लेकिन, अब चीन के पल्ले पड़ेगी ऐसी भाषा का प्रयोग करके और कार्रवाई करके भारत सीधे चीन को प्रत्युत्तर दे रहा है। भारत की इस आक्रामकता की वजह से चीन को झटका लगा है और इस झटके से अभी तक चीन संभल नहीं पाया है, ऐसा चीन का अध्ययन कर रहे विश्‍लेषकों का कहना है।

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