वायुसेना में रफायल को शामिल करके भारत ने दिया चीन को इशारा

अंबाला – पांच ‘रफायल’ विमानों का वायुसेना में हुआ समावेश भारत की संप्रभुता को चुनौती देनेवालों के लिए कड़ा संदेशा है, ऐसी चेतावनी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दी। अंबाला के ‘१७ स्क्वाड्रन’ गोल्डन एरोज्‌’ में रफायल विमानों के समावेश पर बोलते समय रक्षामंत्री ने सीधे नाम का ज़िक्र किए बगैर चीन को लक्ष्य किया। साथ ही भारत की ज़िम्मेदारी इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इंडो-पैसिफिक, हिंद महासागर के क्षेत्र में शांति स्थापित करने को भी भारत अहमियत देता है, यह बयान भी रक्षामंत्री ने किया। सीमा पर बने तनाव की पृष्ठभूमि पर रफायल विमानों का वायुसेना में समावेश उचित समय पर हुआ है, ऐसा सूचक बयान वायुसेनाप्रमुख आर.के.एस.भदौरिया ने किया।

‘रफायल’

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और फ्रान्स के रक्षामंत्री फ्लोरेन्स पार्ली की उपस्थिति में रफायल विमानों का पहला खेमा गुरूवार से भारतीय वायुसेना की सेवा में सक्रिय हुआ। इस दौरान ‘वॉटर कैनन’ की सलामी देकर रफायल का स्वागत किया गया। तभी सुखोई-३० एमकेआय और स्वदेशी ‘तेजस’ विमानों ने सांस रोकनेवाली साहसी हवाई उड़ान भरकर भारतीय वायुसेना के सामर्थ्य का प्रदर्शन किया। इनमें से ‘तेजस’ का ‘कोब्रा मनूवर’ ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित हुआ। तभी, रफायल विमानों ने धीमी गति से ‘फ्लाय पास्ट’ किया। लद्दाख की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर तनाव निर्माण होने की स्थिति में रफायल विमानों के खेमे का वायुसेना में हुआ समावेश और वायुसेना के प्रमुख विमानों ने की हुई कसरतें अहमियत रख रही हैं। इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीन एवं पाकिस्तान को इशारा दिया।

‘रफायल’

भारत की संप्रभुता को चुनौती देनेवालों के लिए रफायल विमानों का वायुसेना में हुआ समावेश धौंस जमानेवाला संदेशा साबित होता है। सीमा पर बनी या निर्माण की गई स्थिति की पृष्ठभूमि पर रफायल विमानों की अहमियत बढ़ी है। भारत किसी भी स्थिति में अपनी संप्रभुता और अखंड़ता से समझौता नहीं करेगा। इनकी सुरक्षा के लिए भारत आवश्‍यक सभी कोशिशें करेगा, यह बात रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट की। साथ ही रशिया दौरे के दौरान भी हमने यही भूमिका पेश की थी, यह जानकारी रक्षामंत्री ने साझा की। इसके अलावा इस क्षेत्र समेत इंडो-पैसिफिक और हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित करने को भारत अहमियत देता हैं, यह बात भी राजनाथ सिंह ने कही। कुछ दिन पहले भारत के रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने भी यही भूमिका पेश की थी। रफायल विमानों को वायुसेना में शामिल करने के लिए अंबाला में आयोजित किए गए कार्यक्रम के लिए रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत और वायुसेनाप्रमुख एअर चिफ मार्शल आर.के.एस.भदौरिया भी उपस्थित थे।

देश की सीमा पर बनी सुरक्षा से संबंधित स्थिति ध्यान में रखकर रफायल विमानों का वायुसेना में उचित समय पर ही समावेश हुआ है, ऐसा बयान वायुसेनाप्रमुख ने इस दौरान किया। इसके साथ ही वायुसेनाप्रमुख ने अलग शब्दों में रफायल विमानों का इस्तेमाल कार्रवाई के लिए होने का संदेशा दिया है। रफायल विमान अभी भारत पहुँचे हैं। भारतीय वायुसेना के पायलटों को इसका प्रशिक्षण पाने के लिए काफी समय लगेगा, यह दावा पाकिस्तानी वायुसेना के भूतपूर्व अधिकारी कर रहे थे। इस पृष्ठभूमि पर भारतीय वायुसेनाप्रमुख ने रफायल विमानों का इस्तेमाल करने के लिए वायुसेना तैयार होने का बयान करके चीन के साथ पाकिस्तान को भी इशारा दिया।

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