हिंदी महासागर क्षेत्र में शांति को भारत सर्वोच्च प्राथमिकता देगा – विदेश मंत्री सुषमा स्वराज

हनोई: हिंदी महासागर क्षेत्र में देशों में शांति एवं इन पड़ोसी देशों के साथ समन्वय वृद्धिंगत करना, इसे भारत प्राथमिकता देगा, ऐसा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने घोषित किया है। ‘इंडियन ओशियन कॉन्फ्रेंस’ में बोलते हुए विदेश मंत्री स्वराज ने यह घोषणा की है तथा इस क्षेत्र में भारत कार्यान्वित कर रहे ‘सागरमाला’ प्रकल्प का विदेश मंत्री स्वराज ने विशेष उल्लेख किया है।

हिंदी महासागर क्षेत्र, शांति, सर्वोच्च प्राथमिकता, विदेश मंत्री, सुषमा स्वराज, भारत, इंडियन ओशियन कॉन्फ्रेंसव्हिएतनाम के हनोई में ‘इंडियन ओशियन कॉन्फ्रेंस’ शुरू हुई है और विदेशमंत्री स्वराज के हातों सोमवार को इस परिषद का उद्घाटन हुआ था। इस परिषद में विदेश मंत्री स्वराज ने भारत ने सागरी क्षेत्र के बारे में अपनाई धारणा स्पष्ट की है। पिछले कई वर्षों से चीन से इस सागरी क्षेत्र के देशों को कर्ज का प्रदान हो रहा है और इन देशों को अपने कब्जे में फंसाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। अमरिका जैसे देश ने भी इसका दाखिला दिया है और इसके विरोध में संबंधित देशों को चेतावनी देनी शुरू की है। इसीलिए इस सागरी क्षेत्र के बारे में भारत की भूमिका को बहुत बड़ा सामाजिक एवं राजनीतिक महत्व प्राप्त हुआ है।

हिंदी महासागर क्षेत्र, गतिमान रूप से उदय हो रहे आशिया खंड के एवं विकल्प से दुनिया का केंद्र बनता जा रहा है। इस सागरी क्षेत्र से बड़े तादाद में माल परिवहन किया जाता है। इस परिवहन में एक तृतीयांश परिवहन इस क्षेत्र के बाहरी देशों से हो रहा है ऐसा कहकर विदेश मंत्री स्वराज ने इस क्षेत्र का व्यापारी एवं सामरिक महत्व रेखांकित किया है। साथ ही इंधन के परिवहन के लिए यह सागर क्षेत्र बड़ी तादाद में उपयोग में लाया जा रहा है, इसकी तरफ विदेश मंत्री स्वराज ने ध्यान केंद्रित किया है।

इसीलिए इस सागरी क्षेत्र में स्थिरता एवं शांति प्रस्थापित रहे, जागतिक स्थिरता एवं शांति के लिए अत्यावश्यक होने की बात भारत के विदेश मंत्री ने याद दिलाई है। इसके लिए भारत के विदेश धारणा में हिंदी महासागर क्षेत्र को सर्वाधिक महत्व दिया जा रहा है और इस क्षेत्र में देशों के साथ सहयोग स्थापित करने के लिये भारत सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है, ऐसा दावा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने किया है।

आर्थिक प्रगति एवं सागरी क्षेत्र में शांति एवं सहयोग इन बातों को एक दूसरों से अलग नहीं किया जा सकता। इसके विपरीत यह बातें समन्वय से ही आगे जा सकती है, ऐसा स्वराज ने स्पष्ट किया है। यह दावा करते समय सागरी आतंकवाद, तस्करी एवं देशों की सीमा की परवाह ना करनेवाले अपराध तथा नशीले पदार्थ का व्यापार एवं अवैध रूप से होने वाली घुसपैठ यह सारी चुनौतियां हिंदी महासागर क्षेत्र में देशों के सामने खडी हैं, इसकी तरफ भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ध्यान केंद्रित किया है। इन समस्याओं पर एकजुट होकर उपाय योजना करने का आवाहन स्वराजने किया है।

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