भारत का ‘डर्टी बॉम्ब’ पर विश्वास नहीं रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन की पाकिस्तान को टिपण्णी

नई दिल्ली: परमाणु शस्त्र प्रसार बंदी को भारत अत्यंत गंभीरता से ले रहा है| पड़ोसी देशों की तरह भारत का ‘डर्टी बॉम्ब’ पर विश्वास नहीं है, ऐसा कहकर रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन ने पाकिस्तान पर टिप्पणी लगाई है| भारत को पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ाने में स्वारस्य नहीं है, पर पाकिस्तान ने अपनी भूमि आतंकवादी कार्यवाहियों के लिए इस्तेमाल नहीं होगी, यह दिखाना होगा, ऐसी अपेक्षा रक्षा मंत्री सीतारामन ने व्यक्त की है|

नई दिल्ली में एक पुस्तक प्रकाशन के कार्यक्रम में रक्षामंत्री सीतारामन बोल रही थी| भारत ने परमाणु अस्त्र प्रसार बंदी करार पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं| फिर भी भारत परमाणु शस्त्र प्रसार बंदी को अत्यंत गंभीरता से लेता आ रहा है| अवैधरूप से चलने वाले परमाणु व्यापार पर भारत का आक्षेप है| पड़ोसी देशों की तरह भारत का ‘डर्टी बॉम्ब’ पर विश्वास नहीं है, ऐसा रक्षामंत्री सीतारामन ने उस समय कहा है|

भारत की तरह पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम एवं परमाणु इतिहास स्वच्छ नहीं है| पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के जनक डॉक्टर ए.क्यू.खान ने परमाणु तंत्रज्ञान अन्य देशों को बेचने की बात सामने आई थी, तथा पाकिस्तान से परमाणु तंत्रज्ञान तथा संवेदनशील परमाणु साहित्य की तस्करी करने की बात भी उजागर हुई थी| इसकी वजह से अमरिका एवं अन्य देशों ने भारत की तरह पाकिस्तान के साथ परमाणु करार करें, यह पाकिस्तान की मांग किसी भी देश ने मंजूर नहीं की थी| इसके विपरीत पाकिस्तान की परमाणु क्षमता एवं इस देश के परमाणु अस्त्र असुरक्षित होने का आरोप जिम्मेदार देशों से किया जा रहा है|

इस पृष्ठभूमि पर सीतारामन द्वारा हुई टीका महत्वपूर्ण है| रक्षा मंत्री सीतारामन जल्दी अमरिका के दौरे पर जानेवाली हैं और उससे पहले उनकी टीका से दौरे का महत्व बढ़ता दिखाई दे रहा है| दौरान जम्मू कश्मीर के नियंत्रण रेखा पर बनी परिस्थिति के बारे में बोलते हुए पाकिस्तान से होनेवाले आतंकवादियों की घुसपैठ का प्रमाण अभी भी कम नहीं हुआ हैं, इस पर सीतारामन ने ध्यान केंद्रित किया है|

पाकिस्तान के इन कार्यवाहियों को देखते हुए भारत अत्यंत सावधान है, ऐसी गवाही रक्षा मंत्री ने दी है| भारत को पाकिस्तान के साथ संघर्ष बढ़ाने में स्वारस्य नहीं है| पर पाकिस्तान ने अपनी भूमि आतंकवादी कार्यवाहियों के लिए इस्तेमाल नहीं होगी, यह सिद्ध करना होगा, ऐसा कहकर सीतारामन ने भारत की अपेक्षा व्यक्त की है|

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