ईजिप्त-जर्मनी के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिये भारत की पहेल

ईजिप्त-जर्मनी के साथ हो रहा व्यापार बढ़ाने के साथ ही इन देशों से बने सहयोग को और मजबूत करने के लिये भारत प्रयत्न कर रहा हैं। इसी हेतु भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का ईजिप्त और जर्मनी यात्रा का आयोजन किया गया। इस दौरान सुरक्षा, आतंकवाद, रक्षा, व्यापार और निवेश क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग मजबूत करने पर ईजिप्त और जर्मनीने तैयारी दर्शायी।Sushma Swaraj1
द्विपक्षीय व्यापार में बढ़ोत्तरी तथा निवेशकों को प्रोत्साहित करना और आतंकवाद का समर्थन करने वाले नॉन स्टेट एक्टर और कट्टरपंथियों से समग्र लड़ाई के लिए ईजिप्त के साथ सुरक्षा संबंध मजबुत बनाना स्वराज की इस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य रहा। चार दिन की इस यात्रा के दौरान भारतीय विदेश मंत्री स्वराज इतवार देर रात ईजिप्त पहुंची।

सोमवार के दिन स्वराज ने ईजिप्त के राष्ट्रपति फतेह अब्दाल अल सिसी और ईजिप्त के विदेशमंत्री समेह हसन शौकरी से व्यापक बातचीत करते हुए आतंकवाद का निपटारा करने के लिये सहयोग बनाने पर जोर दिया। इस दौरान हुई चर्चा में आतंकसंबंधी सूचनाओं का आदान-प्रदान और इस कार्य में समन्वय बनाने की दिशा में कदम बढाने पर भी स्वराज ने जोर दिया। भारत और ईजिप्त संबंधों का इतिहास उजागर कर के विदेश मंत्री स्वराज ने इस बैठक में भारत-ईजिप्त संबंध और मजबूत करने में रुचि जताई। ईजिप्त के राष्ट्रपति समेह हसन के साथ हुई बैठक में ईजिप्त में स्थित भारतीयों के बारे में अहम चर्चा हुई। 2014 साल में ईजिप्त ने पकडे दो भारतीय मछुआरों की रिहाई का मुद्दा भी स्वराज ने उपस्थित किया। इन मछुआरों को छुडाने के लिए ईजिप्त के विदेश मंत्री ने दखल देने की जरूरत स्वराज ने जताई। इसके साथ ही ईजिप्त के जेल में सजा काट रहे दो भारतीय कैदियों की रिहाई करने पर स्वराज ने शुक्रिया जताया।

मंगलवार को ‘आतंकवाद’ संबंध में आयोजित कार्यक्रम में विदेश मंत्री स्वराज ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की कड़ी भूमिका जाहिर की। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि, ‘आज हम बढ़ती हिंसा और असहिष्णुता का सामना कर रहे हैं। अल कायदा और इस क्षेत्र में आयएस के अलावा हमारे पड़ोसी देश से तालिबान और लश्कर-ए-तैयबा जैसी आतंकी संगठन के खतरे सामना करना पड रहा हैं। इस आतंकवाद और नॉन स्टेट एक्टर के उदय से दुनिया के समक्ष सामूहिक और समग्र चुनौती खडी हुई हैं। हमें इस कट्टरपंथ और उग्रवाद से डटकर मुकाबला करना हैं। भारत न केवल आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा करता है, बल्कि आतंकवाद की बुराई को समाप्त करने के लिए लड़ाई में ईजिप्त के साथ हाथ भी मिला रहा है। ऐसे में इस आतंकवाद का सामना करने के लिए ईजिप्त का सहयोग बेहद जरूरी बात हैं।’

इसके अलावा, स्वराज ने भारत में निवेश करने के लिये ईजिप्त के निवेषकों को आकर्षित करने की कोशिश की। इस दौरान ईजिप्त के निवेशकों को भारत अनुकूल व्यापारिक माहौल उपलब्ध करके देगा, ऐसा विश्‍वास उन्होंने दिलाया। अरब क्षेत्र में भारत के कई हित जुड़े हैं। भारत इस क्षेत्र के कई देशों का पुराना साथीदार रहा है। इसके लिए ईजिप्त के साथ दोतरफा व्यापार को बढ़ावा देना उत्तम व्यवस्था और बेहतर संयोजन के जरिये आपसी लाभ वाले समाधान पेश करने की जरूरत हैं। भारत न केवल बड़ा बाजार है बल्कि यह अफ्रीका और यूरोप और ईजिप्त के साथ व्यापार विनिर्माण का हब भी बन सकता है, यह बात ईजिप्त के व्यापारी बडी अच्छी तरीके से जानते हैं, ऐसा स्वराज ने कहा। तकरीबन 50 भारतीय उपक्रमों में ईजिप्तसे तीन अरब डालर का निवेश हुआ है और द्विपक्षीय व्यापार करीब पाँच अरब डालर है। लेकिन इस में और हमारे निर्यात में उल्लेखनीय इजाफा करने का निर्णय दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो सकता है, ऐसा दावा स्वराज ने किया।

ईजिप्त होकर भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जर्मनी पहुंची। इस दौरान उन्होंने जर्मन विदेशमंत्री फ्रँक वॉल्टर स्टेनमायर के साथ जर्मनी के कई वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। भारत में निवेश करने वाले देशों में जर्मनी आठवे स्थान पर हैं। पिछले साल जर्मनी ने भारत में एक अरब डॉलर की पूँजी निवेश की है। दोनों देशों के बीच का व्यापार 15.5 अरब डालर तक पहुँचा है। यूरोपीय महासंघ में जर्मनी भारत का सबसे महत्त्वपूर्ण साझीदार माना जाता है। यही साझेदारी बढाने के लिए जर्मन निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना स्वराज की जर्मन यात्रा का प्रमुख उद्देश्य रहा।

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