किसी भी चुनौती का मुकाबला करने के लिए सक्षम होने की बात भारत ने दिखाई है – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली – भारत किसी भी चुनौती और संकट का मुकाबला करने के लिए सक्षम है। बीते वर्ष देश को घातक विषाणु से लड़ना पड़ा, उसी समय सीमा पर बड़ी चुनौती खड़ी हुई। इन दोनों चुनौतियों का भारत ने बड़ी समर्थता से मुकाबला किया है। ‘नैशनल कैडेट कोर’ (एनसीसी) की रैली को संबोधित करते समय प्रधानमंत्री ने शत्रु देश और भारत विरोधी ताकतों को इसके ज़रिये भारत की क्षमता का अहसास कराया है, ऐसा कहा जा रहा है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने चीन और पाकिस्तान का ज़िक्र नहीं किया। लेकिन, लोंगेवाला पोस्ट का ज़िक्र करके प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान को वर्ष १९७१ में हुई अपमानकारी हार की याद दिलाई।

भारत अब कई मोर्चों पर आत्मनिर्भर हो रहा है। ऐसे में देश की युवाशक्ति का योगदान अहम होगा। नई शिक्षा नीति के तहत भारत नर्सरी से पीएचडी तक की शिक्षा व्यवस्था छात्रकेंद्रीत कर रहा है। खेती से अंतरिक्ष तक के सभी क्षेत्रों में युवाओं को अवसर उपलब्ध कराया जा रहा है। २१वीं सदी में भारतीय युवा इस अवसर का जितना लाभ उठाएंगे, उतना देश आगे बढ़ेगा, यह विश्‍वास भी प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एनसीसी’ रैली के दौरान व्यक्त किया।

इस रैली में मौजूद ‘एनसीसी कैडेट्स’ को आपके जीवन के अगले २५ से २६ वर्ष काफी अहम होंगे, यही वर्ष देश के लिए भी अहम रहेंगे। वर्ष २०४७ में भारत की आज़ादी के १०० वर्ष पूरे होंगे। उस समय अपने देश को अधिक मज़बूत करना है तो आज की कोशिश उपयोगी साबित होगी, इस बात पर प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। ‘एनसीसी कैडेट्स’ को रक्षाबलों में शामिल होने का आवाहन भी उन्होंने इस अवसर पर किया।

संकट के समय पर सेवा करने में सदैव आगे आनेवाले ‘एनसीसी कैडेट्स’ की ओर हम सिर्फ राष्ट्र सेवक के तौर पर ही नहीं, बल्कि देश के रक्षक के तौर पर देखते हैं। इस वजह से ‘एनसीसी’ की भूमिका का विस्तार करने की कोशिश भारत सरकार ने की है। सरहदी क्षेत्र एवं तटीय क्षेत्र की सुरक्षा मज़बूत करने के नज़रिये से ‘एनसीसी’ का योगदान बढ़ाया जा रहा है। सीमा और समुद्री तटीय क्षेत्र के जिलों में ‘एनसीसी’ को नई ज़िम्मेदारी सौंपने का ऐलान हमने बीते वर्ष के १५ अगस्त को किया था, यह याद भी प्रधानमंत्री ने दिलाई। इसके अनुसार १ लाख ‘एनसीसी कैडेट्स’ को थल सेना, नौसेना और वायुसेना द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है, यह बात भी प्रधानमंत्री मोदी ने रेखांकित की।

इसी बीच, भारत ने सभी मोर्चों पर अपनी क्षमता साबित की है। विषाणु विरोधी वैक्सीन का विकास हो या भारत को चुनौती देनेवालों की मंशा आधुनिक मिसाइल से ध्वस्त करने की क्षमता हो, सभी मोर्चों पर भारत ने अपना सामर्थ्य दिखाया है, यह बयान प्रधानमंत्री मोदी ने किया। भारत के रक्षाबलों का सामर्थ्य अधिकाधिक मज़बूत करने के लिए हर कोशिश की जा रही है। रक्षाबलों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। आज भारत के हाथों में विश्‍व की सबसे बेहतर वॉर मशिन्स हैं। भारतीय रक्षाबलों के बेड़े में रफायल जैसे लड़ाकू विमान दाखिल हो रहे हैं, इस बात पर प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया।

साथ ही भारत ने १०० से अधिक रक्षा सामान का आयात बंद करके इस सामान का देश में ही उत्पादन शुरू किया है। हाल ही में ८० से अधिक स्वदेशी ‘तेजस’ विमानों की ऑर्डर प्रदान की गई है। साथ ही ‘अर्टिफिशियल इंटेलिजन्स वॉरफेअर’ में भारत पीछे ना रह जाए, इस उद्देश्‍य से संबंधित अनुसंधान कार्य को गति प्रदान की गई है। इससे भारत रक्षा सामान के बाज़ार के तौर पर प्राप्त की हुई पहचान मिटाकर अगले दौर में रक्षा सामग्री के उत्पादक देश के तौर पर पहचाना जाएगा, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया।

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