‘ऐक्ट ईस्ट’ नीति के तहत अंडमान-निकोबार द्विप का विकास

– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 2300 किलोमीटर की ‘ओएफसी’ का उद्घाटन

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार के दिन वीडियो कान्फरन्सिंग के ज़रिए चेन्नई से अंडमान-निकोबार के बीच 2300 किलोमीटर लंबी ‘सबमरीन ऑप्टिकल फायबर केबल’ (ओएफसी) का उद्घाटन किया। इसकी सहायता से अंडमान-निकोबार द्विप पर हायस्पीड इंटरनेट की सेवा उपलब्ध होगी और इन द्विपों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इससे शिक्षा, पर्यटन और कारोबार का लाभ होगा, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया। साथ ही हिंद महासागर, इंडो-पैसिफिक और भारत के ‘ऐक्ट ईस्ट’ नीति के तहत अंडमान-निकोबार द्विप की अहमियत कई गुना बढ़ेगी और बढ़ती रहेग, इस ओर प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। बीते कुछ वर्षों में हिंद महासागर में चीन की गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है। इस पृष्ठभूमि पर इन द्विपों का विकास रणनीतिक नज़रिए से बड़ा अहम साबित होता है।

वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री के हाथों ही ‘ओएफसी’ के काम की शुरूआत की गई थी। बीएसएनएल ने बड़ी चुनौती स्वीकारके समुद्र के नीचे यह केबल लगाने का काम शुरू किया और काफी कम समय में बीएसएनएल ने यह काम पूरा किया है। 2300 किलोमीटर दूरी का ‘ओएफसी’ का यह नेटवर्क चेन्नई से पोर्ट ब्लेअर और पोर्ट ब्लेअर से स्वराज द्विप तक फैला है।

इससे पोर्ट ब्लेअर को प्रति सेकंड 400 जीबी और अन्य द्विपों पर प्रति सेकंड़ 200 जीबी गति से इंटरनेट उपलब्ध होगा। अंडमान-निकोबार द्विप पर मोबाईल और लैंडलाईन टेलिकॉम सेवा में सुधार होगा। साथ ही अंडमान-निकोबार द्विप पर पर्यटन व्यवसाय को भी इस सेवा से लाभ होगा। साथ ही ऑनलाईन शिक्षा, स्वास्थ्य, ई-कॉमर्स, बैंकिंग, टेलिमेडिसिन सेवा का भी यहां के स्थानियों को लाभ होगा, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया।

हिंद महासागर बीते हज़ारों वर्षों से भारत का व्यापार और सामर्थ्य का केंद्र बना हुआ है। अब भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपना कारोबार बढ़ा रहा है। नई नीति पर अमल कर रहा है। ऐसे में अंडमान-निकोबार समेत अन्य द्विपों की अहमियत बढ़ी है, यह बात प्रधानमंत्री ने रेखांकित की। ‘ऐक्ट ईस्ट’ नीति के तहत भारत के पूर्वी एशियाई देशों के साथ और समुद्री क्षेत्र के देशों से बने संबंध मज़बूत हो रहे हैं। इन द्विपों का विकास भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट’ नीति के लिए अहम साबित होगा, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया।

इसी बीच, अंडमान-निकोबार द्विपों पर अन्य विकास योजनाओं का काम जारी है, यह बात प्रधानमंत्री मोदी ने साझा की। रास्ते, जल और हवाई मार्ग से अंडमान-निकोबार द्विप को शेष भारत से जोड़ा जाएगा। पोर्ट ब्लेअर में हवाई अड्डे का काम जारी है। साथ ही कोची के शिपयार्ड में चार जहाज़ों का निर्माण कार्य हो रहा हैं। अंडमान-निकोबार पोर्ट डेव्हलपमेंट हब के तौर पर विकास होगा। साथ ही इस ज़गह पर ‘ट्रान्स शिपमेंट पोर्ट’ का निर्माण करने के प्रस्ताव पर विचार हो रहा है। इसके बाद इस ज़गह पर बड़े-बड़े जहाज़ रुक सकेंगे, यह बयान प्रधानमंत्री ने किया। साथ ही इस क्षेत्र की ‘ब्ल्यू इकॉनॉमी’ पर ध्यान देने की बात भी प्रधानमंत्री ने कही।

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