भारत ‘सेमीकंडक्टर्स’ का वैश्‍विक उत्पादन केंद्र बनेगा – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विश्‍वास

बंगलोर – आज हम कल्पना भी नहीं कर सके, इतनी प्रचंड़ मात्रा में सेमीकंडक्टर की अहमियत बढ़नेवाली हैं| इसी कारण देश को सेमीकंडक्टर्स का वैश्‍विक उत्पादन केंद्र बनाने का ध्येय सरकार ने तय किया हैं, यह ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया| सेमीकंडक्टर्स का डिज़ाईन और इससे संबंधित क्षेत्र के कुशल इंजिनिअर्स में से २० प्रतिशत इंजिनिअर्स भारतीय हैं| साथ ही इस उद्योग से जुड़ी कंपनियों में से २५ प्रतिशत कंपनियों के अनुसंधान केंद्र भारत में बने हैं, इसपर भी प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया|

बंगळुरू में ‘सेमीकॉन इंडिया-२०२२’ परिषद का आयोजन किया गया हैं और प्रधानमंत्री ने इस परिषद के आयोजन का स्वागत किया| आज हम कल्पना भी नहीं कर सकते, इतनी बड़ी मात्रा में सेमीकंडक्टर की अहमियत बढ़ेगी| साल २०२६ तक भारत में सेमीकंडक्टर की मॉंग ८० अरब डॉलर्स तक जाएगी| इसके अलावा साल २०३० तक यह मॉंग बढ़कर ११० डॉलर्स तक जाएगी, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा| इसे ध्यान में रखकर सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में बने अवसर पाने के लिए भारत ने पहल करनी ही होगी, यह संदेश प्रधानमंत्री ने दिया| साथ ही इसके लिए सरकार आवश्यक कदम तेज़ी से उठा रही हैं, यह गवाही भी प्रधानमंत्री ने इस दौरान दी|

भारत सेमीकंडक्टर उत्पादन का वैश्‍विक केंद्र बन सकेगा, यह विश्‍वास जताकर प्रधानमंत्री ने इसके कारण भी बयान किए| भारत अपनी १.३ अरब जनसंख्या का आर्थिक समावेश करने के लिए डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर यानी डिजिटल क्षेत्र के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाओं का विकास कर रहा हैं| देश के बैंकिंग और डिजिटल पेमेंट सिस्टिम की जानकारी हम सबको हुई हैं| यूपीआई, यह आज के दौर में विश्‍व में सबसे प्रभावी पेमेंट सिस्टिम बनी हैं| स्वास्थ्य क्षेत्र का विकास एवं कल्याणकारी योजना का प्रभावी कार्यान्वयन करने के लिए सरकार डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर रही हैं| इसी वजह से भारतीय नागरिक डाटा का सबसे अधिक इस्तेमाल करते दिख रहे हैं| आनेवाले दिनों में इसमें अधिक बढ़ोतरी होगी| देश के छह लाख गांवों को ब्रॉडबैण्ड से जोडने का काम शुरू हुआ हैं| साथ ही ५ जी तकनीक, इंटरनेट ऑफ थिंग्ज् और स्वच्छ ऊर्जा के विकल्प के लिए भारत भारी मात्रा में निवेश कर रहा हैं| इस सभी की भारत को सेमीकंडक्टर्स का वैश्‍विक उत्पादन केंद्र बनने के लिए सहायता होगी, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया|

इसके साथ ही भारत बड़ी तेज़ी से आर्थिक प्रगति कर रहा हैं| साथ ही भारत में युनिकॉर्न, यानी सौ अरब डॉलर्स का कारोबार करनेवाली कंपनियों की संख्या तेज़ीसे बढ़ रही हैं| साथ ही भारत ने उद्योगक्षेत्र का कारोबार अधिक गतिमान करने के लिए आवश्यक कानून और नियमों को बाजू किया हैं और इश वर्ष ऐसें २५ हज़ार से भी अधिक कानून और नियमों को रद किया गया हैं| इसके साथ ही देश में उत्पादन कर रहीं कंपनियों को उत्तेजन दिया जा रहा हैं और इसके लिए १४ क्षेत्रों के लिए ‘प्रोड़क्शन लिंक इन्सेन्टिव’ (पीएलआई) योजना अपनायी गई हैं| इसके माध्यम से २६ अरब डॉलर्स की सहुलियत का प्रस्ताव कंपनियों को दिया गया हैं, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा| जल्द ही इसका असर दिखाई देना शुरू होगा और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन के क्षेत्र में विक्रमी विसाक होगा, यह दावा प्रधानमंत्री ने किया|

देश ने हाल ही में ‘सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम’ का ऐलान किया हैं और इस क्षेत्र में उत्पादन कर रहीं कंपनियों के लिए दस अरब डॉलर्स का निधी उपलब्ध कराने का ऐलान सरकार ने किया हैं, इसपर भी प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया| इस सबपर ध्यान दिया तो देश सेमीकंडक्टर के वैश्‍विक उत्पादन चेन का बड़ा अहम घटक बनेगा, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया| इसके लिए सरकार और उद्योगक्षेत्र ने संगठित कोशिश करनी होगी, यह आवाहन भी प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान किया हैं|

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