भारत और बांग्लादेश को स्थिरता और शांति अपेक्षित है – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

ढाका – भारत और बांग्लादेश को स्थिरता, प्रेम और शांति अपेक्षित है; स्थिरता, आतंकवाद और अराजक नहीं, ऐसे शब्दों में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के सहयोग के महत्व को अधोरेखांकित किया। प्रधानमंत्री मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना इनमें द्विपक्षीय चर्चा संपन्न होने के बाद, दोनों देशों के बीच के सहयोग के बारे में कुछ महत्वपूर्ण फैसलों तथा समझौतों की घोषणा की गई। इस समय प्रधानमंत्री मोदी ने १२ लाख कोरोना प्रतिबंधक टीके और १०९ जीवनरक्षक ऍम्ब्युलन्स प्रधानमंत्री हसिना को प्रतीकात्मक रूप से सौंप दीं। उसी समय, भारत और बांग्लादेश के बीच विवादित मुद्दा होनेवाले, तिस्ता नदी के पानी बंटवारे के बारे में भी प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश को आश्वस्त किया।

PM-Modi-Hasina-shekhप्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजिबूर रेहमान के स्मारक की भेंट की। इस समय प्रधानमंत्री शेख हसीना उपस्थित थीं । साथ ही दोनों देशों के बीच मिताली एक्सप्रेस नामक प्रवासी ट्रेन शुरू की गई होकर कामा वह ढाका और जलपाईगुड़ी के बीच दौड़ेगी। दोनों देशों के बीच शुरू हुई यह तीसरी रेलवे है। साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी ने १२ लाख कोरोनाप्रतिबंधक टीकों का प्रतिकात्मक हस्तांतरण प्रधानमंत्री शेख हसिना को किया। साथ ही, १०९ जीवनरक्षक ऍम्बुलन्सेस प्रतीकात्मक रूप से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री को सुपुर्द कीं गईं। इसका हवाला देकर, भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रिंगला ने जानकारी दी कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने भारत की ‘नेबरहूड फर्स्ट’ नीति की प्रशंसा की है। साथ ही, ६ दिसंबर यह भारत और बांग्लादेश के बीच ‘मित्रता दिन’ के रूप में मनाया जाएगा, ऐसा श्रिंगला ने घोषित किया। ६ दिसंबर १९७१ को भारत ने पहली ही बार बांग्लादेश को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी थी। उसी के स्मरण में, इस दिन को दोनों देशों के बीच ‘मित्रता दिन’ के रूप में मनाने का फैसला दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने किया, ऐसा श्रिंगला ने कहा ।

इसी के साथ भारत और बांग्लादेश के बीच अंतरिक्ष क्षेत्र के सहयोग पर भी दोनों प्रधानमंत्रियों की चर्चा में सहमति हुई। साथ ही, दोनों देशों के बीच का विवादास्पद मुद्दा होनेवाले, तिस्ता नदी के पानी बंटवारे में बांग्लादेश का हित मद्देनजर रखा जाएगा, ऐसा आश्वासन प्रधानमंत्री मोदी ने फिर एक बार बांग्लादेश को दिया है। इसी बीच अपनी दौरे में प्रधानमंत्री मोदी ने गोपालगंज में मथुआ समुदाय को संबोधित किया। भारत और बांग्लादेश को स्थिरता, प्रेम और शांति अपेक्षित है; अस्थिरता, आतंकवाद और अराजक नहीं, ऐसा प्रधानमंत्री ने इस समय कहा। दोनों देश अपने विकास के जरिए प्रगतिशील दुनिया देखना चाहते हैं, ऐसा बता कर दोनों देशों का प्राथमिकता क्रम एक समान होने का दावा किया। इसी बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश के सत्खीरा स्थित जशरेश्‍वरी कालीमंदिर में जाकर दर्शन किए। इसके लिए बांग्लादेश सरकार ने किए सहयोग की प्रधानमंत्री मोदी ने प्रशंसा की है।

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