भारत और आसियान सहयोग व्यापक करने के लिए तैयार

नई दिल्ली: भारत और आसियान देशों का सभी स्तर पर सहयोग दृढ़ और व्यापक करने का निर्णय लिया गया है| ११ एवं १२ अप्रैल के रोज हुए २१ वे आसियान इंडिया सीनियर ऑफिशल्स मीटिंग में इसकी घोषणा करने की जानकारी भारत के विदेश मंत्रालय ने दी है| भारत एवं आसियान में धारणात्मक सहयोग को इस बैठक में सबसे अधिक महत्व देने की जानकारी विदेश मंत्रालय ने कही है|

इंडोनेशिया, थायलैंड, व्हिएतनाम, मलेशिया, कंबोडिया, लाओस, ब्रूनेई, सिंगापुर इन देशों का समावेश होनेवाले आसियान के साथ भारत में धारणात्मक सहयोग विकसित करने के लिए गतिमान कदम उठाए हैं| इसके लिए भारत ने अपने लुक ईस्ट धारणा का रूपांतर एक्ट ईस्ट में किया है| विशेष रूप से चीन इस क्षेत्र में अपने बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआय) परियोजना का फांस कसने की कोशिश में है| ऐसे में भारत ने आसियान देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए की हुई पहल अहम मानी जा रही है| भारत के इस धारणा को अमरिका एवं जापान से पूर्ण समर्थन होकर, चीन जैसे राक्षसी महत्वाकांक्षा होनेवाले देश से अधिक भारत के साथ आसियान के सदस्य देशों का सहयोग अधिक फायदेमंद होगा, ऐसा अमरिका एवं जापान ने सुझाया है|

भारत, आसियान, सहयोग व्यापक, तैयार, नई दिल्ली, अमरिका, जापानभारत आसियान के सदस्य देशों के साथ केवल सामाजिक एवं राजनैतिक ही नहीं, बल्कि व्यापारी सहयोग भी दृढ़ करने के लिए कोशिश कर रहा है| इसके लिए पिछले कुछ वर्षों से सभी देशों में बातचीत के दौर फिर शुरू हुए हैं| राजधानी नई दिल्ली में भारत एवं आसियान के वरिष्ठ अधिकारियों के गुट की चर्चा ११ से १२ अप्रैल के रोज हैं| इस चर्चा में धारणात्मक सहयोग को प्राथमिकता दी गई थी|

भारत एवं आसियान के क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय हित संबंधों का मुद्दा ध्यान में लेते हुए चर्चा में अग्रक्रम तथा इसके साथ सागरी क्षेत्र में सहयोग अधिक व्यापक करने पर भारत एवं आसियान की सहमति हुई है|

इस सागरी क्षेत्र से संबंधित वित्तकारण एवं इस बारे में सहयोग को प्रमुख रूप से समावेश किया गया है| आसियान एवं भारत में परिवहन व्यापार एवं अन्य क्षेत्र में संचार एवं संपर्क अधिक प्रभावी तथा गतिमान करने के मुद्दे का भी समावेश होने की जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी है| साथ ही दोनों पक्ष में आर्थिक मुद्दों पर समन्वय एवं सहयोग दृढ़ करने पर सहमति होने की जानकारी भारत के विदेश मंत्रालय ने घोषित की है| ऊर्जा क्षेत्र के बारे में सहयोग नई ऊंचाई पर लेने का भारत एवं आसियान ने मंजूर किया है| एवं इस वर्ष में ऊर्जा क्षेत्र के बारे में भारत एवं आसियान की विशेष परिषद का आयोजन होनेवाला है|

दौरान चीन अपने लष्करी एवं आर्थिक सामर्थ्य के बल पर आसियान के सदस्य देशों को अपने प्रभाव में रखने का कार्य कर रहा है| आसियान के कई सदस्य देशों के साथ चीन का सीमा विवाद शुरू हुआ है| यह सीमा विवाद चीन अपने बल का उपयोग करके सुलझाएगा ऐसी धमकी चीन से दी जा रही है| उस समय अपने बीआरआय परियोजना का उपयोग करके आसियान के सदस्य देशों को चीन अपने प्रभाव में लाने की सोच रहा है| इस पृष्ठभूमि पर आसियान के सदस्य देशों ने अमरिका जापान एवं ऑस्ट्रेलिया इन देशों के साथ सहयोग में बढ़ोतरी करने की बात करने की तैयारी शुरू की है|

भारत के साथ अपना सहयोग बढ़ाकर आसियान चीन के दबाव का मुकाबला करने की तैयारी कर रहा है| भारत की सक्षम वित्त व्यवस्था तथा इस क्षेत्र में भारत का स्थान इससे आसियान को किसी भी प्रकार का खतरा नहीं है| जिसकी वजह से जनतंत्रशाही भारत के साथ आसियान के सहयोग को बहुत बड़ा अवसर उपलब्ध हो रहा है|

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