रशिया और चीन का खाड़ी में बढ़ता प्रभाव अमरिकी हितसंबंधों के लिए खतरनाक- अमरिका के ‘सेंटकॉम’ प्रमुख का इशारा

वॉशिंग्टन: ‘आयएस’ की हार हुयी है फिर भी खाड़ी में अमरिका का संघर्ष ख़त्म नहीं हुआ है।रशिया और चीन यह प्रतियोगी देश खाड़ी में अपना प्रभाव बड़े पैमाने पर बढा रहे हैं, जिससे अमरिका के हितसंबंधों को बहुत बड़ा खतरा संभव है। इसीलिए रशिया-चीन को रोकने के लिए अमरिका को खाड़ी में संघर्ष करना ही पड़ा, ऐसा अमरिका के ‘सेन्ट्रलकमांड’ (सेंटकॉम) के प्रमुख जनरल जोसेफ वोटेल ने कहा है।

अमरिकन प्रतिनिधिगृह की ‘आर्मड सर्विसेज कमिटी’ के सामने बोलते समय जनरल वोटेल ने रशिया और चीन के खाड़ी में बढ़ते प्रभाव पर चिंता जतायी है। रशिया और चीन  यथाक्रम ढंग से खाड़ी देशों में अपनी सामरिक और राजनीतिक ताकत बढ़ा रहे हैं, ऐसा दावा वोटेल ने किया है। इसके लिए जनरल वोटेल ने सीरिया में रशिया की लष्करी  गतिविधियों का प्रमाण दिया है।

पिछले तीन वर्षों से सीरिया के गृहयुद्ध में शामिल हुए रशिया ने सीरिया के घटनाक्रमों पर नियंत्रण पाया है। वर्तमान में सीरिया में रशिया ही संघर्ष निर्माण कर रहा है और इस संघर्ष को रोकने का काम भी रशिया ही कर रहा है, ऐसा वोटेल ने आरोप लगाया है। इस संघर्ष में रशिया ने अपने हथियारों के परिक्षण केंद्र के तौर पर सीरिया का इस्तेमाल किया है। अपने हथियारों का परिक्षण करते समय रशिया ने सीरिया में होने वाली जीवितहानी के बारे में सोचा नहीं, ऐसा भी आरोप अमरिका के सेंटकॉम प्रमुख ने किया है।

सीरिया का इस्तेमाल करके रशिया ईरान, तुर्की इन देशों को अपने प्रभाव के नीचे ला रहा है, ऐसा जनरल वोटेल ने कहा है। पिछले साल दिसम्बर महीने में रशिया ने सीरिया से अपना लष्कर वापस लेने की घोषणा की है, फिर भी अस्साद राजवट को लष्करी सहायता देना जारी रखने की याद वोटेल ने दिलायी है। उसी के साथ ही रशिया ने अफगानिस्तान में ‘आयएस’ की उपस्थिति के बारे में अतिशयोक्ति का विधान करके अमरिका की नीतियों को चुनौती दी है, ऐसा इशारा वोटेल ने दिया है।

रशिया की तरह चीन भी इस क्षेत्र में अपना राजनीतिक और लष्करी प्रभाव बढ़ा रहा है, इसकी चिंता वोटेल ने जाहिर की है। चीन के खाड़ी  में बढ़ते इस प्रभाव के लिए जनरल वोटेल अमरिका के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा को जिम्मेदार ठहराते हैं। ओबामा ने ईरान के साथ किए परमाणु अनुबंध की वजह से चीन को ईरान के साथ सहकार्य बढाने का मौका मिला, ऐसा दावा वोटेल ने किया है। ईरान के साथ सहकार्य बढाते समय चीन ने सऊदी अरब के साथ सहकार्य बढ़ाना जारी रखा है।

इसके अलावा ‘वन बेल्ट वन रोड’ (ओबीओआर) इस नीति की घोषणा कर के चीन ने पाकिस्तान के ‘ग्वादर’ जिबौती के ‘बाब अल-मन्देब’ इस बंदरगाह पर सेना की तैनाती की। लेकिन इस सेना की तैनाती करते समय खाड़ी के संघर्ष में चीन शामिल नहीं हुआ, ऐसा वोटेल ने कहा है।

दौरान, रशिया-चीन का बढ़ता प्रभाव अमरिका के खाड़ी में वर्चस्व को चुनौती देने वाला है और अमरिका को इन देशों को रोकना ही पड़ेगा, ऐसा वोटेल ने इशारा दिया है।

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