कट्टरपंथीयों को उनके बच्चों से दूर रखने की आवश्यकता- ब्रिटन के स्कॉटलैंड यार्ड प्रमुख की मांग

लंडन: कट्टरपंथियों को उनके बच्चों से अलग रखने की आवश्यकता है, ऐसा स्पष्ट मत ब्रिटन के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने प्रस्तुत किया है। लैंगिक अपराध करनेवाले बच्चों को उनकी सुरक्षा के लिए अलग रखा जाता है, पर कट्टरपंथियों से होनेवाला खतरा ध्यान में लेते हुए उन्हें अपने बच्चों के साथ रहने की अनुमति दी जाती है, इस विरोध दर्शक व्यवहार परस्कॉटलंड यार्डके प्रमुख मार्क रौली ने ध्यान केंद्रित किया है।

पिछले वर्ष नवंबर महीने में आयएस के आतंकवादी संगठन का इंटरनेट से प्रचार एवं प्रसार करने के आरोप में फरहाना बेगम अहमद इस महिला को ब्रिटिश यंत्रणा ने गिरफ्तार किया था। उसे ६ से १६ वर्ष आयु के ५ बच्चे हैं। यह बात ध्यान में लेकर न्यायाधीश क्रिस्टोफर मौस ने उसे केवल इशारा देकर उसकी रिहाई की थी। यह मामला अपवादात्मक होने का उल्लेख करके न्यायाधीश मौस ने फरहाना बेगम को अपने बच्चों के साथ रहकर उनका देखभाल करने के निर्देश दिए थे।

सीरिया एवं इराक में संघर्ष शुरू होने के बाद ब्रिटिश यंत्रणा ने पारिवारिक न्यायालय के माध्यम से लगभग सौ बच्चों की स्वतंत्र व्यवस्था करने में सफलता मिली है। पर कट्टरपंथी एवं आतंकवादियों से संबंधित अनेक मामलों में ब्रिटन के न्यायालय ने मातापिता एवं बच्चों को साथ रहने की अनुमति दी है। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए स्कॉटलंड यार्ड के प्रमुख रौली ने लैंगिक अपराध करने वाले गुनाहगार मातापिता एवं आतंकवादी मातापिता इनके बारे में समान धारणा स्वीकारने की आवश्यकता होने का स्पष्ट मत प्रस्तुत किया है।

अगर मातापिता ने अपने बच्चों को दूसरे धर्म का द्वेष करना अथवा बड़े होकर दूसरे धर्म के व्यक्तियों को मारना, ऐसी सीख देनी शुरू की तो वह अत्यंत भयंकर परिस्थिति होगी, ऐसा इशारा स्कॉटलंड यार्ड के प्रमुख ने दिया है। इराक एवं सीरिया में आयएस आतंकवादी संगठन परास्त हुई दिखाई दे रही है फिर भी इस वजह से ब्रिटन मे आतंकवाद का खतरा टला नहीं है, ऐसा रौली ने सूचित किया है।

ब्रिटन में पिछले वर्ष ४५० से अधिक लोगों को आतंकवाद से संबंधित अपराध में गिरफ्तार किया गया है। सन २०१६ वर्ष की तुलना में आतंकवादी मामलों में गिरफ्तार होनेवाले लोगों की संख्या में ३५ प्रतिशत बढ़त हुयी है, इस पर स्कॉटलंड यार्ड के प्रमुख ने ध्यान केंद्रित किया है। उस समय उन्होंने कट्टरपंथी विचारधारा का समर्थन करने वाले गट पर भी टीका की है। ऐसे गट के मामले में यंत्रणाओने अधिक सौम्य धारणा रखने की नाराजगी भी रौली ने व्यक्त की है। इंटरनेट से आतंकवाद का प्रसार होने का प्रमाण बढ़ने की चिंता व्यक्त करते हुए यह बहुत बड़ा खतरा होने का एहसास ब्रिटन के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दिलाया है।

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