‘आईएमईईसी’ प्रकल्प रोकने के लिए ही हमास ने इस्रायल पर हमला किया – अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन

वॉशिंग्टन – खाड़ी देश और इस्रायल के साथ यूरोप को भारत से जोड़ने वाले ‘आईएमईईसी’ प्रकल्प को रोकने के लिए हमास ने ७ अक्टूबर के दिन वह भीषण आतंकवादी हमला किया, ऐसा आरोप अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने लगाया है। इसके सबूत हमारे हाथों में नहीं हैं। लेकिन, हमें यह विश्वास होने का बयान राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने किया। ‘इंडिया मिडल ईस्ट, यूरोप इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ (आईएमईईसी) प्रकल्प की वजह से बेचैन हुए देशों ने इस प्रकल्प का खुला विरोध किया था। इनमें ईरान, तुर्की का समावेश था। सीधे चुनौती नहीं दी गई है, लेकिन फिर भी इस प्रकल्प की वजह से चीन असुरिक्षत हुआ है, ऐसे दावे विश्लेषकों ने किए थे। इस पृष्ठभूमि पर अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने किया बयान काफी अहमियत रखते हैं।

भारत में आयोजित ‘जी २०’ परिषद के दौरान यूएई, सौदी अरब, यूरोपिय महासंघ, फ्रान्स, इटली, जर्मनी और अमेरिका ने ‘आईएमईईसी’ का ऐलान किया था। यह प्रकल्प मुंबई बंदरगाह इस्रायल के हैफा बंदरगाह के ज़रिये यूरोप से जोड़ा जाना था। खाड़ी क्षेत्र के यूएई, सौदी अरब को भी इस प्रकल्प से भारी लाभ होने की जानकारी सामने आयी थी। खास तौर पर इस प्रकल्प की वजह से भारत का व्यापार काफी बड़ी मात्रा में बढ़ेगा, ऐसे दावे किए जा रहे थे। यह इतिहास का सबसे बड़े सहयोग का समझौता है और इससे खाड़ी क्षेत्र एवं इस्रायल का चेहरा बदल जाएगा, यह बात पूरे विश्व के लिए लाभ पहुंचाने वाली साबित होगी, ऐसा बयान इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने किया था।

लेकिन, ईरान ने इस प्रकल्प का विरोध किया था। तुर्की ने इसपर यह आलोचना की थी कि, इस प्रकल्प से हमें दूर रखा गया है। वहीं, चीन के महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट ॲण्ड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) प्रकल्प के सामने ‘आईएमईईसी’ की चुनौती खड़ी होगी और बीआरआई खत्म हो जाएगा, ऐसी चर्चा शुरू हुई थी। इस वजह से ‘बीआरआई’ के लिए अरबों डॉलर का निवेश करने वाला चीन बड़ा असुरक्षित महसूस कर रहा था। इसके बाद हमास ने ७ अक्टूबर के दिन हमला करके इस्रायल में १,४०० से अधिक लोगों की हत्या कर दी और अत्याचार का भीषण सत्र शुरू किया था।

इस हमले के बाद इस्रायल जोरदार हमले करेगा और सौदी-यूएई इन देशों को इस्रायल से सहयोग करना कठिन होगा, ऐसी साजिश इस हमले के पीछे होने के दावे विश्लेषकों ने किए थे। अब अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष ही इसकी पुष्टि करते दिख रहे हैं। लेकिन, अमेरिका जैसी महाशक्ति के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन इस साजिश के सबूत हमारे हाथ में नहीं है, यह कहकर अपने बयानों की विश्वासार्हता स्वयं कम करते दिखाई दिए। कुछ विश्लेषकों ने और पत्रकारों ने हमास के इस हमले के पीछे ईरान होने की बात दर्शायी हैं और इसके पीछे उत्तर कोरिया और चीन का भी योगदान होने की बात साबित करने वाले सबुत सामने आने की जानकारी साझा की हैं।

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