हमास, हिज़बुल्लाह ने इस्रायल पर हमला करने की साज़िश बीते वर्ष ही रची थी – लेबनीज अखबार का दावा

बैरूत/तेहरान –  इस्रायल पर भीषण हमले करने की साज़िश हमास और हिज़बुल्लाह ने बीते वर्ष ही रची थी। हमास का प्रमुख इस्माईल हनिया और हिज़बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्ला ने इसकी तैयारी की थी, यह दावा लेबनीज अखबार ने किया है। इस्रायल और हमास के बीच ११ दिनों का संघर्ष शुरू होने के दौरान, हमास-हिज़बुल्लाह के नेताओं का समावेश होनेवाले ईरानी सेना के ‘वॉर रूम’ का निर्माण लेबनान में किया गया था। इसके ज़रिये इस्रायल की हर एक गतिविधि पर नज़र रखने की कोशिश की जा रही थी, ऐसा इस अखबार ने कहा है।

Hamas-hezbollah-Israel-300x167कतार में आश्रय लेकर रहनेवाला हमास का नेता इस्माईल हनिया ने, बीते वर्ष के सितंबर महीने में लेबनान में किसी अज्ञात स्थान पर हिज़बुल्लाह का प्रमुख हसन नसरल्ला से मुलाकात की थी। हिज़बुल्लाह के दफ्तर ने इस मुलाकात के फोटो भी जारी किए थे। इस मुलाकात के दौरान हनिया और नसरल्लाह ने इस्रायल पर हमलें करने की साज़िश रची थी। इसके लिए वर्ष २००६ में हिज़बुल्लाह ने इस्रायल के विरोध में किए संघर्ष की रणनीति का इस्तेमाल करने की बात इन दोनों नेताओं ने तय की थी, ऐसी खबर ‘अल अखबार’ नामक हिज़बुल्लाह से जुड़े लेबनीज अखबार ने जारी की।

Hamas-hezbollah-Israel-01-300x195इस्रायल के लड़ाकू विमानों को चकमा देने के लिए रॉकेट लौंचर्स के जाली अड्डे स्थापित करने की बात भी इस मुलाकात में तय हुई थी। येमन में स्थित, ईरान से जुड़े हौथी विद्रोहियों के संगठन के प्रमुख ने हनिया से संपर्क बनाया था। इस्रायल पर हमलें करने की इस योजना में हमें भी शामिल करें और इस्रायल के कौन से ठिकानों पर हमलें करने हैं, इसकी जानकारी हमें प्रदान करें, यह माँग हौथी के प्रमुख ने की थी। लेकिन, इस्रायल की सेना जब तक मर्यादा पार नहीं करती, तब तक हौथी इस संघर्ष में ना उतरें, यह संदेश हनिया ने दिया था, ऐसा दावा हिज़बुल्लाह से जुड़े अखबार ने किया।

बीते महीने में इस्रायल और हमास के बीच ११ दिन का संघर्ष हुआ। इस संघर्ष के दौरान इस्रायल की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए और प्राप्त जानकारी हमास तक पहुँचाने के लिए, लेबनान की राजधानी बैरूत में ‘वॉर रूम’ स्थापित की गई थी। वहाँ पर हमास, हिज़बुल्लाह के नेताओं के साथ, ईरान के ‘रिव्होल्युशनरी गार्डस्‌’ के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। ईरान की ‘कुदस्‌ फोर्सेस’ के प्रमुख मेजर जनरल इस्माईल कानी दो बार इस वॉर रूम में मौजूद थे, यह दावा किया जा रहा है।

बता दें, हमास और हिज़बुल्लाह ये दोनों आतंकी संगठन हैं। उन्हें ईरान का राजनीतिक, आर्थिक और लष्करी समर्थन प्राप्त है। इस संगठन की सहायता से, ईरान हमारे देश पर सभी ओर से हमलें करने की तैयारी में होने का आरोप इस्रायल ने पहले ही किया था। हिज़बुल्लाह से जुड़े अखबार ने यह खबर जारी करके इस्रायल ने लगाए आरोपों को मज़बूती प्रदान की है।

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