फेडरल रिज़र्व और ‘ईसीबी’ की ब्याजदर बढ़ोतरी की पृष्ठभूमि पर वैश्विक शेअर बाज़ार की गिरावट – करीबी समय में दरों की बढ़ोतरी रोकने के संकेत

वॉशिंग्टन/ब्रुसेल्स – अमरीका एवं यूरोप के सेंट्रल बैंक ने ब्याज दर बढ़ाने का ऐलान किया है। विस्व के प्रमुख केंद्रीय बैंकों के इस ऐलान का असर शेअर बाज़ारों पर दिखाई दिया और इससे अमरीका, यूरोप, एशिया एवं पैसिफिक क्षेत्र के शेअर निदेशांकों की गिरावट हुई। ब्याज बढ़ाने का ऐलान करने के साथ ही अमरीका के ‘फेडरल रिज़र्व’ और ‘यूरोपिअन सेंट्रल बैंक’ ने करीबी समय में यह बढ़ोतरी रोकने के संकेत दिए हैं। 

फेडरल रिज़र्वबुधवार को अमरीका के ‘फेडरल रिज़र्व’ के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत बढ़ोतरी करने का ऐलान किया। इसके बाद अमरीका में ब्याजदर अब 5.25 प्रतिशत हुआ है। पिछले सात महीनों में यह पांचवी ब्याज दर बढ़ोतरी हैं और मार्च 2022 से की गई 10 वी बढ़ोतरी है। लगातार की गई बढ़ोतरी के बाद जून महीने में ब्याज दर बढ़ोतरी का निर्णय नहीं होगा, ऐसे संकेत फेडरल रिज़र्व के निवेदन से प्राप्त हुए हैं।  

इससे पहले जारी किए निवेदनों में फेड ने महंगाई निर्देशांका के स्तर का ज़िक्र करके अधिक सख्त निर्णय करने का बयान किया था। लेकिन, इस बार बैंक के अधिकारी अर्थव्यवस्था, महंगाई और वित्तीय बाज़ार पर हो रहे परिणामों का अध्ययन करके सही निर्णय किया जाएगा, ऐसा इसमें कहा गया है। नीति उचित दिशा में बढ़ रही है और मुमकिन हो दर बढ़ोतरी करने के निर्णय रोके जा सकते हैं, ऐसा फेडरल रिज़र्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने कहा। अमरीका का बैंकिंग क्राइसिस अभी खत्म नहीं हुआ है और कर्ज की सीमा बढ़ाने की लटकती तलवार अर्थव्यवस्था पर अभी भी कायम है। इस वजह से फेडरल रिज़र्व ब्याज बढ़ाना रोकने के संकेत दे रही हैं, ऐसा दावा विश्लेषकों ने किया है। 

अमरीका के फेडरल रिज़र्व के बाद यूरोपिय महासंघ के सेंट्रल बैंक ‘यूरोपियन सेंट्रल बैंक’ ने भी ब्याजदर बढ़ोतरी का ऐलान किया। ‘यूरोपियन सेंट्रल बैंक’ की प्रमुख ख्रिस्तिन लगार्ड ने ब्याज दर 0.25 प्रतिशत बढ़ोतरी करने की बात कही। यूरोपिय देशों में महंगाई का दर अभी भी ज्यादा होने का बयान करके यह बढ़ोतरी आवश्यक हैं, ऐसा समर्थन लगार्ड ने किया। नए ऐलान के बाद यूरोपियन सेंट्रल बैंक का ब्याजदर बढ़कर 3.25 प्रतिशत हुआ हैं और यह नवंबर 2008 के बाद सबसे ज्यादा है।

विश्व के दो प्रमुख सेंट्रल बैंकों ने ब्याज दर बढ़ाने के किए निर्णय का परिणाम वैश्विक शेअर बाज़ारों में देखा गया है। अमरीका, यूरोप, एशिया एवं पैसिफिक क्षेत्र के शेअर बाजारों की गिरावट हुई है। अमरीका में डो जोन्स, ‘एसॲण्डपी’, ‘नैस्डेक’ समेत कनाड़ा, मेक्सिको, ब्रिटेन, फ्रान्स, जर्मनी, बेल्जियम के शेअर बाज़ारों में भी 0.5 से 1 प्रतिशत गिरावट देखी गई। एशिया में चीन, दक्षिण कोरिया, मलेशिया के अलावा पैसिपिक क्षेत्र के ऑस्ट्रेलिया एवं इजिप्ट के शेअर बाज़ारों में भी गिरावट हुई है।

पिछले कुछ महीनों में वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी जैसा माहौल बना है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष , वर्ल्ड बैंक, संयुक्त राष्ट्र संगठन, विश्व व्यापार संगठनों के साथ कई प्रमुख संस्था एवं वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों ने वर्ष 2023 में मंदी से नुकसान पहुंचेगा, ऐसा अनुमान व्यक्त किया है। इसके लिए विश्व के प्रमुख देश कर रहे ब्याजदरों की बढ़ोतरी एक प्रमुख कारण बताया जा रहा है। इसका अहसास होने के बावजूद भी अमरीका और यूरोप के सेंट्रल बैंकों ने ब्याजदर बढ़ाना ध्यान आकर्षित कर रहा हैं। 

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