आतंकियों की आर्थिक सहायता रोकने के लिए ‘एफएटीएफ’ ने पाकिस्तान को दिया अधिक समय

पैरिस – पैरिस में हुई ‘फायनान्शिअल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) की बैठक में पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ मे कायम रखा गया है| वर्ष २०२० के फरवरी महीने तक पाकिस्तान का समावेश इसी सुचि में रहेगा| पर, इस दौरान आतंकियों के आर्थिक स्रोत बंद करने के लिए पाकिस्तान ने संतोषजनक काम नही किया तो फिर पाकिस्तान को ‘ब्लैक लिस्ट’ किया जाएगा, यह इशारा ‘एफएटीएफ’ ने दिया है| यह इशारा मिलने के बाद भी पाकिस्तान के माध्यम अपने देश की बडी जीत होने का दावा कर रही है|

आतंकियों पर कार्रवाई करने के लिए तय किए २७ में से सीफ पांच मानकों पर पाकिस्तान ने काम किया है| अन्य मानकों पर पाकिस्तान ने किया काम उम्मीद के अनुसार नही है, यह टिपणी ‘एफएटीएफ’ ने लगाई है| इसके बाद भी पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में कायम रखने का निर्णय किया गया है| पैरिस की इस परीषद में पाकिस्तान का समावेश डार्क ग्रे लिस्ट में किया जाएगा, यह दावे हो रहे थे| पर चीन ने हस्तक्षेप करने से पाकिस्तान इस कार्रवाई से फिलहाल बचा है| ऐसा होते हुए भी ‘एफएटीएफ’ ने पाकिस्तान को मात्र पांच महीनों का अवसर प्रदान किया है|

वर्ष २०२० के फरवरी महीने तक पाकिस्तान ‘ग्रे लिस्ट’ में ही रहेगा| पर इस दौरान पाकिस्तान ने आतंकियों के आर्थिक स्रोत तोडने के लिए जरूरी काम किया नही तो, पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा, यह इशारा ‘एफएटीएफ’ ने दिया है| इस वजह से ‘एफएटीएफ’ ने फिलहाल जैसे थे स्थिति बरकरार रखने का निर्णय किया हो, फिर भी पाकिस्तान के लिए यह निर्णय संतोष जनक नही है, ऐसा विश्‍लेषक कह रहे है| क्यों की पाकिस्तान को सिर्फ कार्रवाई करने का दिखावा करके ‘ब्लैक लिस्ट’ से बचना मुमकिन नही होगा, बल्कि आतंकियों पर की हुई पाकिस्तान की कारवाई की कडी समिक्षा होगी, ऐसा ‘एफएटीएफ’ ने कहा है|

फिर भी पाकिस्तान को ‘एफएटीएफ’ने ब्लैक लिस्ट ना करने से पाकिस्तान के माध्यम संतोष व्यक्त कर रहे है और कुछ माध्यमों ने यह निर्णय पाकिस्तान की बडी जीत होने का दावा तक किया है| पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट करने की भारत ने काफी कोशिशें की थी| पर इन्हें कामयाबी नही मिली, यह कहकर पाकिस्तान के माध्यम संतोष व्यक्त कर रही है| साथ ही प्रधानमंत्री इम्रान खान ने दुनिया के सामने पाकिस्तान का पक्ष काफी प्रभावी तरीके से रखने से ही ‘एफएटीएफ’ की कार्रवाई होने से रही, यह दावा पाकिस्तान के कुछ विश्‍लेषक कर रहे है|

असल में चीन ने हस्तक्षेप करने के कारण पाकिस्तान बच निकला दिख रहा है?और तुर्की एवं मलेशिया इन देशों ने भी पाकिस्तान का साथ देने से ही इस देश की मौत कुछ समय के लिए टल गई है|

वर्ष २०२० के फरवरी महीने में पाकिस्तान का समावेश ब्लैक लिस्ट में होने पर इस देश को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष एवं वैश्‍विक बैंक का कर्ज मिलना नामुमकिन होगा| साथ ही अन्य देशों को भी पाकिस्तान से आर्थिक सहयोग बरकरार रखना कठिन होगा|

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