इजिप्त में ईरान के विरोध में ‘अरब शिल्ड’ युद्धाभ्यास शुरू

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

कैरो – नाटो की पृष्ठभूमि पर बनाई गई ‘अरब नाटो’ संगठन के सदस्य देशों का युद्धाभ्यास इजिप्त में शुरू हुआ है| इन देशों का यह सबसे बडा युद्धाभ्यास है, ऐसा माना जा रहा है| दो हफ्ते के इस युद्धाभ्यास की माध्यम से अरब देश खाडी क्षेत्र में प्रभाव बढाने की कोशिष में रहे ईरान को चेतावनी दी जा रही है, ऐसा दावा हो रहा है| अरब देशों की इस युद्धाभ्यास पर ईरान के समर्थक माध्यम एवं विश्‍लेषक आलोचना कर रहे है|

इजिप्त की सेनाने प्रसारित की जानकारी के अनुसार, ‘अरब नाटो’ देशों का ‘अरब शिल्ड १’ युद्धाभ्यास दो हफ्ते शुरू रहेगा| इजिप्त के साथ सऊदी अरेबिया, संयुक्त अरब अमिराती, कुवैत, बाहरिन और जॉर्डन इन पांच अरब देशों की सेना, वायु सेना और नौदल इस युद्धाभ्यास में शामिल हुए है| इस के साथ ही लेबेनॉन और ओमान के सेना अधिकारि इस युद्धाभ्यास के लिये बतौर निरिक्षक उपस्थित है| पिछले कुछ वर्षों से इजिप्त इन अरब देशों के साथ युद्धाभ्यास कर रहा है| लेकिन इस वर्ष पहिली बार छह अरब देश एक होकर अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन कर रहे है|

अमरिका के कहने से अरब मित्र देशों ने यह लष्करी गुट स्थापित किया है| महिने पहले ही अमेरिका में अरब-खाडी मित्रदेशों की बैठक का आयोजन हुआ था| अमरिका के विदेश मंत्री माईक पौम्पिओ की नेतृत्त्व में आयोजित इस बैठक में ‘अरब शिल्ड’ के सदस्य देशों के साथ ही ओमान और कतार के विदेश मंत्री भी शामिल हुए थे| इसी बैठक के दौरान विदेश मंत्री पौम्पिओ ने सुन्नी अरब देशों की संयुक्त लष्करी गुट का प्रस्ताव रखा| ईरान और ईरान के समर्थक देशों के विरोध में अरब देश नाटो के पृष्ठभूमि पर स्वतंत्र लष्करी गुट बनाये, ऐसा पौम्पिओ ने कहा था| इस के बाद ही अरब देशों ने तेजी से यह बनाकर इस युद्धाभ्यास का आयोजन किया, ऐसा कहा जा रहा है|

इजिप्त के साथ अन्य अरब देशों ने इस विषय पर बोलने की बात टाल दी है| पर, इसके पहले भी ‘अरब नाटो’ संगठन बनाने के लिये प्रयत्न हुए थे| लेकिन, ट्रम्प प्रशासन के कारण यह संगठन प्रत्यक्ष गठित होते, दिखाई दे रहा है| यह संगठन आखाती क्षेत्र में अपना सियासी और लष्करी प्रभाव बढाने की कोशिष में रहे ईरान को कडा इशारा है, ऐसा दावा विश्‍लेषक कर रहे है| तभी, कुछ विश्‍लेषक अरब देशों की इस संगठन की आलोचना कर रहे है|

अमेरिका से प्रस्तावित ‘अरब नाटो’ से अरब देश बाहर निकले. अरब देशों का यह संगठन इराण के विरोध में, लेकिन इस्राइल की सहायता करनेवाली है, ऐसी आलोचन इजिप्त के विश्‍लेषक कर रहे है| अरब देश और ईरान के बीच हो रहा विवाद पर चर्चा के माध्यम से हल निकालना मुमकिन है| पर, इस लष्करी संगठन के कारण अरब और ईरान के बीच का तनाव काफी हद तक बढ सकता है, ऐसा इन विश्‍लेषकों का कहना है|

अगले कुछ घंटो में अमरिका द्वारा ईरान पर कडे प्रतिबंध जारी हो रहे है| अमेरिका के इस प्रतिबंधों को जवाब देने के लिये ईरान से पर्शियन आखात में हरकते होने की संभावना है| ईरान के नेता और सेना अधिकारी भी यह धमकी दे रहे है| अब ईरान पर अमेरिका के प्रतिबंध लागू होने के लिये कुछ ही अवधी बचा है तभी अरब देशों ने यह युद्धाभ्यास शुरू करके ईरान को धमकाया है, ऐसा दिख रहा है|

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