ताजिकिस्तान-चीन सीमा पर भूकंप – अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान में भी महसूस हुए झटके

दुशान्बे – तुर्की-सीरिया को दहलाने वाले भूकंप के झटके से पूरा विश्व अभी संभला भी नहीं हैं और इसी बीच गुरुवार सुबह ताजिकिस्तान-चीन के सरहदी क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस हुए। पहाड़ी क्षेत्र में हुए इस भूकंप में किसी के भी हताहत होने की जानकारी ना होने का बया ताजिकिस्तान ने किया है। लेकिन, इस भूकंप के झटके पड़ोसी अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान में भी महसूस हुए हैं। तुर्की के प्रलयंकारी भूकंप के बाद मध्य एशिया, अफ़गानिस्तान और चीन के बेल्ट को भी भूकंप का खतरा होने की चेतावनी दी थी।

स्थानिय समय के अनुसार गुरूवार सुबह ५.३० बजे ताजिकिस्तान के पूर्व के ‘गोर्नो-बड़ाखसान’ क्षेत्र को ६.८ रिश्टर स्केल तीव्रता के भूकंप के झटके लगे। अगले २० मिनिट बाद इसी क्षेत्र में ५ और बाद में ४.६ रिश्टर स्केल तीव्रता के और दो झटके महसूस हुए। लेकिन, इस क्षेत्र में जनसंख्या काफी कम हैं। यहां से ६७ किलोमीटर दूरी के मुरघोब शहर में इस क्षेत्र की सबसे ज्यादा आबादी है। इस भूकंप की वजह से करीबी हवाई अड्डे पर धांदली होने के वीडियोज्‌‍ सामने आए हैं।

इस वजह से गोर्नो-बड़ाखशान क्षेत्र को भारी तीव्रता के भूकंप ने दहलाया तो भी यहां पर कोई भी हताहत नहीं हुआ है, ऐसा ताजिकिस्तान की सरकार ने स्पष्ट किया। अमरीका के जिओलॉजिकल सर्वे विभाग ने भी इसकी पुष्टि की। लेकिन, गोर्नो-बड़ाखशान से चीन के झिंजियां प्रांत की सीमा काफी करीब हैं। झिंजियांग के काशगर क्षेत्र में ताजिकिस्तान में हुए भूकंप के झटके महसूस होने की कड़ी संभावना अमरीका ने जताई है।

ताजिकिस्तान की तुलना में चीन में अधिक तीव्रता के झटके महसूस होने के दावे भी कुछ विश्लेषकों ने किए हैं। लेकिन, अपारदर्शी कारोबार के लिए प्रसिद्ध चीन ने इसका किसी भी तरह का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया है। ताजिकिस्तान-चीन की सीमा पर महसूस हुए यह भूकंप के झटके अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान में भी महसूस हुए। लेकिन, इसकी तीव्रता काफी सौम्य थी, ऐसा दावा किया जा रहा है।
इसी बीच, आनेवाले समय में अफ़गानिस्तान और चीन में बड़ी तीव्रता के झटके लगेंगे और इसे भारत और पाकिस्तान तक भी महसूस किया जाएगा, ऐसी चेतावनी वैज्ञानिकों ने हाल ही के दिनों में दी थी।

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