कोरोनावायरस का संकट गहरा होने से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान खतरें में

इस्लामाबाद – चीन और ईरान इन दोनों पडोसी देशों में कोरोना वायरस की महामारी कोहराम मचा रही है। इसके बावजूद वहाँ पर बनी स्थिति नजरअंदाज कर रहें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पैरोंतले की जमींन खिसकने लगी है। अगले कुछ दिनों में ही यह महामारी पाकिस्तान में भयंकर उत्पात मचा सकती है, यह डर अब प्रधानमंत्री इम्रान खान ने व्यक्त किया है। लेकिन, इम्रान खान ने समय पर पाकिस्तान में लॉकडाउन जारी किया होता, तो पाकिस्तान की हो रही दुरवस्था कुछ मात्रा में कम करना संभव रहता, ऐसी कडी आलोचना शुरू हुई है और इस वजह से इम्रान खान की कुर्सी अस्थिर बनी है।

पाकिस्तान में फैली कोरोना वायरस की महामारी से अबतक ७२ लोगों की मौत हुई है और मरीजों की संख्या ४,७७८ तक जा पहुंची है। अगले दिनों में पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या और इस महामारी में मरनेवालों की संख्या कई गुणा बढेगी, यह डर इस देश के पत्रकार एवं वैद्यकीय विशेषज्ञ काफी पहले से व्यक्त करते रहें है। इसी वजह से प्रधानमंत्री इम्रान खान समय पर देश में लॉकडाउन जारी करें, यह माँग इन पत्रकार एवं विशेषज्ञों ने की थी। लेकिन इम्रान खान ने उनकी माँग पूरी करने से साफ़ साफ़ इन्कार किया था। पाकिस्तान जैसे गरीब देश में लॉकडाउन करने से भूखमरी की समस्या उभरेगी, यह कारण इम्रान खान ने दिया था।

चीन और ईरान इन पाकिस्तान के पडोसी देशों में कोरोना वायरस से हजारों लोगों की मौत हो रही है। इसके बावजूद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस महामारी को लेकर जरूरी गंभीरता नही दिखाई है। इस पर पाकिस्तानी माध्यमों ने जोरदार आलोचना की थी। लेकिन इम्रान खान ने उनकी इस आलोचना का जवाब देते समय, लॉकडाउन जारी करने का कदम उठानेवाले भारत जैसे पडोसी देश पर फिजूल बयानबाजी की थी और अपने निर्णय का समर्थन भी किया था। पर अब ऐसी गैरजिम्मेदाराना हरकत के नतीजें स्वयं इम्रान खान के लिए संकट बनते दिखाई दे रहे हैं।

इस महामारी का मुकाबला करने के लिए इम्रान खान ने फंड जमा करने का ऐलान करके, इस फंड के लिए सहायता करें, यह आवाहन जनता से किया है। साथ ही, इस महामारी से स्वयं की रक्षा करने के लिए घर में ही रहें, यह बिनती अब इम्रान खान अपनी जनता से कर रहे है। इसके अलावा, अगले दिनों में इस महामारी के मरीजों की संख्या में बढोतरी हुई, तो इन मरीजों पर इलाज करने के लिए पाकिस्तान में पर्याप्त अस्पताल नहीं है, यह भी इम्रान खान ने कहा है। दुनिया के अमीर देश भी इस महामारी के सामने बेबस हुए है और पाकिस्तान की कोशिश भी इस महामारी की सामने कम साबित होगी, इन शब्दों में अपने गैरजिम्मेदार रवैये का इम्रान खान ने स्वीकार किया है।

असल में इम्रान खान अब अपने ऐसे गलत रवैये दिखाने की बात का स्वीकार कर रहे है; लेकिन यह बात उन्होंने काफी पहले समझ कर पाकिस्तान में लॉकडाउन जारी करना आवश्‍यक था, ऐसी आलोचना होना भी शुरू हुआ है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की अकार्यक्षमता की क़ीमत इस देश को चुकानी होगी और अगले दिनों में पाकिस्तान के लिए स्थिति अच्छी नही रहेगी, ऐसी चेतावनी पाकिस्तान के पत्रकार अब खुलेआम दे रहे है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान की सेना ने नियंत्रण अपने हाथ में लिया है और इस महामारी को रोकने के लिए जरूरी गतिविधियाँ शुरू की हैं। इम्रान खान की खामियों से भरी कार्यपद्धती पर पाकिस्तान की सेना भी नाराज होने का दावा किया जा रहा है।

पाकिस्तानी सेना की नाराजगी देखें, तो बतौर प्रधानमंत्री इम्रान खान के हाथ में काफी कम समय बचा है, यह दावा पाकिस्तान के कुछ पत्रकार कर रहे हैं। जिस मात्रा में पाकिस्तान में कोरोना वायरस की महामारी कोहराम मचायेगी, उस मात्रा में इम्रान खान के विरोध में नाराजगी बढती जाएगी और उन्हें इस्तीफा देना ही होगा, यह संकेत पाकिस्तान के कुछ पत्रकार और भूतपूर्व राजनयिक अफसर दे रहे हैं। ऐसा हुआ, तो वह पाकिस्तान के हित में ही रहेगा। क्योंकि, इम्रान खान ने अपनी गैरजिम्मेदाराना हरकत से पाकिस्तान को काफ़ी बडे संकट में धकेल दिया है और इससे बाहर निकालने की क्षमता भी वे नहीं रखतें, ऐसी कडी आलोचना इन पूर्व राजनयिक अफसरों ने की है।

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