सिरिया में स्थित अमरिकी सैनिकी अड्डे पर ड्रोन हमलें – ईरान ने प्रतिशोध लेने का इस्रायली माध्यमों का दावा

दमास्कस/वॉशिंग्टन – सिरिया के अल-तन्फ के सैनिकी अड्डे पर सोमवार को ड्रोन्स हमलें किए गए। इनमें से कुछ हमलों को नाकाम किया होने का दावा अमरीका कर रही है। इराक-सिरिया की सीमा के करीब हुए इन हमलों के पीछे ईरान होने का दावा इस्रायली समाचार चैनल ने किया है। कुछ घंटे पहले इस्रायल ने सिरिया के तार्तूस में ईरानी सैनिकी अड्डे पर हवाई हमलें किए थे। इसका प्रतिशोध लेने के लिए ईरान से जुड़े गुट ने अमरीका के अड्डे पर हमला किया, ऐसा दावा इस्रायली माध्यमों ने किया।

अमरीका ने सिरिया में मौजूद अपनी सेना तैनाती काफी हद तक कम की है। फिलहाल सिर्फ २ हज़ार अमरिकी सैनिक सिरिया में तैनात होने का दावा हो रहा है। इनमें से इराक-सिरिया की सीमा से करीबी ‘अल-तन्फ’ सैनिकी अड्डे पर अमरीका के साथ मित्रदेशों के सैनिक एवं सिरिया की अस्साद हुकूमत के खिलाफ लड़ रहें विद्रोहियों का समावेश है।

सात साल पहले सिरिया पर कब्ज़ा पाकर रिहा हुए आतंकी संगठन ‘आयएस’ के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए यहाँ पर तैनाती करने का ऐलान अमरीका ने किया था। लेकिन, अल-तन्फ का अड्डा अमरीका के लिए काफी अहम है। इराक-सिरिया की सीमा के करीब होने के कारण, अस्साद हुकूमत की सहायता कर रहें ईरान और ईरान से जुड़े गुटों पर भी अमरीका ने कार्रवाई की, यह आरोप लगाए गए थे।

ऐसी स्थिति में सोमवार सुबह अल-तन्फ सैनिकी अड्डे पर ड्रोन हमलें किए गए। इनमें से एक ड्रोन अल-तन्फ के क्षेत्र में टकराया। इस हमले में अमरीका या मित्रदेशों की जीवित या वित्तहानी नहीं हुई, यह दावा किया जा रहा है। इससे पहले भी अल-तन्फ के अड्डे पर ईरान से जुड़े गुटों ने ड्रोन हमला करने की बात सामने आयी थी। लेकिन, वर्तमान में हुए ड्रोन हमलें अमरीका के लिए बड़ी चेतावनी है, ऐसा खाड़ी के माध्यमों का कहना है।

इस सैनिकी ठिकाने पर हुए ड्रोन हमले के लिए, कुछ ही घंटे पहले इस्रायल ने सिरिया में की हुई कार्रवाई ज़िम्मेदार होने का बयान इस्रायली माध्यमों ने किया है। इस्रायल के हमलों का प्रतिशोध लेने के लिए ईरान ने यह ड्रोन हमलें किए होंगे। सिरिया की अस्साद हुकूमत के विरोधी नेता ने, इस्रायली समाचार चैनल से बातचीत करते समय यह दावा किया।

रविवार शाम इस्रायल के लड़ाकू विमानों ने लेबनान की सीमा में घुंसकर सिरिया के तार्तूस पर हवाई हमलें किए, यह आरोप सीरियन सेना ने किया। वहाँ के ईरानी सैनिकी ठिकाने को लक्ष्य करके इस्रायल ने किए इस हमले में तीन सीरियन सैनिक मारे जाने की खबर सामने आयी थी। साथ ही, इस्रायल ने हवाई सुरक्षा यंत्रणा तबाह की होने का दावा भी किया जा रहा था। रशिया के नौसैनिकी अड्डे से मात्र कुछ ही दूरी पर इस्रायल ने किए इन हमलों को बड़ी गंभीरता से देखा जा रहा है।

इसी बीच, ईरान और ईरान से जुड़े आतंकी संगठनों को प्राप्त हमलावर ड्रोन्स, फिलहाल अमरीका और खाड़ी के मित्रदेशों के लिए सिरदर्द साबित हो रहे हैं। ईरान ने प्रदान किए इन ड्रोन्स का इस्तेमाल करके येमन के हौथी विद्रोही, सौदी अरब और यूएई के ईंधन प्रकल्पों पर सीधे हमलें कर रहे हैं, ऐसा आरोप हो रहा है। ऐसें में इराक के ईरान विरोधी गुटों पर भी ड्रोन हमलें होने की बात स्पष्ट हुई थी। गौरतलब है कि पिछले साल सिरिया से इस्रायल में दाखिल हुआ सशस्त्र ड्रोन भी ईरान का बना होने का आरोप इस्रायल ने लगाया था।

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