भारतीय सेना ने ‘डीबीओ’ में ‘टी-90’ टैंक तैनात किए

नई दिल्ली – भारत की आक्रामक भूमिका की वज़ह से लद्दाक की सीमा पर स्थित कुछ इलाकों से चीन को अपने सैनिकों को पीछे हटाने के लिए मजबूर किया गया है। लेकिन, इस मजबूरी के बाद अब चीन द्वारा अक्साई चीन में 50 हज़ार सैनिकों को तैनात किए जाने की ख़बरें प्राप्त हो रही हैं। उपग्रहों से प्राप्त चित्रों से यह बात स्पष्ट हो रही है। अक्साई चीन में जारी चीन की इन गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर भारत के सामरिक दृष्टिकोण से काफी अहम साबित हो रहे दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) में अपनी तैनाती बढ़ाई है। इसके अलावा वहां पर ‘टी-90’ टैंक का स्क्वॉड्रन भी तैनात किया गया है। काराकोरम पास में चीन की किसी भी आक्रामकता को मुँहतोड़ जवाब देने की तैयारी भारत द्वारा किए जाने का दावा भी किया जा रहा है।

‘टी-90’ टैंक

गलवान के संघर्ष के बाद भारत ने चीन से सटे सभी इलाकों में तैनाती बढ़ा दी है। भारत की इन आक्रामक गतिविधियों की वजह से चीन बेचैन है। भारत के दबाव के कारण चीन ने कुछ हिस्सों से अपने सैनिक पीछे हटाए हैं, लेकिन कुछ हिस्सों से पीछे हटने के लिए चीन तैयार नहीं है। ऐसा करने से अपनी बड़ी अवहेलना होगी, इस एहसास के कारण चीन द्वारा कुछ हिस्सों में सेना का जमावड़ा बढ़ाए जाने के भी समाचार हैं। अक्साई चीन में काराकोरम के करीब चीन की गतिविधियों में बड़ी बढौतरी हुई है। वहां पर चीन द्वारा 50 हज़ार सैनिक तैनात किए जाने के समाचार प्राप्त हो रहे हैं। इसके अलावा चीन ने वहां पर रडार और मिसाइल्स भी तैनात किए हैं।

इस पृष्ठभूमि पर काराकोरम पास में चीन की बढ़ती आक्रमकता को रोकने के लिए भारत ने डीबीओ में अपनी तैनाती बढ़ाई है। डीबीओ का स्थान काराकोरम पास से काफी करीब है। डीओबी भारत का लद्दाक में स्थित आखरी आउट पोस्ट है और यह सामरिक दृष्टिकोण से काफी अहम समझा जाता है। कुछ दिन पहले ही भारतीय सैनिकों ने डीबीओ तक सामान पहुँचाने के मार्ग में आनेवाली नदी पर एक पुल का विक्रमी समय में निर्माण किया था। यह पुल और निर्माण हो रहे रास्ते का काम बंद करने के लिए ही चीन ने भारतीय सेना को चुनौती देने का जोखिम उठाया था और इस क्षेत्र में घुसपैठ की, ऐसा विश्‍लेषकों का दावा है।

पीओके में चीन की सीपीईसी परियोजना से जुड़नेवाले काराकोरम पास के करीब भारत ने बढ़ाई तैनाती काफी अहम मानी जाती है। इस तैनाती की वजह से भारत कभी भी चीन की सीपीईसी पर फंदा कस सकता है, यह दावा भी किया जा रहा है। भारतीय सेना ने 12 ‘टी-90’ टैंक समेत 4 हज़ार सैनिक वहां पर तैनात किए हैं। इससे पहले भारत द्वारा वहां पर ‘155 एमएम होवित्झर’ और ‘130 एमएम’ की तोपें भी तैनात की गई हैं।

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