अमरिका पर ४०० ट्रिलियन डॉलर्स का कर्ज – निजी वित्तसंस्था का रपट

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन: अमरिका के वित्त व्यवस्था पर बना कर्ज उसके जीडीपी (सकल राष्ट्रीय उत्पादन) से लगभग २० गुना होकर यह आंकड़ा लगभग ४०० ट्रिलियन डॉलर्स पर गया है, ऐसी सनसनीखेज चेतावनी एक निजी वित्त संस्था ने दी है| कुछ महीनों पहले अमरिका के कोषागार विभाग ने देश पर राष्ट्रीय कर्ज २२ ट्रिलियन डॉलर्स पर होने की जानकारी प्रसिद्ध की थी|

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘एसेट मैनेजमेंट’ क्षेत्र में अग्रणी की कंपनी के तौर पर पहचाने जानेवाले एबी बर्नस्टेन ने अमरिका के कुल कर्ज के बारे में रिपोर्ट प्रसिद्ध किया है| इस कर्ज में अमरिकी सरकार ने जारी किए बांड के व्यतिरिक्त अन्य आर्थिक कर्ज एवं सामाजिक सुरक्षा, आरोग्य बीमा और पेंशन जैसे बातों से संबंधित दीर्घकालीन प्रावधान का भी समावेश किया गया है| जिसमें केंद्र सरकार राज्य एवं स्थानीय स्वराज्य संस्था से लिए कर्ज की रकम जीडीपी के १०० प्रतिशत होने की जानकारी दी गई है|

अमरिकन जनता ने लिया कर्जा एवं कंपनियों का कर्ज जीडीपी के १५० प्रतिशत से अधिक होकर सबसे अधिक प्रमाण सामाजिक सुरक्षा, आरोग्य बीमा एवं संबंधित योजनाओं की वजह से होनेवाले संभाव्य प्रावधान है| यह प्रमाण जीडीपी से लगभग ६३३ प्रतिशत से अधिक होने का दावा एबी बर्नस्टेन के रिपोर्ट में किया गया है|

अमरिका पर बना कर्ज का बोझ काफी बडा है एवं यह लगातार बढ़ रहा है| पर किसी भी क्षेत्र में कर्ज की समस्या का विचार करना है, तो आंकड़ों से अधिक उसपर होनेवाले बढ़ोतरी की गति एवं कुल स्थिति पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए, ऐसे शब्दों में एबी बर्नस्टेन के वित्त विशेषज्ञों ने कर्ज के बढ़ोतरी की गति की तरफ ध्यान केंद्रित किया है|

पिछले वर्ष के आखिर में जागतिक वित्त व्यवस्था पर कुल मिलाकर कर्ज का बोझ १८४ ट्रिलियन डॉलर्स (१८४ लाख करोड़ डॉलर्स) पर जाने की चेतावनी अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने दी थी| अंतरराष्ट्रीय वित्त व्यवस्था के जीडीपी का विचार करते हुए यह प्रमाण उसके लगभग २२५ प्रतिशत होने की बात सामने आई है| उसी समय इसके लिए अमरिका एवं चीन एवं जापान यह देश प्रमुख तौर पर जिम्मेदार होने की बात भी मुद्राकोष ने सूचित की थी|

पिछले कई महीनों में अमरिका चीन व्यापार युद्ध के साथ ब्रेक्जिट, ईरान जैसे घटकों की वजह से नए से जागतिक मंदी की शुरुआत होने की चेतावनी दी जा रही है| मंदी के कालखंड में आर्थिक बोझ में दबने की स्थिति अधिक गंभीर होने के संकेत वित्त विशेषज्ञों ने दिए हैं| इस पृष्ठभूमि पर दुनिया के प्रमुख वित्त व्यवस्था पर होनेवाला कर्ज़ का बड़ा बोझ अंतरराष्ट्रीय वित्त व्यवस्था पर नकारात्मक परिणाम करनेवाला हो सकता है, ऐसा दावा विश्‍लेषक कर रहे हैं| इसमें भी एबी बर्नस्टेन ने अमरिका पर बने कर्ज के बारे में सनसनीखेज दावा करते हुए, परिस्थिति की गंभीरता अधिक बढ़ाई है|

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