‘कोरोना वायरस’ तो मात्र हिमखंड की नोक है – चीन की वुहान लैब की वैज्ञानिक शी झेंग्ली का बयान

बीजिंग – विश्‍वभर में ३.२५ लाख से भी अधिक लोगों की मौत का कारण बना कोरोना वायरस तो मात्र हिमखंड का सिरा हैं, ऐसी चेतावनी चीन की वुहान लैब की प्रमुख वैज्ञानिक ‘शी झेंग्ली’ ने दी है। भविष्य में टकरानेवाली कोरोना वायरस से भी भयंकर महामारी को रोकना है, तो इस महामारी के विषाणु का अध्ययन करना होगा। नहीं तो भविष्य में इससे भी भीषण महामारी का सामना करना होगा’, यह चेतावनी झेंग्ली ने दी है। ‘बैट वुमन’ के तौर पर पहचानी जा रहीं झेंग्ली ने ही कोरोना के विषाणु का जन्म वुहान की लैब में होने की बात स्वीकार करके दुनियाभर में सनसनी फैलाई थी।

आंतर्राष्ट्रीय आलोचना का लक्ष्य बनीं वुहान की प्रयोगशाला की उप-प्रमुख और कोरोना वायरस के विषाणु पर काम कर रहीं वैज्ञानिक शी झेंग्ली ने चीन के समाचार चैनल से की बातचीत के दौरान यह चेतावनी दी। किसी विषाणु पर हो रहें अनुसंधान के बारे में सरकार और वैज्ञानिक के बीच पारदर्शीता एवं सहयोग होना ज़रूरी हैं, यह बात झेंग्ली ने कही है। साथ ही, फिलहाल विश्‍वभर में कोहराम मचा रहा कोरोना वायरस का विषाणु यानी सिर्फ़ हिमखंड की नोक है और इससे भी ड़रावनें विषाणु मौजूद हैं, ऐसी काँपनेवाली संभावना झेंग्ली ने जताई। भविष्य में प्राणियों से मानव में संक्रमित होनेवाले विषाणु पर पहले ही अनुसंधान होना आवश्‍यक है। तो ही इसके आगे टकरानेवाली महामारी को रोकना संभव होगा, यह बयान झेंग्ली ने किया है।

कोरोना वायरस से भी अधिक भयानक महामारी के बारे में चेतावनी देते समय झेंग्ली ने, वुहान की लैब का कोरोना वायरस से संबंध ना होने का अजब दावा किया। जिस विषाणुपर उन्होंने काम किया था, उस और कोरोना के विषाणु में बड़ा फ़र्क होने की बात झेग्ली ने इस समाचार चैलन से की बातचीत के दौरान कही। चीन सरकार के दबाव के कारण झेंग्ली ने अपने पहले के बयान से विपरित बयान किया, ऐसी चर्चा शुरू हुई है। इसके पीछे चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत का दबाव होने की गहरी संभावना है। क्योंकि, सन २०१५ में झेंग्ली ने ही वुहान लैब में किए अनुसंधान पर लिखे लेख में, ‘सार्स सिओव्ही-२’ यानी कोरोना वायरस का स्पष्ट ज़िक्र किया था। झेंग्ली का लेख और इससे संबंधित सरकारी समाचार चैनल ने बनायी डॉक्युमेंटरी कुछ हफ्ते पहले माध्यमों के सामाने आने से चीन की सरकार मुश्‍किल में फ़ँसी थी।

इसी वज़ह से, अब झेंग्ली को चीन की सरकार ने यह कहने पर मजबूर किया है कि हम काम कर रहें विषाणु और कोरोना वायरस के बीच संबंध नहीं है। ऐसा होते हुए भी, आंतर्राष्ट्रीय समुदाय झेंग्ली ने पहले सार्वजनिक की हुई जानकारी ही वैध मानेगा, यही दिख रहा है। क्योंकि, झेंग्ली ने सन २०१५ में प्रदान की हुई जानकारी, बिना किसी भी दबाव के दी थी। वहीं, अब झेंग्ली चीन की हुकूमत के दबाव में बयान कर रहीं हैं, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

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