जम्मू-कश्‍मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब सात हज़ार से अधिक बंकर्स का निर्माण

jammu-kashmir-bunkersश्रीनगर – जम्मू-कश्‍मीर में अंतरराष्ट्रीय और नियंत्रण रेखा के करीब सात हज़ार से अधिक बंकर्स का निर्माण कार्य पूरा होने की जानकारी अधिकारियों ने साझा की है। पाकिस्तान की लगातार हो रही गोलीबारी और मॉर्टर्स हमलों से नागरिकों की सुरक्षा के लिए इन बंकर्स का निर्माण किया जा रहा है। कुछ महीनों पहले जम्मू-कश्‍मीर की उरी स्थित नियंत्रण रेखा के करीबी इलाके में ‘कम्युनिटी बंकर्स’ का निर्माण जारी होने की बात कही गई थी।

जम्मू के विभागीय आयुक्त संजीव वर्मा ने मंगलवार के दिन वीडियो कान्फरन्सिंग के माध्यम से जम्मू के सरहदी क्षेत्र में जारी बंकर्स के निर्माण कार्य का जायजा लिया। इस दौरान बंकर निर्माण कार्य गतिमान करने की सूचना वर्मा ने दी है। पाकिस्तान की लगातार हो रही गोलीबारी से आम नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए जम्मू के पांच जिलों में १४,४६० बंकर्स का निर्माण किया जा रहा है। जम्मू स्थित अंतरराष्ट्रीय सीमा एवं नियंत्रण रेखा पर ६,८३९ निजी एवं ९३८ ‘कम्युनिटी’ को मिलाकर कुल ७,७७७ बंकर्स का निर्माण होने की जानकारी अधिकारियों ने साझा की।

jammu-kashmir-bunkersसांबा में कुल १,५६९ बंकर्स का काम पूरा हुआ है। जम्मू में ११६१, कठुआ में १५९१, राजौरी में २६०३ और पुंछ में ९२५ बंकर्स का काम पूरा किया गया है। साथ ही ३३४ बंकर्स का निर्माण कार्य पूरा होने के करीब है। इस निर्माण कार्य के साथ ही विभागीय आयुक्त ने प्रभाग के अलग अलग जिलों में सेना के लिए भूसंपादन के मुद्दे पर भी चर्चा की। भूसंपादन के मामलों का तुरंत निपटारा करने की सूचना उन्होंने अधिकारियों को दी है। इस दौरान बंकर्स के निर्माण कार्य में हो रही कठिनाईयों पर भी बातचीत हुई।

जम्मू-कश्‍मीर के बोनियार और उरी स्थित नियंत्रण रेखा के क्षेत्र में १८ सुरंगी बंकर्स का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इनमें से छह बंकर्स का काम शुरू हो चुका है। इस हर बंकर के निर्माण के लिए १० लाख रुपये खर्च होंगे। सीमा पर गोलीबारी शुरू होने पर सरहदी क्षेत्र के नागरिक इन बंकर्स में पनाह ले सकेंगे। उरी सेक्टर में लगातार हो रही गोलीबारी की वजह से यहां की जनता ड़र के साए में रहती है। इस वजह से सुरक्षा के लिए लगातार बंकर्स की माँग की जा रही थी। इसी बीच, इस वर्ष जम्मू-कश्‍मीर की नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान ने ३,८०० से अधिक बार युद्धविराम का उल्लंघन करने की जानकारी सामने आयी है।

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