ईरान के असंतोष के लिए ‘सीआयए’ जिम्मेदार नहीं- सीआयए के प्रमुख माईक पॉम्पियो

वॉशिंगटन: जनता की मांग को नजरअंदाज करने वाली सरकार की वजह से ईरान में प्रदर्शन भड़का है। ईरान में अस्थिरता के लिए ‘सीआयए’ जिम्मेदार नहीं है, ऐसा खुलासा अमरिका के मुख्य गुप्तचर संघटना सीआयए प्रमुख माईक पॉम्पियो ने किया है। साथ ही ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन रुकने वाले नहीं है, बल्कि फिर से एक बार प्रदर्शन का भड़का उड़ सकता है, ऐसा इशारा सीआयए के प्रमुख ने दिया है।

ईरान के ८० से अधिक शहरों में शुरू सरकार विरोधी प्रदर्शन रोकने में सफलता मिलने का दावा, ईरान के रेवोलुशनरी गार्ड ने किया है। लगभग ४५००० प्रदर्शनकर्ता शामिल होनेवाले आंदोलन कैसे रूके, इस की जानकारी देने की बात रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने टाली है। पर इस कारवाई में ईरान के सुरक्षा यंत्रणाने १२०० से अधिक प्रदर्शनकर्ताओं को कब्जे में लिया है और उस में नौजवानों का समावेश सबसे अधिक है ऐसा कहा जा रहा है। पिछले कई वर्षों में ईरान में नौजवान वर्ग सरकारी धारणाओं के कड़वे समर्थक तथा पाश्चात्य और मित्र देशों का विरोध करने वाले होने की बात कही जा रही है। ईरान के इन प्रदर्शनों में नौजवानों का बड़ा समभाग होने की बात उजागर होने की वजह से ईरान सरकार को झटका लगा है, ऐसा दावा ईरान तथा खाड़ी क्षेत्र के विश्लेषक कर रहे हैं।

ईरान में इन प्रदर्शनों के लिए अमरिका, इस्रायल और सऊदी अरब जिम्मेदार होने का आरोप, ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला खामैनी ने किया था। ईरान की गुप्तचर यंत्रणा के प्रमुख ने भी यह आरोप किए थे तथा कुछ घंटों पहले ईरान के सरकारी वकील मोहम्मद जावेद मोंताझेरी ने ईरान में असंतोष के लिए अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा सीआयए द्वारा भड़काने का आरोप किया था। सीआए के षड्यंत्र में इस्रायल की गुप्तचर संघटना ‘मोसाद’ भी शामिल थी, ऐसा दावा मोंताझेरी ने किया था।

ईरान के यह आरोप सीआयए के प्रमुख ने झुटलाएं हैं। ईरान की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, इसीलिए जनता को रास्ते पर उतर कर प्रदर्शन करने पड रहे हैं, ऐसा पॉम्पियो ने अमरिकन वृत्त माध्यम से बोलते हुए कहा है। साथ ही ईरान की पिछड़े हुए सल्तनत से जनता की मांग को सुरक्षित करने का आरोप भी सीआयए के प्रमुख ने किया है।

रहन-सहन सुधारना एवं धार्मिक शासन व्यवस्था से स्वतंत्रता प्राप्त कराना, इस वास्ते ईरान की जनता ने प्रदर्शन आयोजित करके उन्होंने ही वह व्यापक किया है, ऐसी टीका पॉम्पियो ने की थी। ईरान में इन प्रदर्शनों के पीछे अमरिका एवं अमरिका की यंत्रणा न होने के बात पॉम्पियो ने कही है। तथा ईरान की जनता सरकार विरोध में फिर से एक बार ऐसे प्रदर्शन कर सकते हैं, ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है, ऐसा पॉम्पियो आगे कहा है। साथ ही ईरान ने प्रदर्शन तोड़ने की घोषणा की थी, फिर भी ईरान में कुछ कई जगहों पर छोटे स्तर के सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू होने का दावा सीआयए के प्रमुख ने किया है।

ईरान की जनता पर कारवाई करनेवाले रोहानी सरकार के विरोध में मानव अधिकार का उल्लंघन का आरोप पत्र दाखिल करने की मांग अमरिका ने की है। उसके लिए पिछले हफ्ते में अमरिका ने संयुक्त राष्ट्र संघ की विशेष बैठक बुलाई थी। इस बैठक में राष्ट्रसंघ में अमरिका की राजदूत निकी हेले ने ईरान सरकार विरोध में कारवाई की मांग की थी। पर फ्रांस, ब्रिटेन और रशिया ने ईरान की बात उठाएं धरी है। प्रदर्शन यह ईरान का अंतर्गत मुद्दा होकर, अन्य देशों ने इस में हस्तक्षेप न करें, ऐसी स्पष्ट भूमिका रशिया और फ्रांस ने ली थी।

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