जम्मू-कश्मीर संबंधी भारत ने किए निर्णय पर चीन को आपत्ति – भारत ने दिया करारा जवाब

नई दिल्ली/बीजिंग – जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा प्राप्त होने के बाद चीन ने इस पर टिपणी लगाई है| भारत का यह निर्णय चीन की सार्वभूमता को चुनौती दे रहा है, ऐसा चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है| साथ ही यह निर्णय अवैध है और यह निर्णय ज्यादा मतलब नही रखता, ऐसी विरोधी प्रतिक्रिया चीन के प्रवक्ता ने दर्ज की है| इस पर भारत ने चीन को फटकार लगाई है| अन्य देश भारत की सार्वभूमता का सम्मान करें| यह भारत की उम्मीद होने की चेतावनी भारत के विदेश मंत्रालय ने दी है|

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख संबंधी केंद्र सरकार ने किए निर्णय पर अमल शुरू होते समय दुनिया भर से प्रतिक्रिया प्राप्त हो रहीहै| ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने यह भारत का अंदरुनी मसला होने की बात कही है| जर्मनी की चान्सेलर एंजेला मर्केल ने भी भारत की भूमिका का समर्थन करनेवाला बयान किया है| अमरिका के ट्रम्प प्रशासन ने धारा ३७० संबंधी भारत ने अपनाई भूमिका का समर्थन किया है और फ्रान्स ने भी इस मुद्दे पर भारत का साथ किया है| पर, लद्दाख पर अपना अधिकार बता रहे चीन ने इस मुद्दे पर उम्मीद के अनुसार अपनी आपत्ति जताई है|

भारत ने किया यह निर्णय अवैध और बेमतलब होने का दावा चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंक ने किया है| इसके अलाव इस वजह से चीन के कब्जे में होनेवाले लद्दाख के क्षेत्र की स्थिति में बदलाव नही होगा और इस पर चीन का ही कब्जा रहेगा, ऐसा शुआंग ने कहा है| भारत के इस निर्णय को चीन का विरोध ही रहेगा, यह कहते समय शुआंग ने इस वजह से चीन की सार्वभूमता को चुनौती मिल रही है, यह?आरोप भी रखा| साथ ही कश्मीर मुद्दे पर चीन की भूमिका में बदलाव नही हुआ है और इस मसले पर भारत और पाकिस्तान बातचीत के जरिए हल निकाले, यह उम्मीद चीन रखता है, ऐसा शुआंग ने कहा|

उनके इस बयान पर भारत ने तुरंत ही प्रतिक्रिया दी है| भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार ने इस मुद्दे पर बोलते समय, सभी देश भारत की सार्वभूमता का आदर करें, यह उम्मीद व्यक्त की| जम्मू-कश्मीर संबंधी भारत ने किया निर्णय भारत का अंदरुनी मसला है, इसमें किसी को भी हस्तक्षेप करना नही है, यह संकेत देकर रविश कुमार ने चीन ने जताई आपत्ति ठुकराई|

साथ ही वर्ष १९६३ में चीन ने पाकिस्तान से कश्मीर के सियाचीन क्षेत्र का हिस्सा प्राप्त किया था| चीन ने भारत के इस सार्वभूम क्षेत्र पर किया कब्जा भी अवैध है, इसकी याद भी रविश कुमार ने दिलाई|

भारत ने कभी भी दुसरे देश के अंदरुनी मसलों में हस्तक्षेप नही किया है| अन्य देशों से भी भारत यही उम्मदी रखता है, ऐसा सूचक बयान रविश कुमार ने किया है|

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