हॉंगकॉंग के प्रदर्शन का समर्थन कर रहे ब्रिटेन को चीन ने दिया झटका – ‘स्टॉक मार्केट’ से संबंधित व्यवहार रोक दिए

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबीजिंग/लंदन – हॉंगकॉंग में पिछले छह महीनों से भी अधिक समय से चल रहे जनतांत्रिक प्रदर्शनों को समर्थन दे रहे ब्रिटेन को चीन ने झटका दिया है| चीन के शांघायऔर ब्रिटेन के लंदनशेअर बाजार में हो रहे व्यवहारों पर चीन ने रोक लगाई है| ‘ब्रेक्जिटकी पृष्ठभूमि पर लंदन शेअर बाजार के कारोबार में गिरावट देखी जा रही है, तभी चीन ने किया यह निर्णय ब्रिटेन के लिए बडा झटका साबित होने की आशंका जताई जा रही है|

पिछले कुछ वर्षों में ब्रिटेन ने चीन के साथ आर्थिक और व्यापारी संबंध बढाने पर जोर दिया था| ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का चीन की यात्रा करना एवं चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग का ब्रिटेन में किया गया रेड कार्पेट स्वागतअंतरराष्ट्रीय स्तर पर बडी चर्चा का विषय बने थे| पिछले चार वर्षों में दोनों देशों में अरबों डॉलर्स के व्यापारी समझौते हुए थे| चीन का चलन युआनके साथ व्यवहार करने के लिए लंदन को अंतरराष्ट्रीय केंद्र बनाने का निर्णय भी किया गया था

पर, वर्ष २०१९ में हॉंगकॉंग में शुरू हुए जनतांत्रिक प्रदर्शन, उसपर हो रही कार्रवाई और ब्रिटेन ने इस मुद्दे पर दिखाई आक्रामकता की वजह से दोनों देशों के संबंधों में दुबारा तनाव बढना शुरू हुआ है| ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने हॉंगकॉंग के मुद्दे पर आक्रामक भूमिका अपनाई है और जॉन्सन सरकार ने प्रतिबंध लगाने के संकेत भी दिए है| आर्थिक और व्यापारी संबंधों का दायरा बढ रहा था, तभी ब्रिटेन ने हॉंगकॉंग के मुद्दे पर अपनाई चीन को काफी बेचैन करनेवाली साबित हुई थी|

चीन के राजदूत ने कुछ महीने पहले ही ब्रिटीश सरकार को खरीखोटी सुनाने की कोशिश की थी| पर, ब्रिटेन ने हॉंगकॉंग के मुद्दे पर अपनाई भूमिका में बदलाव नही होगा, यह बात ब्रिटेन ने स्पष्ट की है और साथ ही इस मुद्दे पर सही कदम उठाने की सलाह चीन को प्रदान की है| ब्रिटेन की नीति से नाराज हुए चीन ने अब ब्रिटेन को लेकर बनी नाराजगी और भी स्पष्ट तौर पर दिखाने का निर्णय किया है और लंदनएवं शांघायशेअर बाजार के संयुक्त व्यवहार बंद करने का किया निर्णय इसी नाराजगी के चलते किया गया है, यह कहा जा रहा है|

ब्रिटेन ने यूरोपियन युनियन से बाहर होने की प्रक्रिया शुरू की है और यूरोप से बाहर होते समय दुनिया के अन्य भागीदार देशों की साथ ब्रिटेन के लिए अहमियत रखती है| इसके लिए ब्रिटेन ने अमरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, भारत के साथ चीन को भी नजदिक रखने की कोशिश की है| पर, हॉंगकॉंग के मुद्दे पर चीन ने किया निर्णय दो देशों में बना तनाव बढानेवाला साबित होने के संकेत प्राप्त हो रहे है|

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