तैवान मुद्दे को लेकर जापान और चीन के बीच तनाव बढ़ने के संकेत

जापान और चीनटोकियो/बीजिंग – सेन्काकू आयलैण्डस्‌ और हाँगकाँग के मुद्दों पर चीन के खिलाफ आक्रामक भूमिका अपना रहे जापान ने अब तैवान के मसले पर भी चीन को खुली चुनौती देना शुरू किया है। जापान ने कुछ दिन पहले ही तैवान को कोरोना की लाखों वैक्सीन तोहफे में प्रदान की थी। इसके बाद जापान के प्रधानमंत्री ने संसद में तैवान को ‘देश’ बताने से चीन की काफी बौखलाहट हुई है। इसके बाद जापान की संसद ने तैवान को ‘वर्ल्ड हेल्थ असेंब्ली’ में शामिल करने के मुद्दे पर बहुमत के साथ प्रस्ताव पारित करने की बात सामने आयी है।

जापान और चीन संबंधों में बीते कुछ वर्षों से उतार-चढ़ाव हो रहा है और तनाव में बढ़ोतरी होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। चीन की ईस्ट चायना सी में लगातार हो रही घुसपैठ, कोरोना की महामारी की जानकारी छुपाने की हरकत, हाँगकाँग पर थोंपा गया कानून और आर्थिक एवं लष्करी सामर्थ्य के बल पर दबाव ड़ालने की कोशिशों के मुद्दे पर जापान ने आक्रामक भूमिका अपनाई है। इन मुद्दों पर दोनों देशों के बीच लगातार जुबानी मुठभेड़ एवं संघर्ष होने की बात भी सामने आ रही है।

जापान और चीनइसी तनाव में अब तैवान के मुद्दे की बढ़ोतरी हुई है और जापान ने अधिक से अधिक पुख्ता भूमिका अपनाना शुरू किया है। कोरोना संक्रमण के आरंभिक दौर में तैवान ने अपनाई भूमिका का समर्थन करनेवाले देशों में जापान सबसे आगे था। जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने हाल ही में संसद में किया हुआ बयान इसकी पुष्टी करनेवाला साबित हुआ है। प्रधानमंत्री सुगा ने कोरोना के दौर में जिन देशों ने इस संक्रमण को रोकने के लिए आक्रामक उपाय किए उनके नाम बयान करते समय ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैण्ड के साथ तैवान का भी ज़िक्र किया।

जापान के प्रधानमंत्री ने तैवान का देश के तौर पर ज़िक्र करने से चीन को काफी मीर्च लगी है। ‘जापान के गलत बयान पर चीन नाराज़ है। इससे संबंधित अधिकृत शिकायत भी जापान के सामने दर्ज़ की गई है। इसके आगे जापान ने तैवान के मुद्दे पर बोलते समय एवं कृति करते समय अधिक सावधानी बरतनी चाहिए’, इन शब्दों में चीन के विदेश जापान और चीनविभाग के प्रवक्ता ने संतप्त प्रतिक्रिया दर्ज़ की। चीन की इस प्रतिक्रिया के बाद जापान ने इस मुद्दे पर खुलासा करके तैवान संबंधित भूमिका में बदलाव ना होने की बात स्पष्ट की।

लेकिन, इसके बाद मात्र २४ घंटों के भीतर जापान की संसद ने ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायज़ेशन’ में तैवान का समावेश करने के लिए पूरा समर्थन देनेवाला प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव में अन्य देश भी तैवान का समर्थन करें, इसके लिए जापान की सरकार कोशिश करे, यह आवाहन भी किया गया है। तैवान के समर्थन में जापान द्वारा एक के बाद एक उठाए जा रहे कदम चीन को बेचैन कर रहे हैं।

चीन ने कुछ दिन पहले ही तैवान का समर्थन कर रहे ऑस्ट्रेलिया को आक्रामक शब्दों में धमकाया था। इसी तरह की प्रतिक्रिया जापान को लेकर भी दर्ज़ होने की संभावना है और इस वजह से जापान और चीन के बीच तनाव अधिक बढ़ेगा, ऐसे संकेत विश्‍लेषक दे रहे हैं।

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