बजट २०२३-२४ पेश

नई दिल्ली – देश की आज़ादी के अमृतकाल में पेश हो रहा केंद्रीय बजट सप्तर्षि यानी सात प्राथमिकता सामने रखकर पेश किया जा रहा हैं, ऐसा ऐलान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने किया। इन सात प्राथमिकताओं में ‘सर्वसमावेशक विकास, समाज के हर स्तर पर पहुँचना, बुनियादी सुविधा एवं निवेश, क्षमता को बढ़ावा देना, हरित विकास, युवाशक्ति और वित्तीय क्षेत्र का समावेश हैं, यह वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृतकाल में पेश किया गया यह बजट ऐतिहासिक है, यह कहकर गांव गांव के गरिब, किसान, मध्यमवर्ग के सपने यह बजट पूरा करेगा, यह विश्वास व्यक्त किया है।

कोरोना की महमारी और यूक्रेन युद्ध के कारण पूरे विश्व में आर्थिक मंदी होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर प्रदर्शन कर रहा हैं, इसका दाखिला देकर वित्त मंत्री सीतारामन ने बजट पेश किया। इस बजट में बुनियादी सुविधाओं का विकास, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन एवं प्रौद्योगिकी विकास के लिए बड़ा प्रावधान किया गया है। मध्यमवर्गियों को आय कर की प्रदान हुई सहुलियत राहत देगी, ऐसा प्रतिक्रिया व्यक्त हो रही है। साथ ही देश के रक्षा क्षेत्र के आर्थिक प्रावधान में भारी १३ प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है। बुनियादी सुविधाओं के लिए आवश्यक पूंजी निवेश ३३ प्रतिशत बढ़ाने का प्रावधान बड़ा ध्यान आकर्षित कर रहा है।

उद्योग क्षेत्र इस वजट का स्वागत कर रहा हैं। देश-विदेश के आर्थिक विशेषज्ञों ने यह बजट यानी भारत ने उचित दिशा में बढ़ाया कदम होने का बयान करके संतोष व्यक्त किया है। भारत के इस बजट की ओर पूरा विश्व बड़ी उम्मीदों से देख रहा है, ऐसा बयान प्रधानमंत्री मोदी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने किया थ। इस वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर से प्राप्त हो रही प्रतिक्रियों की अहमियत बढ़ रही है।

विकास को गति एवं नीचले स्तर की जनता तक विकास के लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रहे इस बजट में वित्तीय घाटा करीबन ६.४ प्रतिशत होगा। लेकिन, २०२५-२५ के बजट का यह घाटा कम करके ४.५ प्रतिशत किया जाएगा, ऐसी गवाही वित्त मंत्री सीतारामन ने दी।

भूटान, नेपाल, अफ़गानिस्तान, बांगलादेश, श्रीलंका, मॉरिशस, मालदीव, म्यांमार जैसे आर्थिक संकटों से घिरे पड़ोसी देशों के लिए भारत के इस बजट में बड़ा प्रावधान किया गया है। लेकिन, इसमें पाकिस्तान का समावेश नहीं हैं, भारत से अच्छे ताल्लुकात रखे होते तो यकिनन पाकिस्तान को भी भारत से कुछ तो प्राप्त हुआ होता, ऐसा स्वर पाकिस्तानी समाचार चैनलों पर कुछ लोग आलाप रहे है।

बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए ज्यादा प्रावधान

बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए किया गया ज्यादा प्रावधान इस बजट की प्रमुख विशेषता बना है। इसके अनुसार बुनियादी सुविधाओं के प्रकल्प के लिए पूंजी निवेश ३३.४ प्रतिशत बढ़ाकर १० लाख करोड़ किया गया है। इस वजह से देश के बुनियादी सुविधाओं के विकास क्षेत्र में निजि निवेश होने की प्रक्रिया गतिमान होगी, यह विश्वास व्यक्त किया जा रहा हैं।

इसके साथ ही बुनियादी सुविधाओं के प्रकल्पों के लिए राज्य सरकारों को बिना व्याज कर्ज उपलब्ध कराने का प्रावधान हैं और इस ऋण का भुगतान ५० सालों में करना होगा। बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए किए गए इस प्रावधान से अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ प्राप्त होगा, यह विश्वास व्यक्त किया जा रहा हैं।

 

सात लाख तक की आय पर कर सहुलियत का ऐलान

बुधवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट में सात लाख तक की सालाना आय करमुक्त करने का ऐलान किया गया। फिलहाल यह मर्यादा पांच लाख रुपये थी। इसके लिए पुरानी कर पद्धति में बदलाव किया गया है। नई कर पद्धति के अनुसार शून्य से ३ लाख तक के सालाना आय पर कोई भी कर नहीं होगा। तीन से छह लाख रुपयों के आय पर पांच प्रतिशत, छह से नौ लाख रुपयों के आय के लिए १० प्रतिशत कर वसुला जाएगा। साथ ही सात लाख रुपये की सालाना आय के लिए सहुलियत घोषित हुई है और करों का भुगतान करने पर उसका ‘रिबेट’ दिया जाएगा, यह घोषित हुआ है।

९ से १२ लाख की आय के लिए १५ प्रतिशत, १२ से १५ रुपये आय के लिए २० प्रतिशत और १५ लाख से अधिक आय के लिए ३० प्रतिशत कर वसुली होगी। करों का भुगतान अधिक सुलभ करने के लिए ‘नेक्स्ट जनरेशन टैक्स फॉर्म’ जारी किया जाएगा, यह ऐलान भी बजट में किया गया है।

 

कृषि क्षेत्र की ऋण सहायता मे ११ प्रतिशत बढ़ोतरी

देश के कृषि क्षेत्र को इस बजट में ११ प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ २० लाख करोड़ रुपयों की ऋणसहायता प्रदान होगी। पशुपालन, दुग्धउत्पाद एवं मत्स्योत्पादन के लिए भी बढ़ावा दिया जाएगा, यह ऐलान वित्त मंत्री ने किया। इसके साथ ही रोग मुक्त एवं सशक्त फल उत्पादन के लिए करीबन २,२०० करोड़ रुपयों का प्रावधान घोषित किया गया है। ‘पीएम किसान स्किम’ के तहत २.२० लाख करोड़ रुपये किसानों को प्रदान हुए हैं, यह जानकारी भी निर्मला सीतारामन ने प्रदान की।

प्रधानमंत्री मत्स्यसंपदा योजना जल्द ही कार्यान्वित होगी और इसके लिए ६ हज़ार करोड़ रुपयों का निवेश होगा। मछुवारे, विक्रेता और इस क्षेत्र के छोटे और मध्यम उद्योगों को इससे लाभ प्राप्त होगा, इस विचार से यह योजना चलाई जाएगी, ऐसा सीतारामन ने कहा।

साथ ही छोटे एवं मध्यम किसानों को प्रदान हो रहे गैर जमानती कर्ज की मर्यादा एक लाख के बजाय बढ़ाकर १.६० लाख करने के रिज़र्व बैंक ने किये निर्णय की जानकारी भी निर्मला सीतारामन ने इस दौरान साझा की।

 

रक्षा खर्च में ११ प्रतिशत वृद्धि

पिछले बजट में ५.२५ लाख करोड़ रुपयों का रक्षा क्षेत्र के लिए बजट में किया प्रावधान इस बजट में १३ प्रतिशत बढ़ाया गया है। इस बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए अब ५.९४ लाख करोड़ रुपये प्रदान होगे. साथ ही निवृत्त सैनिकों के पेन्शन के लिए १.३८ लाख करोड़ रुपयों का प्रावदान किया गया हैं। इसके अलावा नए शस्त्र एवं रक्षा सामान की खरीद के लिए करीबन १.६२ लाख करोड़ रुपयों का विशेष प्रावधान किया गया है, यह ऐलान भी वित्त मंत्री ने किया। इस वजह से रक्षाबलों के आधुनिकीकरण की प्रतिक्रिया गतिमान होगी, यह विश्वास वित्त मंत्री ने व्यक्त किया।

बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) के लिए पांच हज़ार करोड़ रुपये और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के लिए २३,२६४ करोड़ रुपयों का निधि घोषित किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसका स्वागत किया है। यह बजट देश को पांच ट्रिलियन डॉलर्स की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशाने में बढ़ानेवाला है, ऐसा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है।

 

रेल

रेल विकास के लिए ज़रूरी पूंजी लागत बढ़ाकर २.४० लाख किया गया है। इसके अनुसार ट्रेन्स के आधुनिकीकरण से कोच में सुधार करने के लिए भी निधी मुहैया किया गया है। इसके साथ ही रेल यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधाओं पर खास ध्यान दिया जाएगा। वंदे भारत जैसी गतिमान ट्रेन शुरू होने से रेल मार्ग की पटरी का नवनीकरण एवं आधुनिकीकरण करने के लिए विशेष प्रावधान के तौर पर १७,२९६ करोड़ रुपये प्रदान होंगे।

रेलवे माल ढुलाई एवं अन्य ज़रियों से प्राप्त हो रहे राजस्व की काफी बढ़ोतरी हुई है, यह कहकर केंद्रीय वित्त मंत्री ने इसपर संतोष व्यक्त किया। साल २०२२-२३ में रेलवे का राजस्व १.६५ लाख करोड़ था। साल २०२३-२४ के वित्तीय साल में रेलवे का कुल राजस्व बढ़कर १ लाख ७९ हज़ार ५०० करोड़ रुपये होगा, यह विश्वास केंद्रीय वित्त मंत्री ने व्यक्त किया है।

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