‘बॉम्बे हाय’ के करीब डूबे ‘बार्ज’ पर मौजूद ५२ कर्मी अभी भी लापता – २२ के शव हुए बरामद

पी-३०५ नामक बार्ज पर मौजूद १८६ कामगारों को सुरक्षित बचाया गया है और इनमें से १२५ कामगारों को बुधवार के दिन भारतीय नौसेना की ‘आयएनएस कोची’ युद्धपोत से मुंबई लाया गया। इस दौरान कुछ कामगारों को वह कैसी स्थिति से बच निकले, यह बयान करते समय आंसूओं को काबू करना संभव नहीं हुआ।

‘बॉम्बे हाय’नई दिल्ली – मुंबई के तट से १७० समुद्री मील दूरी पर अरब सागर में स्थित ‘बॉम्बे हाय’ के करीब डूबे बार्ज पर मौजूद ५२ कर्मी अभी तक लापता हैं। जैसे-जैसे समय बीत रहा है वैसे-वैसे इन कामगारों की बचने की संभावना कम होने लगी है। अब तक २२ लोगों के शव बरामद हुए हैं और इस बार्ज पर मौजूद २७३ में से १८६ को सुरक्षित बचाया गया है। इनमें से कईयों ने बार्ज के डूबने के साथ समुद्र में छलांग लगाई थी और लाईफ जैकेट की सहायता से १० से ११ घंटे तैरकर सहायता प्राप्त होने की प्रतिक्षा करने की बात सामने आ रही है। इस दुर्घटना से बच निकले इन कामगारों ने मात्र नौसेना की वजह से हम आज बचे हैं, ऐसा कहकर आभार व्यक्त किया।

तौक्ते चक्रवात के दौरान ‘ओएनजीसी’ के दो बार्ज और एक खनन जहाज़ भटक गए थे। इसके अलावा एक निजी कंपनी का बार्ज़ भी इस तूफान में भटका था। इन बार्ज और खनन जहाज़ पर कुल ७१३ कामगार मौजूद थे। इनमें से ६३७ कामगारों को बचाने में सफलता हासिल हुई। विशाल लहरें, तूफानी हवाएं और मूसलाधार बारिश के दौरान नौसेना और तटरक्षक बल ने राहतकार्य शुरू करके इन जहाज़ों पर मौजूद कामगारों को बचाया। यह राहत अभियान चलाने में बड़ी चुनौतियां थीं। लेकिन, जान को खतरे में ड़ालकर भारतीय नौसैनिकों ने सैंकड़ों की जान बचाई है।

‘ऑईल ऐण्ड नैचरल गैस कॉर्पोरेशन’ (ओएनजीसी) के पी-३०५ बार्ज डूबने के साथ इस पर मौजूद २७३ कामगारों के जान को खतरा निर्माण होने की सूचना नौसेना को सोमवार तड़के ही प्राप्त हुई थी। तौक्ते चक्रवात की गति और भीषणता को लेकर पहले ही सबको चौकन्ना किया गया था। मौसम विभाग ने ऐसा अलर्ट भी जारी किया था। इसके बाद ‘ओएनजीसी’ ने इस खनन क्षेत्र में काम कर रहे एवं इन बार्ज पर मौजूद कामगार एवं अन्य नाविकों को तुरंत तट पर पहुँचाने की सूचना कान्ट्रैक्टर को प्रदान की थी। लेकिन, इस बार्ज के अफसरों ने इसे नजरअंदाज किया, यह बात इस बार्ज से बचाए गए कामगारों की प्राप्त प्रतिक्रिया से सामने आ रही है।

तौक्ते चक्रवात इस स्थान से लगभग १२५ मील दूरी से आगे बढ़नेवाला है, इस वजह से खतरा नहीं होगा, इस गलतफहमी में रहकर बार्ज के अफसरों ने निर्णय किए। कामगारों द्वारा चिंता व्यक्त करने के बावजूद अफसरों के हमारी कुछ नहीं सुनी, ऐसी प्रतिक्रिया इनमें से कुछ लोगों ने दर्ज़ की।

‘बॉम्बे हाय’रविवार १६ मई की रात हवा की गति बढ़ने लगी और बड़ी लहरें उठने लगीं। तब अफसरों को खतरे का अनुमान हुआ और उन्होंने ‘ओएनजीसी’ से सहायता का अनुरोध किया। लेकिन, उस स्थिति में सहायता प्रदान करने में ‘ओएनजीसी’ ने असमर्थता दिखाई और इसके बाद नौसेना और तटरक्षक बल को सूचना दी गई, यह जानकारी कुछ कामगारों ने माध्यमों को प्रदान की। ‘पी-३०५’ बार्ज के सभी छह एंकर लहरों के झटकों से टूट गए। इसके बाद यह बार्ज प्रकल्प से दूर चक्रवात की दिशा में सरकने लगा। १० से १३ मीटर ऊँची उठ रही लहरों की वजह से बार्ज में पानी भरने लगा। ऐसी स्थिति में सभी कामगारों को बचने की संभावना खत्म होती दिखाई दे रही थी।

इतने बड़े तूफान में किसी भी जहाज़ को काबू करना कठिन होता है। युद्धपोतों के लिए भी ऐसी स्थिति कठिन मानी जाती है, यह जानकारी एक नौसेना अफसर ने प्रदान की। इसके बावजूद इन कामगारों को बचाने के लिए नौसेना और तटरक्षक बल ने मुहिम शुरू की, ऐसा इस अफसर ने कहा।

मंगलवार तक ‘पी-३०५’ के १७७ कामगारों को बचाया गया। नौसेना के पांच युद्धपोत और कुछ हेलिकॉप्टर्स की सहायता से यह राहतकार्य जारी था तभी यह बार्ज डूबा था। इसके बाद तैर रहे कई कामगारों को नौसेना ने बाहर निकाला। हवा और लहरों की गति, मूसलाधार बारिश की वजह से दृश्‍यता कम हो गई थी, इससे राहतकार्य काफी मुश्‍किल हुआ था। बीच-बीच में यह राहतकार्य कुछ समय के लिए रोकना भी पड़ रहा था।

लेकिन, हरएक की जान बचाने के लिए नौसेना ने कड़ी कोशिश की। बार्ज के डूबने के बाद बचाए गए अधिकतम कामगार लाईफ सेविंग जैकेट पहने हुए थे। इनमें से कुछ लोग तैरने से थके हुए थे और कुछ होश खो बैठे थे, यह जानकारी भी सामने आ रही है। इस वजह से लापता हुए अन्य कामगार भी लाईफ सेविंग जैकेट पहने होंगे और वे लहरों के साथ दूर बह गए होंगे। इस वजह से उनके जीवित होने की संभावना को देखकर नौसेना उन्हें तलाश रही है। अब तक २२ के शव बरामद हुए हैं और इस वजह से लापता हुए ५२ के बचने की संभावना कम है। लेकिन, नौसेना और तटरक्षक बल अभी भी राहतकार्य में जुटे हुए हैं।

इसी बीच मुंबई तट से ४५ मील दूरी पर भटके ‘जीएएल कन्स्ट्रक्शन’ कंपनी के बार्ज पर मौजूद सभी १३७ नाविकों को नौसेना ने सोमवार के दिन ही बचाकर बाहर निकाला था। ऐसे में गुजरात के पीपावाव से ५० मील समुद्री मील दूरी पर ‘ओएनजीसी’ का ‘सागर भूषण’ नामक खनन जहाज़ और ‘एसएस-३’ नामक बार्ज के २९७ लोगों को बचाया गया है। नौसेना और तटरक्षक बल ने अरब सागर में किए इस राहतकार्य का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार के दिन जायज़ा लिया।

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